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अयोध्या के बाद अब काशी और मथुरा के लिए होगा बड़ा आंदोलन- विनय कटियार

राम मंदिर निर्माण को लेकर ईटीवी भारत ने भाजपा नेता विनय कटियार के साथ खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि मैं राम मंदिर आंदोलन का सहभागी नहीं नेतृत्वकर्ता रहा हूं. मैं बीजेपी में केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़कर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर हर पद पर रहा हूं. उन्होंने कहा कि एक तरफ अयोध्या में मंदिर बनता रहेगा, दूसरी तरफ काशी और मथुरा के लिए नया आंदोलन खड़ा होगा. अभी सिर्फ एक काम पूरा हुआ है.

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Published : Aug 2, 2020, 7:30 AM IST

सवाल: अयोध्या में कैसा माहौल है. संत और लोग कैसा महसूस कर रहे हैं.

जवाब: बहुत अच्छा वातावरण है. पूरे अयोध्या में उत्साह है. साधु-संत उत्साहित हैं. पूरे अयोध्या में पुताई हो रही है. दीपावली का उत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है. 5 तारीख को पूरे तरीके से दीपावली मनाई जाएगी. केसरिया रंग से अयोध्या सजेगा. पताका-झालर लगाए जा रहे हैं. लाइट जलाई जा रही है.

सवाल: अयोध्या में नए उत्साह का सृजन हो रहा है. आपने इसके लिए 90 के दशक में सड़कों पर संघर्ष किया है. 25-30 साल के आंदोलन के बाद कार्यकर्ता के तौर पर अनुभव कैसा रहा.

जवाब: अनुभव बहुत अच्छा था. उत्साह का वातावरण था. लाठी-गोली खाने के बाद भी उत्साह में कमी नहीं आई. आदरणीय मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री थे, कारसेवकों के ऊपर गोली चलाई गई थी. बहुत सारे कारसेवकों की उसी स्थान पर मौत हो गई थी. सरयू नदी रक्तरंजित हो गई. खून से नालियां भर गईं. ऐसा होने के बाद क्षणिक दुख हुआ कि कई कारसेवक शहीद हो गए. कोलकाता के रहने वाले दो सगे भाई कोठारी बंधु की मौत हो गई. इसके बाद भी मुलायम सिंह आंदोलन नहीं रोक सके. उनको समझौता करना पड़ा. सबको रामजन्मभूमि का दर्शन कराया. मगर मुलायम सिंह जी हमेशा इतिहास में हत्यारे के रूप में याद किए जाएंगे. रामभक्तों पर गोलियां चलाईं. इसलिए वह ऐसे रूप में याद किए जाएंगे.

ईटीवी भारत से बीजेपी नेता विनय कटियार की खास बातचीत

सवाल: बजरंग दल की स्थापना का मकसद क्या पूरा हो रहा है.

जवाब: बजरंग दल की स्थापना मैंने राम मंदिर के लिए की थी. इसकी स्थापना काशी विश्वनाथ और मथुरा की मुक्ति के लिए भी की गई थी. तीनों स्थान मुक्त होने चाहिए. यह हमारा संकल्प है. अभी अयोध्या मुक्त हुआ है. काशी मथुरा बाकी है. अभी इस पर कार्यक्रम तय होने हैं, उस पर मैं बाद में बात करूंगा. अभी यह कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री 5 तारीख को बड़े महत्व का काम करने के लिए अयोध्या आ रहे हैं. भूमि पूजन के लिए अयोध्या आ रहे हैं. जब तक मंदिर रहेगा, नरेंद्र मोदी अमर रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जुझारू नेता हैं. एक शेर की भांति चलते हैं. कई लोग भूमि पूजन में नरेंद्र मोदी के शामिल होने की आलोचना कर रहे हैं. देहात की एक कहावत है कि जब हाथी गांव में चलता है, कुत्ते भौंकते हैं. अभी प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो विपक्ष बोल रहा है. उनके विरोध से हमें लाभ होगा. राम मंदिर पूरी तरह तैयार हो जाएगा. सबकी मंशा है कि राम मंदिर बने और भव्य राम मंदिर बनेगा.

