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बिहार : शिक्षण संस्थान खोलने के पहले गाइडलाइन जारी, हाजिरी 50 फीसदी रहेगी

राज्य के सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, कॉलेज और अन्य कोचिंग संस्थानों को खोलने को लेकर शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किया है. शिक्षा विभाग ने छात्र, उनके गार्जियन और शिक्षकों को लेकर भी गाइडलाइन जारी किया है.

Education Department issued guidelines regarding opening of educational institutions
Education Department issued guidelines regarding opening of educational institutions
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Published : Dec 24, 2020, 7:18 PM IST

Updated : Dec 25, 2020, 2:01 PM IST

पटना: कोविड-19 के कारण बिहार में बंद स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को खोलने के संबंध में शिक्षा विभाग ने निर्धारित मानक संचालक प्रक्रिया जारी किया है. इसके तहत राज्य के सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, कॉलेज और अन्य कोचिंग संस्थानों के साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों को मानक प्रक्रिया अपनाते हुए खोलना होगा. इसमें प्रमुख रूप से सभी सरकारी और निजी स्कूल में 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के संचालन को लेकर निर्देश जारी किया गया है.

इसके अलावा सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी के अंतिम साल के कक्षा और सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को चालू करने का निर्णय लिया गया है. शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक क्लास में छात्रों की कुल क्षमता का 50 फीसदी ही उपस्थित होना चाहिए. बाकी 50 फीसदी की उपस्थिति अगले दिन होगी. यानी किसी भी संस्थान के एक कक्षा में कुल क्षमता का 50 फीसदी से अधिक उपस्थिति नहीं होगी. 18 जनवरी के बाद बाकी कक्षाओं को चालू करने का निर्णय शिक्षा विभाग स्थिति के मूल्यांकन के बाद करेगा.

शिक्षण संस्थानों में किसी भी आयोजन पर रोक
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि अगर किसी संस्थान में नामांकन ज्यादा है तो संस्थान को दो पाली में संचालित किया जाए. वहीं, संस्थानों को ऐसे आयोजन से बचने की सलाह दी गई है, जिसमें बहुत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना असंभव हो. समारोह और त्योहार आदि के आयोजन से भी संस्थान और विद्यालय को बचने को कहा गया है. वहीं, पैरंट्स और टीचर मीटिंग को वर्चुअल तरीके से करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, नए एडमिशन के दौरान अभिभावक के साथ बच्चे को नहीं लाने की सलाह दी गई है और ऑनलाइन नामांकन को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है.

शिक्षक और छात्रों की हो नियमित स्वास्थ्य जांच
शिक्षा विभाग की ओर से जारी गाइडलाइंस में ये भी कहा गया है कि माता-पिता और अभिभावक की सहमति के बाद ही बच्चे स्कूल जा सकेंगे. वहीं, स्कूल आने वाले शिक्षक और छात्रों के नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था करनी होगी. स्कूल को छुट्टी के आवेदन की नीति को लचीला बनाना होगा और अगर कोई बीमार हो तो उसे घर में रहने की अनुमति देनी होगी. अगर कोई गार्जियन अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहते तो शिक्षण संस्थान उन्हें मजबूर नहीं कर सकते. वो उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे.

छात्रावास खोलने को लेकर भी गाइडलाइन जारी
इसके अलावा अन्य उच्च शिक्षण संस्थान, कोचिंग संस्थान और उनके छात्रावास को खोलने के पूर्व भी तैयारी को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई है. जिसमें शिक्षण संस्थान या विद्यालय कैंपस के सभी भवन के कक्षाओं, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, स्टोर रूम, पानी टंकी, किचन, वॉशरूम, प्रयोगशाला और लाइब्रेरी आदि की सफाई और सैनिटाइजेशन कराना जरूरी है. सभी संस्थानों में डिजिटल थर्मामीटर, सैनिटाइजर और साबुन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा क्लास में स्टूडेंट्स के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी होगी. वहीं, स्टाफ रूम में भी और कार्यालय कक्ष में भी 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था करनी होगी. संस्थानों को यह ध्यान रखना होगा कि किसी भी तरह की भीड़ एक जगह उपस्थित नहीं हो.

हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को लेकर भी गाइडलाइन
हॉस्टल के लिए भी शिक्षा विभाग ने गाइडलाइंस जारी किया है. जिसमें प्रमुख रुप से अलग-अलग डेट के लिए अस्थाई पार्टीशन की व्यवस्था करनी होगी, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. वहीं, छात्रावास में रहने के लिए वैसे छात्रों को प्राथमिकता देनी होगी जिनके घर पर ऑनलाइन सुविधा का अभाव हो. छात्रावास में रहने के इच्छुक सभी छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी जांच के बाद ही अनुमति दी जाएगी. छात्रावास में वाईफाई कनेक्शन और केबल कनेक्शन आदि की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा.

