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पटना: झांसी की रानी के जन्मदिवस पर 'जय बेटी अभियान' का आयोजन

पूर्व डीजीपी अशोक गुप्ता ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने देश की आजादी के लिए क्षत्राणी का रूप लिया था. साथ ही अंग्रेजों का डट के सामना किया था. इसी तरह हमारे देश की बेटियां भी किसी तरह का अन्याय नहीं सहेगी. सभी परिस्थितिओं का डट कर सामना करेंगी.

जन्मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Nov 19, 2019, 6:31 PM IST

पटना: राजधानी में 'जय बेटी अभियान' की तरफ से मंगलवार को झांसी की रानी के जन्मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें चार लड़कियों ने झांसी की रानी के रूप में घोड़े पर सवार होकर समाज के लोगों को संदेश दिया है. नारी अबला नहीं सबला है, अगर नारी देवी बन सकती है, तो जरूरत पड़ने पर दुर्गा काली बनकर मुश्किलों का सामना भी कर सकती है. इस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व डीजीपी अशोक गुप्ता समेत कई समाज सेवियों ने भाग लिया.

patna
बेटियों ने दिया सामाज के लोगों को संदेश

'बेटी और महिलाओं का करे सम्मान'
'चमक उठी सन सताबन में वो तलवार पुरानी थी, बुंदले हर्बोले के मुंह से हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी बाली रानी थी'. बता दें कि झांसी की रानी ने समाज को नया आयाम दिलाने के लिये अंग्रेजों के छक्के छुड़ाकर अपनी जान गवां दी थी. लेकिन अपनी इज्जत पर आंच तक नहीं आने दिया. इस कार्यक्रम से समाज के लोगों को यह संदेश देना था कि बेटी और महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. इसलिए बेटी और महिलाओं का सम्मान कर समाज में एक नई रोशनी दे.

झांसी की रानी के जन्मदिन पर कार्यक्रम का आयोजन

'देश का नाम रोशन करेंगी'
पूर्व डीजीपी अशोक गुप्ता ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने देश की आजादी के लिए क्षत्राणी का रूप लिया था. साथ ही अंग्रेजों का डट के सामना भी किया था. इसी तरह हमारे देश की बेटियां भी किसी तरह का अन्याय नहीं सहेंगी, सभी परिस्थितिओं का डट कर सामना करेंगी. साथ ही कहा कि अपने देश की बेटियों, महिलाओं की सुरक्षा हम सब मिल कर करेंगे. वो आगे बढ़ेंगी और देश का नाम रोशन करेंगी.

पटना: राजधानी में 'जय बेटी अभियान' की तरफ से मंगलवार को झांसी की रानी के जन्मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें चार लड़कियों ने झांसी की रानी के रूप में घोड़े पर सवार होकर समाज के लोगों को संदेश दिया है. नारी अबला नहीं सबला है, अगर नारी देवी बन सकती है, तो जरूरत पड़ने पर दुर्गा काली बनकर मुश्किलों का सामना भी कर सकती है. इस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व डीजीपी अशोक गुप्ता समेत कई समाज सेवियों ने भाग लिया.

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बेटियों ने दिया सामाज के लोगों को संदेश

'बेटी और महिलाओं का करे सम्मान'
'चमक उठी सन सताबन में वो तलवार पुरानी थी, बुंदले हर्बोले के मुंह से हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी बाली रानी थी'. बता दें कि झांसी की रानी ने समाज को नया आयाम दिलाने के लिये अंग्रेजों के छक्के छुड़ाकर अपनी जान गवां दी थी. लेकिन अपनी इज्जत पर आंच तक नहीं आने दिया. इस कार्यक्रम से समाज के लोगों को यह संदेश देना था कि बेटी और महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. इसलिए बेटी और महिलाओं का सम्मान कर समाज में एक नई रोशनी दे.

झांसी की रानी के जन्मदिन पर कार्यक्रम का आयोजन

'देश का नाम रोशन करेंगी'
पूर्व डीजीपी अशोक गुप्ता ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने देश की आजादी के लिए क्षत्राणी का रूप लिया था. साथ ही अंग्रेजों का डट के सामना भी किया था. इसी तरह हमारे देश की बेटियां भी किसी तरह का अन्याय नहीं सहेंगी, सभी परिस्थितिओं का डट कर सामना करेंगी. साथ ही कहा कि अपने देश की बेटियों, महिलाओं की सुरक्षा हम सब मिल कर करेंगे. वो आगे बढ़ेंगी और देश का नाम रोशन करेंगी.

Intro:चमक उठी सन सनताबन में वो तलवार पुरानी थी,बुंदले हर्बोले के मुँह से हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी बाली रानी थी।ये कहानी उस बीरांगना की है जिसने अकेले ही अंग्रेजो को छक्के छुड़ा दिया वो भी कम उम्र में।आज उसी विरांगना झाँसी की रानी यानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिन के मौके पर आज जय बेटी अभियान की ओर से लक्ष्मा बाई के रूप में चार लक्ष्मी बाई बनकर घोड़े पर सवार तलवार की ललकार से यह मैसेज देना चाह रही थी कि नारी अबला नही सबला है अगर नारी देवी बन सकती है तो जरूरत पड़ने पर दुर्गा काली बनकर समाना भी कर सकती है।


Body:स्टोरी:-झाँसी की रानी जन्मदिन।
रिपोर्ट:-पटनासिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-19-11-019.
एंकर:-पटनासिटी,जय बेटी अभियान की ओर से आज झाँसी की रानी के जन्मदिवस पर कई लड़कियां झाँसी की रानी के रूप में घोड़े पर सवार होकर बेटी बचाओ का नारा आमलोगों को दिया,इस बेटी बचाओ कार्यक्रम में बिहार के पूर्व डीजीपी अशोक गुप्ता समेत कई समाजसेवियों ने भाग लेकर समाज मे वेटियो के प्रति जो द्वेष भावना है उसे खत्म कर समाज को एक नई रोशनी देना मकसद है।झाँसी की रानी ने समाज को नया आयाम दिलाने के लिये अंग्रेजो को छक्के छुड़ाकर अपनी जान गवा दिया लेकिन अपने इज्जत आबरू पर आँच तक नही आने दिया।इसलिय इस कार्यक्रम से बेटी या महिलाओ को अबला नही सबला समझे,बेटी आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नही है इसलिय वेटी को सम्मान कर समाज मे एक नई रोशनी दे।
बाईट(अशोक गुप्ता-पूर्व डीजीपी बिहार)


Conclusion:चमक उठी सन सनताबन में वो तलवार पुरानी थी,बुंदले हर्बोले के मुँह से हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी बाली रानी थी।ये कहानी उस बीरांगना की है जिसने अकेले ही अंग्रेजो को छक्के छुड़ा दिया वो भी कम उम्र में।आज उसी विरांगना झाँसी की रानी यानी लक्ष्मीबाई का जन्मदिन के मौके पर आज जय बेटी अभियान की ओर से लक्ष्मा बाई के रूप में चार लक्ष्मी बाई बनकर घोड़े पर सवार तलवार की ललकार से यह मैसेज देना चाह रही थी कि नारी अबला नही सबला है अगर नारी देवी बन सकती है तो जरूरत पड़ने पर दुर्गा काली बनकर समाना भी कर सकती है।और समाज मे एक नई रौशनी देने की शक्ति रखती है।
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