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अस्पताल परिसर के शेड में नहीं बैठ सकेंगे मरीज के परिजन, कोरोना के कारण पीएमसीएच का फैसला!

कोरोना के कारण पीएमसीएच का फैसला (PMCH Decision due to Corona) मरीज के परिजनों के लिए परेशानी वाला साबित हो रहा है. दरअसल शेड में बैठे परिजनों को हटाने का फरमान जारी किया गया है.

कोरोना के कारण पीएमसीएच का फैसला
कोरोना के कारण पीएमसीएच का फैसला
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Published : Jan 11, 2022, 10:22 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) के बढ़ते मामलों के कारण बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों में एडमिट होने लगे हैं. मरीज की स्थिति गंभीर होने पर लोग मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लेकर पहुंच रहे हैं लेकिन इसी बीच प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कोरोना वार्ड में एडमिट मरीज के परिजनों की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना वार्ड के बाहर परिजनों के आश्रय के लिए शेड का निर्माण किया गया था और बेड भी लगाए गए थे. इसके अलावा टीवी स्क्रीन की भी व्यवस्था की गई थी ताकि मरीज का हेल्थ बुलेटिन परिजन आसानी से जान सके लेकिन मंगलवार को शेड में बैठे परिजनों को हटा दिया गया. इससे पीएमसीएच में मरीज के परिजनों की परेशानी (Problems of Relatives of Patient in PMCH) बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें: ओमीक्रोन के अफ्रीकी स्ट्रेन से अलग है बिहार में मिला वैरिएंट, जानें कितना है खतरनाक?

मंगलवार को अस्पताल के गार्ड द्वारा परिजनों को शेड से हटाकर उस पूरे एरिया को प्रतिबंधित क्षेत्र में तब्दील कर दिया और रस्सी से बैरिकेडिंग कर दी गई. रस्सी से बैरिकेडिंग कर पोस्टर लगा दिया गया कि इस प्रतिबंधित एरिया में मरीज के परिजनों का रुकना सख्त मना है. ऐसे में मरीज के परिजनों की परेशानी बढ़ गई है. परिजनों का कहना था कि अस्पताल में उनके लिए कहीं बैठने की भी व्यवस्था नहीं है और गार्ड यहां से भगा रहे हैं. गार्ड उनसे कह रहे है कि अपने ठहरने के लिए व्यवस्था खुद देखें.

देखें रिपोर्ट

एक मरीज के परिजन ने बताया कि उनकी पत्नी एडमिट है और सोमवार तक वह परिजनों के लिए बने शेड में ही रुके हुए थे, लेकिन मंगलवार को अचानक अस्पताल के गार्ड्स उन्हें हटा दिए और उनसे कहा गया कि ऊपर से आदेश है और अब यह शेड बंद हो रहा है.वहीं, एक अन्य मरीज के परिजन ने बताया कि उनके पिता अस्पताल में एडमिट हैं. ऐसे समय में किसी एक परिजन का यहां रुकना आवश्यक है ताकि मरीज को कुछ जरूरत हो तो अस्पताल के स्टाफ परिजन से संपर्क कर सकें लेकिन यहां शेड से उन्हें हटा दिया गया है. उसके मुताबिक गार्ड ने बताया है कि अधीक्षक आदेश है कि अब यह शेड नहीं रहेगा और कोरोना मरीज के परिजन अपने बैठने और ठहरने की व्यवस्था खुद देखें. यहां उन लोगों के लिए कहीं बैठने की भी जगह नहीं है. इस वजह से परिसर में जहां-तहां खड़े हैं और दिन काट रहे हैं. ठंड का मौसम है और ऐसे में रात में समय बिताना मुश्किल होगा. सभी बेड को वहां फोल्ड कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- बिहार में लॉकडाउन की तैयारी! DM को मिला फैसला लेने का अधिकार

अस्पताल परिसर में मौजूद एक अन्य मरीज के परिजन ने बताया कि उसकी पत्नी कोरोना वार्ड में एडमिट है. वह बक्सर जिले से आया है. स्थिति गंभीर होने पर एडमिट करना पड़ा है और पटना में उसकी जान पहचान का कोई नहीं है. ऐसे में अस्पताल में पिछले 9 दिनों से शेड में बैठकर समय काट रहे थे और लेकिन अब मुश्किल हो गया है. जहां तहां खड़े रहकर दिन काटना पड़ रहा है और बैठने की कहीं कोई व्यवस्था नहीं है.

