ETV Bharat / state

'e-LOTS' से हर रोज खत्म होगा 1 GB डाटा, कैसे पढ़ाई करेंगे गरीब बच्चे

बिहार सरकार ने पढ़ाई की ऑनलाइन व्यवस्था कर दी है. पिछले साल टेक्स्ट बुक को ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया गया था. इस साल एक ई-लाइब्रेरी बना दिया गया है. ई-लॉट्स के जरिये बच्चे पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन इसकी कई खामियां भी हैं. जानकार कहते हैं कि उसमें दिए गए डाटा को डाउनलोड करके पढ़ने पर कम से कम एक जीबी मोबाइल डाटा खत्म हो जाएगा.

ई लॉट्स
ई लॉट्स
author img

By

Published : May 15, 2021, 1:00 PM IST

Updated : May 15, 2021, 1:58 PM IST

पटना: कोरोना महामारी के वक्त पिछले साल बिहार के शिक्षा विभाग ने एक बड़ा काम किया था. कक्षा 1 से 12 तक के तमाम टेक्स्ट बुक को बच्चों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया था. इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए इस बार बिहार सरकार ने एक ई-लाइब्रेरी बना दी है. जिसमें किताबों के साथ-साथ पाठ्यक्रम से संबंधित वीडियो भी छात्रों के लिए उपलब्ध हैं. महामारी के दौरान सभी स्कूल बंद हैं और तब सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए यह बड़ी सौगात मानी जा रही है. लेकिन इसका फायदा बच्चों तक कितना पहुंच रहा है, यह बड़ा सवाल है.

यह भी पढ़ें- DD बिहार पर कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे कर सकेंगे पढ़ाई, 10 मई से शुरू होगी क्लास

वीडियो भी हैं मौजूद
ई-लॉट्स, यानी इलेक्ट्रॉनिक लाइब्रेरी फॉर टीचर्स एंड स्टूडेंट्स. bepclots.bihar.govt.in पर लॉगिन करते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री और अन्य का संदेश सामने मिलता है और उसके बाद कक्षा 1 से 12 तक की तमाम किताबों की लिस्ट के साथ उन्हें क्लिक करके देखा जा सकता है. ई-लॉट्स पर हर चैप्टर को पढ़ने और डाउनलोड करने के अलावा इसमें पाठ से संबंधित वीडियो भी उपलब्ध हैं. इसे शिक्षक और छात्र दोनों ही देख सकते हैं.

ई लॉट्स
ई लॉट्स

सवाल और जवाब का विकल्प
हर पाठ के अंत में कुछ सवाल भी दिए गए हैं जिन्हें सॉल्व करके भेजने और सही उत्तर जानने का विकल्प भी उपलब्ध है. सरकार की ओर से शिक्षकों और स्टूडेंट्स के लिए एडवांस ई लाइब्रेरी को लांच करने का मकसद है कि बच्चे लॉकडाउन के समय आसानी से घर पर पढ़ाई कर सकें. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध तमाम कक्षाओं की किताबों को ऑनलाइन पढ़ा और देखा जा सकता है. ई-लॉट्स एप को गूगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड करके आप मोबाइल पर भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं.

ई लॉट्स एप
ई लॉट्स एप
ई लॉट्स
ई लॉट्स

'कोविड-19 महामारी के वक्त राज्य के कक्षा 1 से 12 के विद्यार्थियों के सीखने और सिखाने की प्रक्रिया की निरंतरता को बनाए रखने के लिए पहली बार डिजिटल एवं ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की गई है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, यूनिसेफ और राज्य शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त प्रयास से यह कंटेंट विकसित किया गया है. उम्मीद है कि यह ना केवल स्टूडेंट और टीचर्स बल्कि बिहार के अन्य लोगों के लिए भी काफी लाभदायक होगा.' -संजय सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद

ई लॉट्स
ई लॉट्स

एक जीबी तक डाटा हो जाता है खर्च
ई-लॉट्स पर उपलब्ध चैप्टर को देखने के बाद इतना तय है कि जब कोई विद्यार्थी किसी एक सब्जेक्ट के किसी एक चैप्टर को एक्सेस करता है और उसे खोलकर डाउनलोड करता है तो उसमें कम से कम 100 एमबी से 400 एमबी तक का डाटा खर्च होता है. अगर उस चैप्टर से संबंधित वीडियो देखना है तो उसके लिए और ज्यादा डाटा खर्च करना पड़ेगा. यानि एक दिन में ही कम से कम आधा जीबी और अधिकतम 1GB से ज्यादा मोबाइल डाटा ई लॉट्स पर पढ़ाई के लिए खर्च हो सकता है.

