पटना: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजधानी स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के इमरजेंसी सेवा को बंद कर दिया गया है. बुधवार को संस्थान के डॉक्टर, नर्स और सफाईकर्मी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद 19 से ज्यादा कर्मचारियों को क्वारंटाइन कर ब्लड सैंपल लिए गए. इन सभी की रिपोर्ट गुरुवार की देर रात आयी, जिसमें एक लैब टेक्नीशियन भी पॉजिटिव पाया गया.
लगातार बढ़ते मरीजों को देखते हुये आइजीआइएमएस में हड़कंप मचा हुआ है. इसी के मद्दनेजर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को बंद कर दिया गया है. आइजीआइएमएस में कोरोना संक्रमण की शुरुआत इमरजेंसी वार्ड से ही हुई, जब सिवान के एक मरीज को कोरोना पॉजिटिव पाया गया. उसके बाद प्रसूति विभाग में एक महिला मरीज को इलाज के दौरान पॉजिटिव पाया गया. उस समय प्रसूति विभाग के दर्जनों कर्मचारी सहित डॉक्टरों को क्वारंटाइन किया गया था. सिवान और छपरा से आये मरीजों से ही आइजीआइएमएस में डॉक्टर, नर्स और सफाईकर्मी संक्रमित हुए और उन सभी का इलाज इमरजेंसी वार्ड में चल रहा था.
इमरजेंसी वार्ड बंद किया गया
आइजीआइएमएस में लैब टेक्नीशियन के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद प्रबंधन ने आपात बैठक की और फैसला लिया गया कि इमरजेंसी वार्ड में अभी किसी मरीज को भर्ती नहीं किया जायेगा. साथ ही आइसोलेसन वार्ड में भर्ती मरीजों को भी दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है. साथ ही बताया गया कि मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर और नर्स अपने घर नहीं जाएंगे. उन्हें आइजीआइएमएस के गेस्ट हॉउस में रहकर ही ड्यूटी करनी होगी.