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पटना में स्थापित हुआ ई-पावर कंटेनर सब स्टेशन, ऊर्जा मंत्री बोले- कम स्पेस में होती है पूरी व्यवस्था - Energy Minister Bijendra Prasad Yadav

फ्रांस की एडवांस्‍ड टेक्‍नोलॉजी वाला चलता-फिरता बिजली घर बिहार में आ गया है. राजधानी पटना के छज्जू बाग के प्रेस क्लब में कंटेनर ई पॉवर सब स्टेशन स्थापित कर दिया गया है. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि ई पावर सब स्टेशन के लिए बहुत कम जगह में इसका निर्माण हो पाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

E Power Container Substation
Energy Minister Bijendra Prasad Yadav
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Published : Jul 15, 2021, 5:59 PM IST

पटना: बिहार में पहली बार ऊर्जा विभाग (Bihar Energy Department) न्यू टेक्नोलॉजी का उपयोग कर शहर की घनी आबादी के बीच बहुत ही कम जगह में ई पावर कंटेनर सब स्टेशन (E Power Container Substation) का निर्माण करा रहा है. प्रदेश में दिन प्रतिदिन बिजली का लोड बढ़ता जा रहा है. ऐसे में पावर सब स्टेशन बनाने की नई तरकीब ऊर्जा विभाग ने सोच लिया है. राजधानी पटना के छज्जू बाग के प्रेस क्लब में कंटेनर पॉवर सब स्टेशन स्थापित कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें - 18 माह में फ्रांस की कंपनी बिहार में लगाएगी स्मार्ट मीटर, 6 साल तक करेगी मेंटेनेंस

कंटेनर पावर सब स्टेशन में सबसे खास बात यह है कि इसको 240 स्क्वायर मीटर में स्थापित किया जा सकता है. 5 से 6 फीट के 10 पिलर पर इस कंटेनर को रखा गया है. शहरी क्षेत्रों में घनी आबादी होने के कारण इस तरह के प्रोजेक्ट से ऊर्जा विभाग को भी काफी लाभ होगा. साथ ही साथ जमीन की जो किल्लत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस पावर सब स्टेशन से कम जमीन में इसका निर्माण कराया जा सकता है.

बताते चलें कि इस पावर सब स्टेशन को किसी मैन पावर की जरूरत नहीं है. इस कंटेनर पावर सब स्टेशन में एक कंटेनर के अंदर सभी तरह का उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है. इसके साथ ही उपकरणों को ठंडा रखने के लिए ऐसी भी इस कंटेनर में लगा हुआ है.

देखें वीडियो

हालांकि, कंटेनर पावर सब स्टेशन अभी सिर्फ स्थापित हुआ है. इसकी शुरुआत नहीं हुई है. इसके लिए पावर ट्रांसफार्मर स्थापित करने का काम शुरू है. यह पावर सब स्टेशन को जरूरत पड़ने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है. बंद कंटेनर में पावर सब स्टेशन रहेगा तो किसी प्रकार की किसी को कोई परेशानी नहीं होगी. बारिश और जलजमाव की भी चपेट में नहीं आएगा. ऊर्जा विभाग ई पावर कंटेनर सब स्टेशन फ्रांस की कंपनी से करार कर मंगाई गई है. एक कंटेनर पावर सब स्टेशन के निर्माण में लगभग 7 करोड़ की राशि खर्च होगी.

वहीं, बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (Minister Bijendra Prasad Yadav) ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में बहुत कम जगह में इसका निर्माण हो पाएगा. मेंटेनेंस के लिए ज्यादा परेशानी नहीं होगी. कम स्पेस और एक कंटेनर में पूरी व्यवस्था रहेगी.

"यह बहुत बड़ी बात है कि जिस तरह से जमीन की किल्लत दिन-प्रतिदिन हो रही है. ऐसे में इस तरह का पावर सब स्टेशन को शहरी क्षेत्र में ट्रायल के रूप में लगाया जा रहा है और इस कंटेनर को एक जगह से दूसरी जगह भी जरूरत पड़ने पर ले जाया जा सकता है. सिविल वर्क में कमी आएगी तो पैसा भी कम आएगा. फिलहाल, अभी एक जगह प्रयोग के तौर पर लगाया जा रहा है. अगर यह पूरी तरह से कंप्लीट हो जाएगी तो आने वाले दिनों में पायलट प्रोजेक्ट की तरह और भी जिलों में लगाए जाएंगे."- बिजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री

बता दें कि साउथ बिहार में 4 कंटेनर पावर सबस्टेशन लगाया जाएगा. नॉर्थ बिहार में 2 लगाने के लिए अप्रूवल हो गया है. आने वाले दिन में बिहार स्मार्ट मीटर की तर्ज पर स्मार्ट ग्रिड का निर्माण करा कर लोगों को और s-mart बनाने का काम करेगी. मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत हर घर बिजली तो पहुंचा दिया गया अब हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने को लेकर ऊर्जा विभाग लगातार प्रयास कर रही है और नया नया तरीका अपना कर निर्बाध बिजली पहुंचाने को लेकर काम कर रही है.