पैरेंट्स का डाटा यूजेज बढ़ा
पैरेंट्स का डाटा यूजेज बढ़ा
पैरेंट्स का डाटा यूजेज बढ़ा
पैरेंट्स का डाटा यूजेज बढ़ा

50 फीसदी बच्चों ने की थी ऑनलाइन पढ़ाई
जाहिर तौर पर स्मार्ट मोबाइल की अनुपलब्धता के साथ-साथ मोबाइल होने पर भी डाटा उपलब्ध हो, ऐसा महज 20 से 30% बच्चों के पास हो सकता है. शिक्षा विभाग ने पिछले साल जो ऑनलाइन पढ़ाई के आंकड़े उपलब्ध कराए थे. उसके मुताबिक करीब 50% बच्चों ने ऑनलाइन कंटेंट और टीवी के जरिए पढ़ाई की थी. ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं कि इस बार भी शिक्षा विभाग की इस बेहतरीन कोशिश पर सरकारी स्कूल के बच्चों की गरीबी भारी पड़ सकती है.

जयनंदन यादव, शिक्षक
जयनंदन यादव, शिक्षक

'सरकार का यह प्रयास बेहतरीन है. अगर बच्चों के पास मोबाइल और डाटा उपलब्ध हो तो कोरोना काल में इस बेहतरीन कंटेंट के जरिए शिक्षक बच्चों को उनका पाठ्यक्रम जरूर पूरा करा सकते हैं.' -जयनंदन यादव, शिक्षक

अजय कुमार तिवारी, शिक्षाविद्
अजय कुमार तिवारी, शिक्षाविद्

'इस कोविड महामारी के दौरान सरकारी स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कम से कम हजार रुपए मोबाइल डाटा के लिए उपलब्ध कराए. ताकि वे शिक्षा विभाग के ऑनलाइन कंटेंट का भरपूर उपयोग कर सकें.' -अजय कुमार तिवारी, शिक्षाविद्

यह भी पढ़ें- भोजपुर: यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से पढ़ सकेंगे 10वीं क्लास के बच्चे, क्रैश कोर्स की पढ़ाई शुरू

यह भी पढ़ें- बिहार के एक स्कूल में हो रही थी ऐसी पढ़ाई! देशद्रोह का केस दर्ज, जानिए पूरा मामला

पटना: कोरोना महामारी के वक्त पिछले साल बिहार के शिक्षा विभाग ने एक बड़ा काम किया था. कक्षा 1 से 12 तक के तमाम टेक्स्ट बुक को बच्चों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया था. इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए इस बार बिहार सरकार ने एक ई-लाइब्रेरी बना दी है. जिसमें किताबों के साथ-साथ पाठ्यक्रम से संबंधित वीडियो भी छात्रों के लिए उपलब्ध हैं. महामारी के दौरान सभी स्कूल बंद हैं और तब सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए यह बड़ी सौगात मानी जा रही है. लेकिन इसका फायदा बच्चों तक कितना पहुंच रहा है, यह बड़ा सवाल है.

यह भी पढ़ें- DD बिहार पर कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे कर सकेंगे पढ़ाई, 10 मई से शुरू होगी क्लास

वीडियो भी हैं मौजूद
ई-लॉट्स, यानी इलेक्ट्रॉनिक लाइब्रेरी फॉर टीचर्स एंड स्टूडेंट्स. bepclots.bihar.govt.in पर लॉगिन करते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री और अन्य का संदेश सामने मिलता है और उसके बाद कक्षा 1 से 12 तक की तमाम किताबों की लिस्ट के साथ उन्हें क्लिक करके देखा जा सकता है. ई-लॉट्स पर हर चैप्टर को पढ़ने और डाउनलोड करने के अलावा इसमें पाठ से संबंधित वीडियो भी उपलब्ध हैं. इसे शिक्षक और छात्र दोनों ही देख सकते हैं.

