पटना: बिहार की राजधानी पटना में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Kumar Choudhary) ने शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय से संबंधित तीन ऑनलाइन पोर्टल (Online Portals Launched In Bihar) की शुरुआत कर दी है. इसके साथ ही उन्होंने इस पोर्टल से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी है. साथ ही बताया कि यह पोर्टल विश्वविद्यालयों में शिक्षकेत्तार कर्मियों की नियुक्त के लिए सूचना संग्रहण करने में भी सहायक होगा.
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शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कमियों को दूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तमाम काम ऑनलाइन किए जा रहे हैं. जिससे काम में पारदर्शिता लाई जा सके और काम आसानी से हो सके. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए कई तरह के काम को आसानी से किया जा सकेगा.
शुभारंभ किए गए ये हैं तीन पोर्टल:-
- स्नातक संबंद्ध/प्रस्तावित संबंद्ध महाविद्यालय के संबंधन हेतु ऑन लाईन पोर्टल
- संबद्धता प्राप्त अनुदानित महाविद्यालय के सहायक अनुदान की स्वीकृति हेतु पोर्टल
- परंपरागत विश्वविद्यालयों में शिक्षकेत्तार कर्मियों की नियुक्त हेतु सूचना संग्रहण पोर्टल
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सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत स्नातक संबंद्ध/प्रस्तावित संबंद्ध महाविद्यालय के संबंधन के लिए किया गया है. इसके साथ ही परंपरागत विश्वविद्यालयों में शिक्षकेत्तार कर्मियों की नियुक्त के लिए सूचना संग्रहण करने में भी सहायक होगा. ऑनलाइन पोर्टल के जरिए तमाम गतिविधियों में प्रस्तावों से संबंधित ऑनलाइन कार्य किए जाएंगे. इसके साथ ही संबद्धता प्राप्त अनुदानित महाविद्यालयों के सहायक अनुदान की स्वीकृति भी ऑनलाइन दी जा सकेगी.
बता दें कि अब तक विश्वविद्यालयों पर सीधा नियंत्रण नहीं होने से शिक्षा विभाग उनकी मनमानियां को झेलने पर मजबूर था. लेकिन अब शिक्षा विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने 3 सिंगल विंडो सिस्टम वाले वेब पोर्टल लॉन्च करते वक्त साफ-साफ कह दिया है कि विश्वविद्यालयों को अब इस बात को समझ लेना होगा कि उनके खर्च, उनकी पढ़ाई और उनमें होने वाली बहाली पूरी तरह सरकार के हाथ से ही होगी.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि अक्सर यह शिकायत आती है कि विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों को समय पर तनख्वाह नहीं मिलती है. वहां मनमाने तरीके से ग्रुप सी के पदों पर बहाली होती है. यही नहीं सरकार जो पैसे शिक्षकों की सैलरी के मद में देती है, वह भी उन्हें पूरी सैलरी उपलब्ध नहीं होती. इन तमाम शिकायतों के मद्देनजर अब शिक्षा विभाग ने यह तीन सिंगल विंडो सिस्टम लॉन्च किए हैं. जिनके जरिए विश्वविद्यालय अब सिर्फ ऑनलाइन काम करेंगे.
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने आगे यह भी कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में अगर कोई कोर्स की पढ़ाई हो रही है, तो उसकी संबद्धता सरकार से जरूरी है. बगैर संबद्धता के छात्र-छात्राओं का एडमिशन ले लिया जाता है और परीक्षा भी हो जाती है. जिसके बाद रिजल्ट पता चलता है कि इस कोर्स की संबद्धता ही नहीं है.
महाविद्यालय विश्वविद्यालय और शिक्षा विभाग के बीच समन्वय जरूरी है. हर विश्वविद्यालय की यह जवाबदेही है कि वह सरकार की बात महाविद्यालयों तक पहुंचाए. उन्होंने कहा कि वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने के लिए सरकार अनुदान देती है. लेकिन इसमें शिकायत आती है कि सही तरीके से शिक्षकों और कर्मियों को राशि का भुगतान नहीं होता. अब आरटीजीएस के माध्यम से शिक्षक और कर्मियों को उनकी सैलरी सीधे उनके अकाउंट में भेजी जाएगी. जिसकी पूरी जानकारी इस पोर्टल के जरिए शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध रहेगी.
कौन से तीन पोर्टल हुए लांच-
www.serorg.net/edu-hrms
www.education.bih.nic.in
www.cabihar.com