सवाल: उमा भारती और कल्याण सिंह भी मानते हैं कि काशी-मथुरा का मसला अयोध्या से भिन्न है. अयोध्या और काशी-मथुरा में क्या फर्क है.

जवाब: अयोध्या में खंडहर खड़ा था. यहां नए सिरे से मंदिर बनाना था. काशी-मथुरा में मंदिर है. यह बात सही है. मगर मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का गर्भगृह मस्जिद में है, वह मुक्त होनी चाहिए. वहां मंदिर नहीं बनेगा मगर कृष्ण की जन्मभूमि मुक्त होनी चाहिए. काशी में भी बाबा विश्वनाथ को बगल के खंडहर से बाहर निकालना है. हम मुक्ति का अभियान शुरू करेंगे. सबसे विचार-विमर्श करते हुए हम इस पर काम करेंगे. जब राम मंदिर के लिए काम शुरू किया था तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शक्ति हमारे साथ थी. अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ, परमहंस रामचंद्र दास और दाउद दयाल खन्ना जैसे नेतृत्व के कारण आंदोलन अंजाम तक पहुंचा है.

सवाल: राम मंदिर के लिए दशकों तक संघर्ष चला. सहमति से काशी और मथुरा का समाधान हो तो देश और समाज के लिए बेहतर होगा.

जवाब: अटल बिहारी वाजपेयी के राज में मुस्लिम समाज को 40 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे उन्होंने इनकार कर दिया था. मगर अदालत ने हमारे पक्ष में फैसला कर दिया और कुल 67 एकड़ जमीन हमें मिल गई. मुझे प्रसन्नता है कि मुस्लिम समाज को भी जमीन दी गई, वह अपनी मस्जिद बनाएं. या अपने धर्म के हिसाब से जमीन का उपयोग करें. हमें कोई आपत्ति नहीं है. काशी विश्वनाथ और मथुरा के मंदिरों को हम तोड़ना नहीं चाहते. मगर उसमें जो बाधा है, उसे दूर किया जाए. कृष्ण जन्म स्थान पर कोठरी बनी है. उसके लिए सिर्फ एक दरवाजे को खोलना है. वही हमारा पुराना स्थान है़, जिस पर केस चल रहा है. काशी में ऐसी ही स्थिति है. हमें इसके लिए पहले कैसी लड़ाई लड़नी है, यह देखेंगे.

सवाल: मंदिर बनने में 3-4 साल लगेगा. इस दौरान श्रद्वालुओं के लिए क्या व्यवस्था है.

जवाब: भक्तों के लिए पूरी व्यवस्था है. अयोध्या में मंदिर का नया ढांचा बना है. हर भक्त को दर्शन करने का मौका मिलेगा. भगवान राम अब टेंट में नहीं हैं. उन्हें ठीक तरह से स्थापित किया गया है. लोग दर्शन करने जा रहे हैं. भक्त वहां से प्रसन्न होकर लौट रहे हैं. मंदिर बनेगा तो भक्तों को मंदिर देखने की भी अनुमति देंगे कि काम कैसा चल रहा है. राम की जन्मभूमि भक्तों को पूरी तरह से मस्त कर देगी.

सवाल: राम मंदिर के लिए लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, स्वर्गीय अशोक सिंघल और उमा भारती का भी काफी योगदान रहा है.

जवाब: स्वर्गीय अशोक सिंघल हमारे मार्गदर्शक थे. उन्होंने मुझे कार्यकर्ता बनाया. उन्हीं के मार्गदर्शन में हमने काम शुरू किया.

सवाल: लाल कृष्ण आडवाणी जी भी जाएंगे अयोध्या दर्शन के लिए. आडवाणी जी की भूमिका को कैसे सबक करेंगे.

