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पटना के दो चेक क्लोन मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने शुरू की जांच

पटना सिटी में चेक क्लोन कर करीब एक करोड़ रुपए की निकासी के दो मामलों में आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू की है. दोनों केस में जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. पिछले दो दिनों में चेक क्लोन कर जालसाजी करने वाले दो जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन दोनों मामले में भी इनसे पूछताछ की जाएगी.

cyber crime
साइबर क्राइम
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Published : Jan 5, 2021, 6:02 PM IST

पटना: बिहार समेत पूरे देश में इन दिनों साइबर क्राइम की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. पिछले दिनों पटना सिटी के चौक थाना क्षेत्र के 2 मामलों में फर्जी चेक से की गई करीब एक करोड़ रुपए की निकासी को लेकर पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू कर दी है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. इसका असर हुआ है.

आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने 2 दिन पहले एडवाइजरी जारी कर निर्देश दिया कि फर्जी चेक के माध्यम से राशि निकासी की घटना इन दिनों अधिक हो रही है. अगर राशि की निकासी अवैध तरीके से होती है और संबंधित खाताधारक की गलती नहीं है तो राशि का भुगतान बैंक द्वारा जल्द होना चाहिए.

आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार.

किसान के खाते से हुई थी 50 लाख की निकासी
पिछले दिनों पटना सिटी के चौक थाना क्षेत्र के मोर्चा रोड में रहने वाले किसान रामाधार शर्मा के पंजाब नेशनल बैंक में जमा 50 लाख रुपए को अज्ञात अपराधियों ने चेक क्लोन कर निकाल लिया था. रामाधार ने जमीन बेचकर बेटी की शादी के लिए पैसों को बैंक में रखा था. वहीं, चौक थाना क्षेत्र के एसोसिएट प्रोफेसर शहनाज फातिमा के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते से 45.38 लाख रुपए की निकासी साइबर अपराधियों द्वारा चेक क्लोनिंग के माध्यम से की गई थी. अपराधियों ने हैदराबाद, पटना, मुंबई, हरियाणा और दिल्ली में 6 बार में विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर पैसे का गबन किया था.

cyber crime
साइबर क्राइम से बचने के उपाए.

इन दोनों मामले में आर्थिक अपराध इकाई और पुलिस छानबीन में लगी हुई है. जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. पिछले दो दिनों में राजधानी पटना में चेक क्लोन कर जालसाजी करने वाले दो जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन दोनों मामले में भी इनसे पूछताछ की जाएगी.

cyber crime
साइबर क्राइम से बचने के लिए रहें सतर्क.

चेक क्लोन कर पैसे की निकासी चिंताजनक
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा "जिस तरह से करेंसी नोट की छपाई होती है ठीक उसी प्रकार चेक की भी छपाई होती है. चेक को काफी सुरक्षित बनाया जाता है ताकि उसका नकल न हो सके. इसके बाद भी चेक क्लोन किया जा रहा है और पैसे निकाले जा रहे हैं. यह चिंताजनक है."

जितेंद्र सिंह ने लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की. उन्होंने कहा "बैंक जाकर हमेशा अपने मोबाइल नंबर को अपडेट करते रहें. इसके साथ ही अपना चेक बुक, सिग्नेचर और एटीएम कार्ड सुरक्षित रखें. अन्यथा पैसे गंवाने पड़ सकते हैं. बेवजह किसी ब्लैंक चेक पर सिग्नेचर कर भूलकर भी अपने पास न रखें."

cyber crime
ठगी होने पर उठाएं ये कदम.

30 दिन के अंदर पैसे भुगतान का है प्रावधान
आर्थिक अपराध इकाई का मानना है कि आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की गलती के बिना अवैध तरीके से निकासी उनके खाते से होती है तो बैंक द्वारा 30 दिनों के अंदर उसे भुगतान करने का प्रावधान है. समय रहते कार्रवाई नहीं होने या बैंक की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होने पर पीड़ित भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकिंग लोकपाल के पास दस्तावेजों के साथ स्वयं, डाक या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकता है.

Jitendra singh gangwar
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार.

