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मंगलवार को चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं LJP के दोनों 'गुट' - चिराग गुट पारस गुट

चुनाव आयोग ने लोजपा के दोनों गुटों को चिह्न और पार्टी के नाम मांगे थे. लेकिन 4 अक्टूबर तक किसी भी गुट ने आयोग के सामने अपने दस्तावेज पेश नहीं किए. पढ़ें पूरी खबर..

चिराग पासवान पशुपति कुमार पारस
चिराग पासवान पशुपति कुमार पारस
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Published : Oct 4, 2021, 10:01 PM IST

पटनाः चुनाव आयोग (Election Commission Of India) ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) पर दावे की लड़ाई को लेकर पार्टी के चुनाव चिह्न को फ्रीज कर दिया. इसके बाद लोजपा के दोनों गुटों को आयोग ने दस्तावेज सौंपने, पक्ष रखने, पार्टी का नाम देने और चुनाव चिह्न के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कोई भी गुट इसे लेकर 4 अक्टूबर तक आयोग के समक्ष नहीं गया. चर्चा है कि 5 अक्टूबर को दोनों पक्ष आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे.

इसे भी पढे़ं- LJP (चिराग गुट) का आरोप- नीतीश और पारस के इशारे पर चुनाव आयोग ने 'बंगला' किया जब्त

चुनाव आयोग के द्वारा दिए गए समय पर किसी भी गुट के हाजिर नहीं होने और न ही दस्तावेज सौंपे जाने के बाद उम्मीद है कि दोनों गुट मंगलवार को कमीशन को दस्तावेज सौंपेंगे. दोनों ही गुट पार्टी पर अपनी दावेदारी मजबूती से पेश करेंगे. एक तरफ चिराग पासवान पार्टी के संविधान के खिलाफ जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने की दलील देंगे, वहीं दूसरी तरफ उनके चाचा पशुपति पारस पार्टी के अधिकांश सांसदों का अपने साथ समर्थन होने का दावा करते हुए पार्टी पर अपनी दावेदारी जताएंगे.

बहरहाल, चुनाव आयोग ने लोजपा के चुनाव चिह्न बंगला को फ्रीज कर दिया है. अंतरिम तौर पर जारी किए गए इस आदेश के बाद दोनों ही गुट इसका इस्तेमाल अब नहीं कर पाएंगे. चुनाव आयोग ने आगे के निर्णय के लिए दोनों गुटों को दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया था. दोनों गुट अब मंगलवार को आयोग में अपना पक्ष रखेंगे.

इसे भी पढ़ें- 'चिराग-पशुपति पारस नहीं कर सकते 'बंगला' चुनाव चिह्न का इस्तेमाल'.. LJP का सिंबल जब्त

दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान और उनके भाई केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के बीच पार्टी पर दावेदारी की लड़ाई छिड़ी हुई है. दोनों ही गुट अपने आप को असली लोजपा बता रहे हैं. चिराग पासवान ने तो बिहार के तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया था.

इन सीटों पर नामांकन करने की अंतिम तारीख 8 अक्टूबर है. लेकिन चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद चिराग पासवान लोजपा के चुनाव चिह्न पर उम्मीदवार नहीं उतार सकते हैं. यदि अब भी वे उम्मीदवार उतारते हैं तो उन्हें निर्दलीय मैदान में उतरना होगा.खबर है कि दोनों ही गुट के नेता इसे लेकर गहन मंथन कर रहे हैं. दिल्ली के 12 जनपथ बंगले में चिराग पासवान पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.

पटनाः चुनाव आयोग (Election Commission Of India) ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) पर दावे की लड़ाई को लेकर पार्टी के चुनाव चिह्न को फ्रीज कर दिया. इसके बाद लोजपा के दोनों गुटों को आयोग ने दस्तावेज सौंपने, पक्ष रखने, पार्टी का नाम देने और चुनाव चिह्न के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कोई भी गुट इसे लेकर 4 अक्टूबर तक आयोग के समक्ष नहीं गया. चर्चा है कि 5 अक्टूबर को दोनों पक्ष आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे.

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चुनाव आयोग के द्वारा दिए गए समय पर किसी भी गुट के हाजिर नहीं होने और न ही दस्तावेज सौंपे जाने के बाद उम्मीद है कि दोनों गुट मंगलवार को कमीशन को दस्तावेज सौंपेंगे. दोनों ही गुट पार्टी पर अपनी दावेदारी मजबूती से पेश करेंगे. एक तरफ चिराग पासवान पार्टी के संविधान के खिलाफ जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बदलने की दलील देंगे, वहीं दूसरी तरफ उनके चाचा पशुपति पारस पार्टी के अधिकांश सांसदों का अपने साथ समर्थन होने का दावा करते हुए पार्टी पर अपनी दावेदारी जताएंगे.

बहरहाल, चुनाव आयोग ने लोजपा के चुनाव चिह्न बंगला को फ्रीज कर दिया है. अंतरिम तौर पर जारी किए गए इस आदेश के बाद दोनों ही गुट इसका इस्तेमाल अब नहीं कर पाएंगे. चुनाव आयोग ने आगे के निर्णय के लिए दोनों गुटों को दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया था. दोनों गुट अब मंगलवार को आयोग में अपना पक्ष रखेंगे.

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दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान और उनके भाई केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के बीच पार्टी पर दावेदारी की लड़ाई छिड़ी हुई है. दोनों ही गुट अपने आप को असली लोजपा बता रहे हैं. चिराग पासवान ने तो बिहार के तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया था.

इन सीटों पर नामांकन करने की अंतिम तारीख 8 अक्टूबर है. लेकिन चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद चिराग पासवान लोजपा के चुनाव चिह्न पर उम्मीदवार नहीं उतार सकते हैं. यदि अब भी वे उम्मीदवार उतारते हैं तो उन्हें निर्दलीय मैदान में उतरना होगा.खबर है कि दोनों ही गुट के नेता इसे लेकर गहन मंथन कर रहे हैं. दिल्ली के 12 जनपथ बंगले में चिराग पासवान पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.

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