जवाब: माननीय आडवाणी जी धर्म के प्रति बहुत जागरूक हैं. वो अयोध्या आते. शायद आडवाणी जी की उम्र अयोध्या आने के लिए अनुमति नहीं दे रही होगी. मुझे जानकारी नहीं है. हमने बातचीत नहीं की है उनसे.

सवाल: अयोध्या में कैसा माहौल है. संत और लोग कैसा महसूस कर रहे हैं.

जवाब: बहुत अच्छा वातावरण है. पूरे अयोध्या में उत्साह है. साधु-संत उत्साहित हैं. पूरे अयोध्या में पुताई हो रही है. दीपावली का उत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है. 5 तारीख को पूरे तरीके से दीपावली मनाई जाएगी. केसरिया रंग से अयोध्या सजेगा. पताका-झालर लगाए जा रहे हैं. लाइट जलाई जा रही है.

सवाल: अयोध्या में नए उत्साह का सृजन हो रहा है. आपने इसके लिए 90 के दशक में सड़कों पर संघर्ष किया है. 25-30 साल के आंदोलन के बाद कार्यकर्ता के तौर पर अनुभव कैसा रहा.

जवाब: अनुभव बहुत अच्छा था. उत्साह का वातावरण था. लाठी-गोली खाने के बाद भी उत्साह में कमी नहीं आई. आदरणीय मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री थे, कारसेवकों के ऊपर गोली चलाई गई थी. बहुत सारे कारसेवकों की उसी स्थान पर मौत हो गई थी. सरयू नदी रक्तरंजित हो गई. खून से नालियां भर गईं. ऐसा होने के बाद क्षणिक दुख हुआ कि कई कारसेवक शहीद हो गए. कोलकाता के रहने वाले दो सगे भाई कोठारी बंधु की मौत हो गई. इसके बाद भी मुलायम सिंह आंदोलन नहीं रोक सके. उनको समझौता करना पड़ा. सबको रामजन्मभूमि का दर्शन कराया. मगर मुलायम सिंह जी हमेशा इतिहास में हत्यारे के रूप में याद किए जाएंगे. रामभक्तों पर गोलियां चलाईं. इसलिए वह ऐसे रूप में याद किए जाएंगे.

ईटीवी भारत से बीजेपी नेता विनय कटियार की खास बातचीत

सवाल: बजरंग दल की स्थापना का मकसद क्या पूरा हो रहा है.

जवाब: बजरंग दल की स्थापना मैंने राम मंदिर के लिए की थी. इसकी स्थापना काशी विश्वनाथ और मथुरा की मुक्ति के लिए भी की गई थी. तीनों स्थान मुक्त होने चाहिए. यह हमारा संकल्प है. अभी अयोध्या मुक्त हुआ है. काशी मथुरा बाकी है. अभी इस पर कार्यक्रम तय होने हैं, उस पर मैं बाद में बात करूंगा. अभी यह कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री 5 तारीख को बड़े महत्व का काम करने के लिए अयोध्या आ रहे हैं. भूमि पूजन के लिए अयोध्या आ रहे हैं. जब तक मंदिर रहेगा, नरेंद्र मोदी अमर रहेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जुझारू नेता हैं. एक शेर की भांति चलते हैं. कई लोग भूमि पूजन में नरेंद्र मोदी के शामिल होने की आलोचना कर रहे हैं. देहात की एक कहावत है कि जब हाथी गांव में चलता है, कुत्ते भौंकते हैं. अभी प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो विपक्ष बोल रहा है. उनके विरोध से हमें लाभ होगा. राम मंदिर पूरी तरह तैयार हो जाएगा. सबकी मंशा है कि राम मंदिर बने और भव्य राम मंदिर बनेगा.

सवाल: उमा भारती और कल्याण सिंह भी मानते हैं कि काशी-मथुरा का मसला अयोध्या से भिन्न है. अयोध्या और काशी-मथुरा में क्या फर्क है.