"चेक क्लोन कर लेना बहुत ही चिंताजनक बात है. हस्ताक्षर को भी क्लोन किया जा रहा है. बैंक का सिस्टम क्लोन चेक को क्यों नहीं पकड़ पा रहा है यह भी चिंताजनक बात है. फर्जी चेक से पैसे निकालने के दोनों मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई की एक टीम को भेजा गया था. क्लोन चेक से पैसे निकाले गए हैं तो यह बैंक की लापरवाही है. पीड़ित को उसका पैसा मिलना चाहिए."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, आर्थिक अपराध इकाई

पटना: बिहार समेत पूरे देश में इन दिनों साइबर क्राइम की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. पिछले दिनों पटना सिटी के चौक थाना क्षेत्र के 2 मामलों में फर्जी चेक से की गई करीब एक करोड़ रुपए की निकासी को लेकर पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू कर दी है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. इसका असर हुआ है.

आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने 2 दिन पहले एडवाइजरी जारी कर निर्देश दिया कि फर्जी चेक के माध्यम से राशि निकासी की घटना इन दिनों अधिक हो रही है. अगर राशि की निकासी अवैध तरीके से होती है और संबंधित खाताधारक की गलती नहीं है तो राशि का भुगतान बैंक द्वारा जल्द होना चाहिए.

आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार.

किसान के खाते से हुई थी 50 लाख की निकासी
पिछले दिनों पटना सिटी के चौक थाना क्षेत्र के मोर्चा रोड में रहने वाले किसान रामाधार शर्मा के पंजाब नेशनल बैंक में जमा 50 लाख रुपए को अज्ञात अपराधियों ने चेक क्लोन कर निकाल लिया था. रामाधार ने जमीन बेचकर बेटी की शादी के लिए पैसों को बैंक में रखा था. वहीं, चौक थाना क्षेत्र के एसोसिएट प्रोफेसर शहनाज फातिमा के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते से 45.38 लाख रुपए की निकासी साइबर अपराधियों द्वारा चेक क्लोनिंग के माध्यम से की गई थी. अपराधियों ने हैदराबाद, पटना, मुंबई, हरियाणा और दिल्ली में 6 बार में विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर पैसे का गबन किया था.

cyber crime
साइबर क्राइम से बचने के उपाए.

इन दोनों मामले में आर्थिक अपराध इकाई और पुलिस छानबीन में लगी हुई है. जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. पिछले दो दिनों में राजधानी पटना में चेक क्लोन कर जालसाजी करने वाले दो जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन दोनों मामले में भी इनसे पूछताछ की जाएगी.

cyber crime
साइबर क्राइम से बचने के लिए रहें सतर्क.

चेक क्लोन कर पैसे की निकासी चिंताजनक
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा "जिस तरह से करेंसी नोट की छपाई होती है ठीक उसी प्रकार चेक की भी छपाई होती है. चेक को काफी सुरक्षित बनाया जाता है ताकि उसका नकल न हो सके. इसके बाद भी चेक क्लोन किया जा रहा है और पैसे निकाले जा रहे हैं. यह चिंताजनक है."

जितेंद्र सिंह ने लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की. उन्होंने कहा "बैंक जाकर हमेशा अपने मोबाइल नंबर को अपडेट करते रहें. इसके साथ ही अपना चेक बुक, सिग्नेचर और एटीएम कार्ड सुरक्षित रखें. अन्यथा पैसे गंवाने पड़ सकते हैं. बेवजह किसी ब्लैंक चेक पर सिग्नेचर कर भूलकर भी अपने पास न रखें."

cyber crime
ठगी होने पर उठाएं ये कदम.

30 दिन के अंदर पैसे भुगतान का है प्रावधान
आर्थिक अपराध इकाई का मानना है कि आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की गलती के बिना अवैध तरीके से निकासी उनके खाते से होती है तो बैंक द्वारा 30 दिनों के अंदर उसे भुगतान करने का प्रावधान है. समय रहते कार्रवाई नहीं होने या बैंक की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होने पर पीड़ित भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकिंग लोकपाल के पास दस्तावेजों के साथ स्वयं, डाक या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकता है.

Jitendra singh gangwar
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार.

"चेक क्लोन कर लेना बहुत ही चिंताजनक बात है. हस्ताक्षर को भी क्लोन किया जा रहा है. बैंक का सिस्टम क्लोन चेक को क्यों नहीं पकड़ पा रहा है यह भी चिंताजनक बात है. फर्जी चेक से पैसे निकालने के दोनों मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है. आर्थिक अपराध इकाई की एक टीम को भेजा गया था. क्लोन चेक से पैसे निकाले गए हैं तो यह बैंक की लापरवाही है. पीड़ित को उसका पैसा मिलना चाहिए."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, आर्थिक अपराध इकाई

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