पटनाः बिहार में शुक्रवार को पूर राज्य में नशा मुक्ति अभियान (Drug De-Addiction Campaign) का आयोजन किया गया. इसी के तहत मसौढ़ी अनुमंडल कार्यालय सहित सभी सरकारी कार्यालयों में नशा मुक्ति अभियान के तहत आयोजन किया गया. इस दौरा अधिकारियों, कर्मचारियों और स्कूली बच्चों ने समारोह पूर्वक शपथ लिया. समारोह में सबों ने कहीं भी शराब नहीं पीने की शपथ ली. सभी को लिखित और मौखिक दोनों रूपों में शपथ दिलायी गयी. लिखित शपथ पत्र को जिलाधिकारी कार्यालय में भेजा जायेगा.
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वहीं स्कूलों में भी सुबह प्रभातफेरी चला कर समाज में शराब से दूर रहने का संदेश दिया गया. इस दौरान नशा बुरी लत है और छोड़ने में ही भलाई है... आदि स्लोगन सभी लोग दोहरा रहे थे. आयोजन को लेकर सभी जगहों पर पहले से तैयारी की गई थी.
बता दें कि बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून (Bihar Prohibition and Excise Act 2016) लागू है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.
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नोट- अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री, उपभोग पर की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर कॉल कर शिकायत करें.
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