जवाब: अयोध्या में खंडहर खड़ा था. यहां नए सिरे से मंदिर बनाना था. काशी-मथुरा में मंदिर है. यह बात सही है. मगर मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का गर्भगृह मस्जिद में है, वह मुक्त होनी चाहिए. वहां मंदिर नहीं बनेगा मगर कृष्ण की जन्मभूमि मुक्त होनी चाहिए. काशी में भी बाबा विश्वनाथ को बगल के खंडहर से बाहर निकालना है. हम मुक्ति का अभियान शुरू करेंगे. सबसे विचार-विमर्श करते हुए हम इस पर काम करेंगे. जब राम मंदिर के लिए काम शुरू किया था तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शक्ति हमारे साथ थी. अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ, परमहंस रामचंद्र दास और दाउद दयाल खन्ना जैसे नेतृत्व के कारण आंदोलन अंजाम तक पहुंचा है.

सवाल: राम मंदिर के लिए दशकों तक संघर्ष चला. सहमति से काशी और मथुरा का समाधान हो तो देश और समाज के लिए बेहतर होगा.

जवाब: अटल बिहारी वाजपेयी के राज में मुस्लिम समाज को 40 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे उन्होंने इनकार कर दिया था. मगर अदालत ने हमारे पक्ष में फैसला कर दिया और कुल 67 एकड़ जमीन हमें मिल गई. मुझे प्रसन्नता है कि मुस्लिम समाज को भी जमीन दी गई, वह अपनी मस्जिद बनाएं. या अपने धर्म के हिसाब से जमीन का उपयोग करें. हमें कोई आपत्ति नहीं है. काशी विश्वनाथ और मथुरा के मंदिरों को हम तोड़ना नहीं चाहते. मगर उसमें जो बाधा है, उसे दूर किया जाए. कृष्ण जन्म स्थान पर कोठरी बनी है. उसके लिए सिर्फ एक दरवाजे को खोलना है. वही हमारा पुराना स्थान है़, जिस पर केस चल रहा है. काशी में ऐसी ही स्थिति है. हमें इसके लिए पहले कैसी लड़ाई लड़नी है, यह देखेंगे.

सवाल: मंदिर बनने में 3-4 साल लगेगा. इस दौरान श्रद्वालुओं के लिए क्या व्यवस्था है.

जवाब: भक्तों के लिए पूरी व्यवस्था है. अयोध्या में मंदिर का नया ढांचा बना है. हर भक्त को दर्शन करने का मौका मिलेगा. भगवान राम अब टेंट में नहीं हैं. उन्हें ठीक तरह से स्थापित किया गया है. लोग दर्शन करने जा रहे हैं. भक्त वहां से प्रसन्न होकर लौट रहे हैं. मंदिर बनेगा तो भक्तों को मंदिर देखने की भी अनुमति देंगे कि काम कैसा चल रहा है. राम की जन्मभूमि भक्तों को पूरी तरह से मस्त कर देगी.

सवाल: राम मंदिर के लिए लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, स्वर्गीय अशोक सिंघल और उमा भारती का भी काफी योगदान रहा है.

जवाब: स्वर्गीय अशोक सिंघल हमारे मार्गदर्शक थे. उन्होंने मुझे कार्यकर्ता बनाया. उन्हीं के मार्गदर्शन में हमने काम शुरू किया.

सवाल: लाल कृष्ण आडवाणी जी भी जाएंगे अयोध्या दर्शन के लिए. आडवाणी जी की भूमिका को कैसे सबक करेंगे.

जवाब: माननीय आडवाणी जी धर्म के प्रति बहुत जागरूक हैं. वो अयोध्या आते. शायद आडवाणी जी की उम्र अयोध्या आने के लिए अनुमति नहीं दे रही होगी. मुझे जानकारी नहीं है. हमने बातचीत नहीं की है उनसे.

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