ई लॉट्स
ई लॉट्स

सवाल और जवाब का विकल्प
हर पाठ के अंत में कुछ सवाल भी दिए गए हैं जिन्हें सॉल्व करके भेजने और सही उत्तर जानने का विकल्प भी उपलब्ध है. सरकार की ओर से शिक्षकों और स्टूडेंट्स के लिए एडवांस ई लाइब्रेरी को लांच करने का मकसद है कि बच्चे लॉकडाउन के समय आसानी से घर पर पढ़ाई कर सकें. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध तमाम कक्षाओं की किताबों को ऑनलाइन पढ़ा और देखा जा सकता है. ई-लॉट्स एप को गूगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड करके आप मोबाइल पर भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं.

ई लॉट्स एप
ई लॉट्स एप
ई लॉट्स
ई लॉट्स

'कोविड-19 महामारी के वक्त राज्य के कक्षा 1 से 12 के विद्यार्थियों के सीखने और सिखाने की प्रक्रिया की निरंतरता को बनाए रखने के लिए पहली बार डिजिटल एवं ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की गई है. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, यूनिसेफ और राज्य शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के संयुक्त प्रयास से यह कंटेंट विकसित किया गया है. उम्मीद है कि यह ना केवल स्टूडेंट और टीचर्स बल्कि बिहार के अन्य लोगों के लिए भी काफी लाभदायक होगा.' -संजय सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद

ई लॉट्स
ई लॉट्स

एक जीबी तक डाटा हो जाता है खर्च
ई-लॉट्स पर उपलब्ध चैप्टर को देखने के बाद इतना तय है कि जब कोई विद्यार्थी किसी एक सब्जेक्ट के किसी एक चैप्टर को एक्सेस करता है और उसे खोलकर डाउनलोड करता है तो उसमें कम से कम 100 एमबी से 400 एमबी तक का डाटा खर्च होता है. अगर उस चैप्टर से संबंधित वीडियो देखना है तो उसके लिए और ज्यादा डाटा खर्च करना पड़ेगा. यानि एक दिन में ही कम से कम आधा जीबी और अधिकतम 1GB से ज्यादा मोबाइल डाटा ई लॉट्स पर पढ़ाई के लिए खर्च हो सकता है.

पैरेंट्स का डाटा यूजेज बढ़ा
पैरेंट्स का डाटा यूजेज बढ़ा
पैरेंट्स का डाटा यूजेज बढ़ा
पैरेंट्स का डाटा यूजेज बढ़ा

50 फीसदी बच्चों ने की थी ऑनलाइन पढ़ाई
जाहिर तौर पर स्मार्ट मोबाइल की अनुपलब्धता के साथ-साथ मोबाइल होने पर भी डाटा उपलब्ध हो, ऐसा महज 20 से 30% बच्चों के पास हो सकता है. शिक्षा विभाग ने पिछले साल जो ऑनलाइन पढ़ाई के आंकड़े उपलब्ध कराए थे. उसके मुताबिक करीब 50% बच्चों ने ऑनलाइन कंटेंट और टीवी के जरिए पढ़ाई की थी. ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं कि इस बार भी शिक्षा विभाग की इस बेहतरीन कोशिश पर सरकारी स्कूल के बच्चों की गरीबी भारी पड़ सकती है.

जयनंदन यादव, शिक्षक
जयनंदन यादव, शिक्षक

'सरकार का यह प्रयास बेहतरीन है. अगर बच्चों के पास मोबाइल और डाटा उपलब्ध हो तो कोरोना काल में इस बेहतरीन कंटेंट के जरिए शिक्षक बच्चों को उनका पाठ्यक्रम जरूर पूरा करा सकते हैं.' -जयनंदन यादव, शिक्षक

अजय कुमार तिवारी, शिक्षाविद्
अजय कुमार तिवारी, शिक्षाविद्

'इस कोविड महामारी के दौरान सरकारी स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कम से कम हजार रुपए मोबाइल डाटा के लिए उपलब्ध कराए. ताकि वे शिक्षा विभाग के ऑनलाइन कंटेंट का भरपूर उपयोग कर सकें.' -अजय कुमार तिवारी, शिक्षाविद्

यह भी पढ़ें- भोजपुर: यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से पढ़ सकेंगे 10वीं क्लास के बच्चे, क्रैश कोर्स की पढ़ाई शुरू

यह भी पढ़ें- बिहार के एक स्कूल में हो रही थी ऐसी पढ़ाई! देशद्रोह का केस दर्ज, जानिए पूरा मामला

Last Updated : May 15, 2021, 1:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.