यह भी पढ़ें -

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ऊर्जा में निजीकरण के प्रस्ताव को बिहार ने किया खारिज, केंद्र ने किया था ऑफर

पटना: बिहार में पहली बार ऊर्जा विभाग (Bihar Energy Department) न्यू टेक्नोलॉजी का उपयोग कर शहर की घनी आबादी के बीच बहुत ही कम जगह में ई पावर कंटेनर सब स्टेशन (E Power Container Substation) का निर्माण करा रहा है. प्रदेश में दिन प्रतिदिन बिजली का लोड बढ़ता जा रहा है. ऐसे में पावर सब स्टेशन बनाने की नई तरकीब ऊर्जा विभाग ने सोच लिया है. राजधानी पटना के छज्जू बाग के प्रेस क्लब में कंटेनर पॉवर सब स्टेशन स्थापित कर दिया गया है.

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कंटेनर पावर सब स्टेशन में सबसे खास बात यह है कि इसको 240 स्क्वायर मीटर में स्थापित किया जा सकता है. 5 से 6 फीट के 10 पिलर पर इस कंटेनर को रखा गया है. शहरी क्षेत्रों में घनी आबादी होने के कारण इस तरह के प्रोजेक्ट से ऊर्जा विभाग को भी काफी लाभ होगा. साथ ही साथ जमीन की जो किल्लत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस पावर सब स्टेशन से कम जमीन में इसका निर्माण कराया जा सकता है.

बताते चलें कि इस पावर सब स्टेशन को किसी मैन पावर की जरूरत नहीं है. इस कंटेनर पावर सब स्टेशन में एक कंटेनर के अंदर सभी तरह का उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है. इसके साथ ही उपकरणों को ठंडा रखने के लिए ऐसी भी इस कंटेनर में लगा हुआ है.

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हालांकि, कंटेनर पावर सब स्टेशन अभी सिर्फ स्थापित हुआ है. इसकी शुरुआत नहीं हुई है. इसके लिए पावर ट्रांसफार्मर स्थापित करने का काम शुरू है. यह पावर सब स्टेशन को जरूरत पड़ने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है. बंद कंटेनर में पावर सब स्टेशन रहेगा तो किसी प्रकार की किसी को कोई परेशानी नहीं होगी. बारिश और जलजमाव की भी चपेट में नहीं आएगा. ऊर्जा विभाग ई पावर कंटेनर सब स्टेशन फ्रांस की कंपनी से करार कर मंगाई गई है. एक कंटेनर पावर सब स्टेशन के निर्माण में लगभग 7 करोड़ की राशि खर्च होगी.

वहीं, बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (Minister Bijendra Prasad Yadav) ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में बहुत कम जगह में इसका निर्माण हो पाएगा. मेंटेनेंस के लिए ज्यादा परेशानी नहीं होगी. कम स्पेस और एक कंटेनर में पूरी व्यवस्था रहेगी.

"यह बहुत बड़ी बात है कि जिस तरह से जमीन की किल्लत दिन-प्रतिदिन हो रही है. ऐसे में इस तरह का पावर सब स्टेशन को शहरी क्षेत्र में ट्रायल के रूप में लगाया जा रहा है और इस कंटेनर को एक जगह से दूसरी जगह भी जरूरत पड़ने पर ले जाया जा सकता है. सिविल वर्क में कमी आएगी तो पैसा भी कम आएगा. फिलहाल, अभी एक जगह प्रयोग के तौर पर लगाया जा रहा है. अगर यह पूरी तरह से कंप्लीट हो जाएगी तो आने वाले दिनों में पायलट प्रोजेक्ट की तरह और भी जिलों में लगाए जाएंगे."- बिजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री

बता दें कि साउथ बिहार में 4 कंटेनर पावर सबस्टेशन लगाया जाएगा. नॉर्थ बिहार में 2 लगाने के लिए अप्रूवल हो गया है. आने वाले दिन में बिहार स्मार्ट मीटर की तर्ज पर स्मार्ट ग्रिड का निर्माण करा कर लोगों को और s-mart बनाने का काम करेगी. मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत हर घर बिजली तो पहुंचा दिया गया अब हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने को लेकर ऊर्जा विभाग लगातार प्रयास कर रही है और नया नया तरीका अपना कर निर्बाध बिजली पहुंचाने को लेकर काम कर रही है.

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