पटना: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 25 जनवरी को 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर ईईपीआईसी (डिजिटल वोटर कार्ड) की सुविधा मतदाताओं के लिए उपलब्ध कराई गई. अभी यह सुविधा 25 जनवरी 2021 से नए रजिस्टर्ड वोटरों के लिए उपलब्ध है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने बताया कि वर्तमान में बिहार के 4 लाख 15 हजार नए मतदाता है. इनमें से करीब 2 लाख 40 हजार नए वोटर को डिजिटल वोटर कार्ड जारी किया गया है.
एचआर श्रीनिवास ने कहा "भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद निर्वाचन विभाग के मुख्यालय में डिजिटल आई कार्ड के लिए कियोस्क सेल का गठन किया गया है. राज्य के सभी जिलों को जिला अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर कियोस्क सेंटर बनाने का निर्देश दिया गया है. ये सेंटर डीएम, एसडीओ और बीडीओ की निगरानी में चलाए जाएंगे. इस सेंटर में किसी भी डिजिटल वोटर कार्ड के आवेदक की परेशानी दूर की जाएगी."
पहले की तरह बनते रहेंगे वोटर आई कार्ड
श्रीनिवास ने कहा "पहले की तरह वोटर आई कार्ड बनने की प्रक्रिया भी सुचारू ढंग से जारी रहेगी. डिजिटल आई कार्ड मतदाताओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में शुरू की गई है. इस डिजिटल कार्ड को मतदाता अपने मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर में सुरक्षित रख सकेगा और किसी भी जगह पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल कर सकेगा. चुनाव के वक्त आयोग के निर्देश पर मोबाइल में वोटर कार्ड दिखाकर वह वोट डाल पाएगा."
"चुनाव आयोग वर्तमान में एक मोबाइल से एक ही डिजिटल कार्ड बना रहा है, लेकिन जल्द ही एक मोबाइल नंबर से परिवार के 6 नाम के डिजिटल वोटर कार्ड बनाए जा सकेंगे."- एचआर श्रीनिवास, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
मतदाताओं को मिलेगी सुविधा
"डिजिटल वोटर आई कार्ड बनने से मतदाताओं को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. अगर किसी मतदाता का आई कार्ड गुम हो जाता है तो उसे फिर से बनवाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा."- बीएस दूबे, कांग्रेस नेता
"आयोग द्वारा लिए गए इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. वर्तमान में एक मोबाइल नंबर से एक ही डिजिटल कार्ड बनाया जा रहा है. बिहार में हर वोटर के पास मोबाइल नहीं है. इसलिए आयोग से मांग है कि कम से कम एक परिवार को एक मोबाइल नंबर से जोड़ा जाए."- नवीन आर्य, जदयू महासचिव
"आयोग द्वारा नई तकनीक का इस्तेमाल कर वोटरों को अधिक से अधिक सुविधा दी जा रही है यह सराहनीय कदम है."- राधिका रमन, चुनाव संयोजक, भारतीय जनता पार्टी