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बोधगया ब्लास्ट मामला: 9 में से 8 आतंकियों ने कबूल किया अपना गुनाह - बोधगया बम ब्लास्ट अपडेट

बोधगया बम ब्लास्ट (Bomb Blast In Gaya) मामले की सुनवाई पटना की एनआइए कोर्ट में चल रही है. सुनवाई के दौरान 8 आतंकियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.

आतंकियों ने कबूल किया गुनाह
आतंकियों ने कबूल किया गुनाह
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Published : Dec 11, 2021, 12:34 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 1:34 PM IST

पटना: पटना जंक्‍शन और गांधी मैदान में हुए बम ब्‍लास्‍ट के आरोपितों को सजा सुनाने के बाद अब एनआइए की विशेष अदालत (Patna NIA Court) जल्‍द ही बोधगया ब्‍लास्‍ट (Bodh Gaya Bomb Blast Case) मामले में भी सजा सुना सकती है. 19 जनवरी 2018 को महाबोधि मंदिर में बौद्ध धर्मावलंबियों की निगमा पूजा के दौरान विस्फोट हुआ था. बोधगया के महाबोधि मंदिर में हुए विस्फोट (Blast At Mahabodhi Temple In Bodh Gaya) के मामले में 8 आरोपियों ने एनआईए की विशेष अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया है. इसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है.

इसे भी पढ़ें: Bihar Crime Report: 2020 के मुकाबले इस साल अपराध में आई कमी, देश में 25वां स्थान

दरअसल एनआइए की विशेष अदालत में न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की कोर्ट में बोधगया के महाबोधि मंदिर के आरोपी अहमद अली उर्फ कालू, पैगंबर शेख, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख उर्फ असद उल्लाह, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख, मुस्तफिजुर रहमान और शाहीन और आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर की ओर से याचिका दाखिल कर सुरक्षा से अपना अपराध कबूल किए जाने की बात कही गई थी. वहीं इस मामले में नौवें आरोपी जाहिद उल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है और उसके खिलाफ सुनवाई जारी रहेगी. अदालत ने इस मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय की है.

ये भी पढ़ें: गया: हमले के 8 साल, घटना के बाद बदल गयी महाबोधि मंदिर और बोधगया की तस्वीर

दरअसल, बोधगया के महाबोधि मंदिर ब्लास्ट मामले में 8 आतंकियों द्वारा निवेदन किया गया था कि इस मामले में वह लंबे समय से जेल में है. वे अपने परिवार, बच्चे, माता-पिता से काफी दिनों से मुलाकात नहीं कर पाए हैं. वह समाज में पुनः लौटना चाहते हैं. इसलिए उनके आवेदन को स्वीकार किया जाए. आपको बता दें कि आरोपियों के आवेदन पर सुनवाई और उसके बयान के आधार अदालत में सबको अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया है. फिलहाल सभी अभियुक्त राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद हैं

एनआईए ने 3 फरवरी, 2018 को मामला दर्ज किया था. इस मामले में पहला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) कालचक्र मैदान के गेट नंबर 5 पर पाया गया था और इसे सुरक्षित करने के दौरान इसमें विस्फोट हो गया था. दो और आईईडी बाद में श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों पर पाए गए थे.

एनआईए द्वारा की गई जांच में पाया गया कि गणमान्य व्यक्तियों के दौरे से पहले दोषी व्यक्तियों ने बोधगया मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर साजिश रची थी. जेएमबी के आतंकवादियों ने एक दूसरे से संपर्क किया था, एक साथ यात्रा की थी, साजिश रची थी और विस्फोटक खरीदे थे. पूरी योजना के बाद इन तीनों आईईडी को बोधगया मंदिर परिसर में प्लांट किया गया.

2018 में, तीन गिरफ्तार आरोपियों - पी. शेख, अहमद अली और नूर आलम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और बाद में 2019 में 6 और व्यक्तियों - आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफिजुर रहमान, जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर और आरिफ हुसैन के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था. एनआईए की विशेष अदालत शुक्रवार को दोषी ठहराए गए आतंकवादियों को 17 दिसंबर को सजा सुनाएगी.

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पटना: पटना जंक्‍शन और गांधी मैदान में हुए बम ब्‍लास्‍ट के आरोपितों को सजा सुनाने के बाद अब एनआइए की विशेष अदालत (Patna NIA Court) जल्‍द ही बोधगया ब्‍लास्‍ट (Bodh Gaya Bomb Blast Case) मामले में भी सजा सुना सकती है. 19 जनवरी 2018 को महाबोधि मंदिर में बौद्ध धर्मावलंबियों की निगमा पूजा के दौरान विस्फोट हुआ था. बोधगया के महाबोधि मंदिर में हुए विस्फोट (Blast At Mahabodhi Temple In Bodh Gaya) के मामले में 8 आरोपियों ने एनआईए की विशेष अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया है. इसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है.

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दरअसल एनआइए की विशेष अदालत में न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की कोर्ट में बोधगया के महाबोधि मंदिर के आरोपी अहमद अली उर्फ कालू, पैगंबर शेख, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख उर्फ असद उल्लाह, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख, मुस्तफिजुर रहमान और शाहीन और आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर की ओर से याचिका दाखिल कर सुरक्षा से अपना अपराध कबूल किए जाने की बात कही गई थी. वहीं इस मामले में नौवें आरोपी जाहिद उल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया है और उसके खिलाफ सुनवाई जारी रहेगी. अदालत ने इस मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय की है.

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दरअसल, बोधगया के महाबोधि मंदिर ब्लास्ट मामले में 8 आतंकियों द्वारा निवेदन किया गया था कि इस मामले में वह लंबे समय से जेल में है. वे अपने परिवार, बच्चे, माता-पिता से काफी दिनों से मुलाकात नहीं कर पाए हैं. वह समाज में पुनः लौटना चाहते हैं. इसलिए उनके आवेदन को स्वीकार किया जाए. आपको बता दें कि आरोपियों के आवेदन पर सुनवाई और उसके बयान के आधार अदालत में सबको अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया है. फिलहाल सभी अभियुक्त राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद हैं

एनआईए ने 3 फरवरी, 2018 को मामला दर्ज किया था. इस मामले में पहला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) कालचक्र मैदान के गेट नंबर 5 पर पाया गया था और इसे सुरक्षित करने के दौरान इसमें विस्फोट हो गया था. दो और आईईडी बाद में श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों पर पाए गए थे.

एनआईए द्वारा की गई जांच में पाया गया कि गणमान्य व्यक्तियों के दौरे से पहले दोषी व्यक्तियों ने बोधगया मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर साजिश रची थी. जेएमबी के आतंकवादियों ने एक दूसरे से संपर्क किया था, एक साथ यात्रा की थी, साजिश रची थी और विस्फोटक खरीदे थे. पूरी योजना के बाद इन तीनों आईईडी को बोधगया मंदिर परिसर में प्लांट किया गया.

2018 में, तीन गिरफ्तार आरोपियों - पी. शेख, अहमद अली और नूर आलम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और बाद में 2019 में 6 और व्यक्तियों - आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफिजुर रहमान, जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर और आरिफ हुसैन के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था. एनआईए की विशेष अदालत शुक्रवार को दोषी ठहराए गए आतंकवादियों को 17 दिसंबर को सजा सुनाएगी.

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Last Updated : Dec 11, 2021, 1:34 PM IST
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