पटना: कोविड-19 के कारण बिहार में बंद स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को खोलने के संबंध में शिक्षा विभाग ने निर्धारित मानक संचालक प्रक्रिया जारी किया है. इसके तहत राज्य के सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, कॉलेज और अन्य कोचिंग संस्थानों के साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों को मानक प्रक्रिया अपनाते हुए खोलना होगा. इसमें प्रमुख रूप से सभी सरकारी और निजी स्कूल में 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के संचालन को लेकर निर्देश जारी किया गया है.

इसके अलावा सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी के अंतिम साल के कक्षा और सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को चालू करने का निर्णय लिया गया है. शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक क्लास में छात्रों की कुल क्षमता का 50 फीसदी ही उपस्थित होना चाहिए. बाकी 50 फीसदी की उपस्थिति अगले दिन होगी. यानी किसी भी संस्थान के एक कक्षा में कुल क्षमता का 50 फीसदी से अधिक उपस्थिति नहीं होगी. 18 जनवरी के बाद बाकी कक्षाओं को चालू करने का निर्णय शिक्षा विभाग स्थिति के मूल्यांकन के बाद करेगा.

शिक्षण संस्थानों में किसी भी आयोजन पर रोक
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि अगर किसी संस्थान में नामांकन ज्यादा है तो संस्थान को दो पाली में संचालित किया जाए. वहीं, संस्थानों को ऐसे आयोजन से बचने की सलाह दी गई है, जिसमें बहुत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना असंभव हो. समारोह और त्योहार आदि के आयोजन से भी संस्थान और विद्यालय को बचने को कहा गया है. वहीं, पैरंट्स और टीचर मीटिंग को वर्चुअल तरीके से करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, नए एडमिशन के दौरान अभिभावक के साथ बच्चे को नहीं लाने की सलाह दी गई है और ऑनलाइन नामांकन को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है.

शिक्षक और छात्रों की हो नियमित स्वास्थ्य जांच
शिक्षा विभाग की ओर से जारी गाइडलाइंस में ये भी कहा गया है कि माता-पिता और अभिभावक की सहमति के बाद ही बच्चे स्कूल जा सकेंगे. वहीं, स्कूल आने वाले शिक्षक और छात्रों के नियमित स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था करनी होगी. स्कूल को छुट्टी के आवेदन की नीति को लचीला बनाना होगा और अगर कोई बीमार हो तो उसे घर में रहने की अनुमति देनी होगी. अगर कोई गार्जियन अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजना चाहते तो शिक्षण संस्थान उन्हें मजबूर नहीं कर सकते. वो उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे.

छात्रावास खोलने को लेकर भी गाइडलाइन जारी
इसके अलावा अन्य उच्च शिक्षण संस्थान, कोचिंग संस्थान और उनके छात्रावास को खोलने के पूर्व भी तैयारी को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई है. जिसमें शिक्षण संस्थान या विद्यालय कैंपस के सभी भवन के कक्षाओं, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, स्टोर रूम, पानी टंकी, किचन, वॉशरूम, प्रयोगशाला और लाइब्रेरी आदि की सफाई और सैनिटाइजेशन कराना जरूरी है. सभी संस्थानों में डिजिटल थर्मामीटर, सैनिटाइजर और साबुन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा क्लास में स्टूडेंट्स के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी होगी. वहीं, स्टाफ रूम में भी और कार्यालय कक्ष में भी 6 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था करनी होगी. संस्थानों को यह ध्यान रखना होगा कि किसी भी तरह की भीड़ एक जगह उपस्थित नहीं हो.

हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को लेकर भी गाइडलाइन
हॉस्टल के लिए भी शिक्षा विभाग ने गाइडलाइंस जारी किया है. जिसमें प्रमुख रुप से अलग-अलग डेट के लिए अस्थाई पार्टीशन की व्यवस्था करनी होगी, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. वहीं, छात्रावास में रहने के लिए वैसे छात्रों को प्राथमिकता देनी होगी जिनके घर पर ऑनलाइन सुविधा का अभाव हो. छात्रावास में रहने के इच्छुक सभी छात्रों को स्वास्थ्य संबंधी जांच के बाद ही अनुमति दी जाएगी. छात्रावास में वाईफाई कनेक्शन और केबल कनेक्शन आदि की व्यवस्था सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा.

Last Updated : Dec 25, 2020, 2:01 PM IST
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