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Cyber Fraud in Bihar: अब साइबर अपराधियों के खिलाफ FIR में IT एक्ट भी होगा शामिल, संपत्ति भी होगी जब्त

बिहार के पटना, नवादा सहित छह जिले साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट (Cybercrime Hotspots in Bihar) हैं. EOU के एडीजी नयर हसन खान ने बढ़ते साइबर फ्रॉड को लेकर बैठक की. जिसमें उन्होंने चिन्हित जिलों में विशेष अभियान चलने के साथ-साथ साइबर अपराधियों के मामले में आईटी एक्ट (IT Act On Cyber Criminals In Bihar) लगाने का निर्देश दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

Bihar Cyber Fraud
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Published : Feb 19, 2022, 1:14 PM IST

पटना: बिहार में साइबर फ्रॉड (Bihar Cyber Fraud) की वारदातों में वृद्धि को देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नयर हसन खान ने अधिकारियों के साथ बैठक (ADG Nayyar Hasnain Khan Meeting Regarding Cyber Fraud) की. जिसमें उन्होंने बिहार के छह साइबर फ्रॉड हॉटस्पॉट (Six Cyber Fraud Hotspots In Bihar) जिलों में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इनमें राजधानी पटना, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, गया और जमुई जिला शामिल है. इस चिन्हित जिले में पुलिस को विशेष टास्क दिया गया है.

यह भी पढ़ें - नवादा बना झारखंड का जामताड़ा! राजस्थान पुलिस ने दो साइबर ठगों को किया गिरफ्तार

बैठक में एडीजी नायर हसन खान ने साइबर अपराध के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया के निर्माण, फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम कार्ड के संबंध में मोबाइल कंपनियों से प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई पर चर्चा की. उन्होंने इन शिकायत पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने और इसकी सूचना ईडी और आयकर विभाग को देने का निर्देश दिया गया है. साइबर अपराध के लिए चिन्हित गए 6 हॉटस्पॉट जिलों में वैसे थाने क्षेत्र के पहचान का आदेश दिया गया है, जहां ज्यादातर घटनाएं घटित हुई हैं.

Bihar Cyber Fraud
क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट

प्रभावित थाना क्षेत्र के सक्रिय साइबर अपराधियों की सूची बनाने और गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. वहीं इन जिलों के एसपी और डीएसपी को समन्वय पदाधिकारी भी बनाने का निर्देश दिया गया है, ताकि साइबर फ्रॉड के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके. इसके साथ-साथ बैठक के दौरान नयर हसन खान ने चिंता जताई है कि साइबर अपराधी के खिलाफ जो भी मामले दर्ज हो रहे हैं. उसमें आईटी एक्ट नहीं लगाया जा रहे हैं जिसके कारण अपराधी आसानी से छूट जा रहे हैं. जिस वजह से अब साइबर अपराधों के केस में आईटी एक्ट अवश्य लगाने का निर्देश दिया गया है.

Bihar Cyber Fraud
साइबर ठगी का शिकार होने पर उठांए ये कदम

बता दें कि आईटी एक्ट लगाने के बाद इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के अधिकारी केस के आईयू नहीं हो सकते, इसको ख्याल में रखने को कहा गया है. अब सभी साइबर अपराध मामलों में आईटी एक्ट लगाया जाएगा, ताकि अपराधी आसानी से नहीं छूट सके. इसके साथ-साथ साइबर अपराध में संलिप्त बदमाशों की संपत्ति की विस्तृत जानकारी भी जुटाई जाएगी. संपत्ति की सूची बनाने के साथ-साथ पीएमएलए एक्ट के तहत उनकी संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव भी आर्थिक अपराध इकाई को भेजने का निर्देश दिया गया है.

यह भी पढ़ें - साइबर अपराधियों के खिलाफ नवादा पुलिस की छापेमारी, थालपोश गांव से एक साथ 30 अपराधी गिरफ्तार

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पटना: बिहार में साइबर फ्रॉड (Bihar Cyber Fraud) की वारदातों में वृद्धि को देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नयर हसन खान ने अधिकारियों के साथ बैठक (ADG Nayyar Hasnain Khan Meeting Regarding Cyber Fraud) की. जिसमें उन्होंने बिहार के छह साइबर फ्रॉड हॉटस्पॉट (Six Cyber Fraud Hotspots In Bihar) जिलों में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इनमें राजधानी पटना, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, गया और जमुई जिला शामिल है. इस चिन्हित जिले में पुलिस को विशेष टास्क दिया गया है.

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बैठक में एडीजी नायर हसन खान ने साइबर अपराध के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया के निर्माण, फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम कार्ड के संबंध में मोबाइल कंपनियों से प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई पर चर्चा की. उन्होंने इन शिकायत पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने और इसकी सूचना ईडी और आयकर विभाग को देने का निर्देश दिया गया है. साइबर अपराध के लिए चिन्हित गए 6 हॉटस्पॉट जिलों में वैसे थाने क्षेत्र के पहचान का आदेश दिया गया है, जहां ज्यादातर घटनाएं घटित हुई हैं.

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क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट

प्रभावित थाना क्षेत्र के सक्रिय साइबर अपराधियों की सूची बनाने और गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है. वहीं इन जिलों के एसपी और डीएसपी को समन्वय पदाधिकारी भी बनाने का निर्देश दिया गया है, ताकि साइबर फ्रॉड के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके. इसके साथ-साथ बैठक के दौरान नयर हसन खान ने चिंता जताई है कि साइबर अपराधी के खिलाफ जो भी मामले दर्ज हो रहे हैं. उसमें आईटी एक्ट नहीं लगाया जा रहे हैं जिसके कारण अपराधी आसानी से छूट जा रहे हैं. जिस वजह से अब साइबर अपराधों के केस में आईटी एक्ट अवश्य लगाने का निर्देश दिया गया है.

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बता दें कि आईटी एक्ट लगाने के बाद इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के अधिकारी केस के आईयू नहीं हो सकते, इसको ख्याल में रखने को कहा गया है. अब सभी साइबर अपराध मामलों में आईटी एक्ट लगाया जाएगा, ताकि अपराधी आसानी से नहीं छूट सके. इसके साथ-साथ साइबर अपराध में संलिप्त बदमाशों की संपत्ति की विस्तृत जानकारी भी जुटाई जाएगी. संपत्ति की सूची बनाने के साथ-साथ पीएमएलए एक्ट के तहत उनकी संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव भी आर्थिक अपराध इकाई को भेजने का निर्देश दिया गया है.

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