पटनाः बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का रामचरितमानस का बयान का मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है. शिक्षा मंत्री लगातार अपने उपर लगाए जा रहे आरोप का जबाव दे रहे हैं. सोमवार को शिक्षा मंत्री सदन में मनु स्मृति और रामचरितमानस लेकर पहुंचे, जहां विपक्ष को सच्चाई से अवगत कराया. कहा कि आज गांधी और भीमराव अंबेडकर का है. इसमें गरीब तबके के लोग भी पढ़े लिखे हैं. मैं साइंस का प्रोफेसर हूं. जूलॉजी का स्टूडेंट रहा हूं. अमीबा से मानव बनने की बात है, उसमें जाति का कहीं कोई जिक्र नहीं है.
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"मैने जूलॉजी पढ़ी है. हमें पता है कि अमीबा से मानव बना है. इसमें जाति की कोई चर्चा नहीं है. मेरे बयान का आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी समर्थन किया है. उन्होंने भी कहा कि जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई है. भगवान बनाते तो वे सबरी के जूठे बेर नहीं खाते." -प्रों चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार
शिक्षा मंत्री दिया जबावः शिक्षा मंत्री ने बीजेपी के तरफ से रामचरित्रमानस को लेकर शिक्षा मंत्री के दिए बयान पर आपत्ति जताई गई. शिक्षा मंत्री से माफी मांगने के लिए भी कहा गया है. जिसको लेकर मंत्री लगातार अपनी बातों पर अड़े हैं. इसी को लेकर शिक्षा मंत्री गलवार को सदन में रामचरितमानस और मनु स्मृति सहित कई किताब लेकर जवाब देने पहुंचे थे. बीजेपी ने उनके जवाब का बहिष्कार किया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि मेरी बात का समर्थन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी किया है. मोहन भागवत ने भी कहा कि जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई है जबकि मैंने पुरखों का जिक्र किया था.
प्रोफेसर की कमी होगी दूरः शिक्षा मंत्री ने पेपर लीक मामले में कहा कि जांच हो रही है. विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की कमी पर भी कहा अतिथि शिक्षक बहाल करने का उनको अधिकार है. शिक्षक नियोजन नियमावली को लेकर कहा कि जल्द ही पारदर्शी शिक्षक नियोजन नियमावली लाई जाएगी. विश्विद्यालय को अधिकार है कि वह अतिथि शिक्षक को बहाल कर सकता है. सरकार पैसा देने के लिए तैयार है.