पटनाः बिहार में पिछले साल से जारी नियोजन की प्रक्रिया पूरी तरह से अधर में लटकती नजर आ रही है. पहले प्राथमिक शिक्षकों का नियोजन स्थगित किया गया था और अब शिक्षा विभाग ने माध्यमिक उच्च और माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया भी अगले आदेश तक स्थगित कर दी है. हालांकि इस बार वजह लॉक डाउन है. इन सबके बीच एक अप्रैल से खुलने वाले 2 हजार 950 स्कूलों पर भी ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है.
नियोजन की प्रक्रिया अधर में लटकी
पिछले साल से जारी प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया भी अगले आदेश तक शिक्षा विभाग ने स्थगित कर दी थी. फरवरी में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इसे लेकर पत्र जारी किया था. जिसमें एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों को लेकर मामला साफ नहीं होने के कारण प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में नियोजन की प्रक्रिया अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई थी. प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में करीब एक लाख शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया बिहार में चल रही है. यानी करीब एक लाख 40 हजार शिक्षकों का नियोजन बिहार में अब ठप हो गया है.
शिक्षकों का नियोजन बिहार में ठप
सिर्फ यही नहीं, बिहार में 17 फरवरी से जारी शिक्षकों की हड़ताल के कारण पहले से ही स्कूलों में पठन-पाठन परीक्षा और मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो रहा था. इस दौरान कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हुए लॉक डाउन ने सरकार को थोड़ी राहत जरूर दे दी है. लेकिन लॉक डाउन खत्म होने के बाद एक बार फिर सरकार के सामने सभी चीजों को पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि शिक्षक अब तक हड़ताल पर अड़े हुए हैं.
बताने की जरूरत नहीं कि शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में शिक्षकों का योगदान कितना अहम है. शिक्षकों के सहारे पढ़ाई, परीक्षा और मूल्यांकन के साथ जनगणना और अन्य कई कार्य भी सरकार संचालित कराती है. लेकिन जब लाखों शिक्षक हड़ताल पर हों, तो सवाल यह उठता है कि कैसे बिहार की शिक्षा व्यवस्था आने वाले समय में पटरी पर लौटेगी.
कहां-कहां है झमेला?
- प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी
- माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में साइंस अंग्रेजी और अन्य विषयों के शिक्षकों की भारी कमी
- सेवा, शर्त और वेतन वृद्धि को लेकर 17 फरवरी से जारी शिक्षकों की राज्यव्यापी हड़ताल
- एक अप्रैल से खुलने वाले 2950 नए स्कूलों पर लगा ग्रहण
- प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया में एनआईओएस से डीएलएड शिक्षकों को लेकर अधर में लटका मामला
- प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों का नियोजन अधर में लटका