परिजन के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन से अपील करेंगे कि उन लोगों के लिए कहीं भी बैठने की व्यवस्था की जाए ताकि अगर मरीज के लिए कुछ जरूरत होती है तो अस्पताल के स्टाफ उनसे संपर्क कर सकें. वहीं, इस मसले पर ईटीवी भारत संवाददाता ने जब अस्पताल के अधीक्षक का पक्ष जानने का प्रयास किया तो अधीक्षक का मोबाइल स्विच ऑफ मिला और अधीक्षक अपने कार्यालय से नदारद थे.

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पटना: बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) के बढ़ते मामलों के कारण बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों में एडमिट होने लगे हैं. मरीज की स्थिति गंभीर होने पर लोग मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लेकर पहुंच रहे हैं लेकिन इसी बीच प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कोरोना वार्ड में एडमिट मरीज के परिजनों की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना वार्ड के बाहर परिजनों के आश्रय के लिए शेड का निर्माण किया गया था और बेड भी लगाए गए थे. इसके अलावा टीवी स्क्रीन की भी व्यवस्था की गई थी ताकि मरीज का हेल्थ बुलेटिन परिजन आसानी से जान सके लेकिन मंगलवार को शेड में बैठे परिजनों को हटा दिया गया. इससे पीएमसीएच में मरीज के परिजनों की परेशानी (Problems of Relatives of Patient in PMCH) बढ़ गई है.

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मंगलवार को अस्पताल के गार्ड द्वारा परिजनों को शेड से हटाकर उस पूरे एरिया को प्रतिबंधित क्षेत्र में तब्दील कर दिया और रस्सी से बैरिकेडिंग कर दी गई. रस्सी से बैरिकेडिंग कर पोस्टर लगा दिया गया कि इस प्रतिबंधित एरिया में मरीज के परिजनों का रुकना सख्त मना है. ऐसे में मरीज के परिजनों की परेशानी बढ़ गई है. परिजनों का कहना था कि अस्पताल में उनके लिए कहीं बैठने की भी व्यवस्था नहीं है और गार्ड यहां से भगा रहे हैं. गार्ड उनसे कह रहे है कि अपने ठहरने के लिए व्यवस्था खुद देखें.

देखें रिपोर्ट

एक मरीज के परिजन ने बताया कि उनकी पत्नी एडमिट है और सोमवार तक वह परिजनों के लिए बने शेड में ही रुके हुए थे, लेकिन मंगलवार को अचानक अस्पताल के गार्ड्स उन्हें हटा दिए और उनसे कहा गया कि ऊपर से आदेश है और अब यह शेड बंद हो रहा है.वहीं, एक अन्य मरीज के परिजन ने बताया कि उनके पिता अस्पताल में एडमिट हैं. ऐसे समय में किसी एक परिजन का यहां रुकना आवश्यक है ताकि मरीज को कुछ जरूरत हो तो अस्पताल के स्टाफ परिजन से संपर्क कर सकें लेकिन यहां शेड से उन्हें हटा दिया गया है. उसके मुताबिक गार्ड ने बताया है कि अधीक्षक आदेश है कि अब यह शेड नहीं रहेगा और कोरोना मरीज के परिजन अपने बैठने और ठहरने की व्यवस्था खुद देखें. यहां उन लोगों के लिए कहीं बैठने की भी जगह नहीं है. इस वजह से परिसर में जहां-तहां खड़े हैं और दिन काट रहे हैं. ठंड का मौसम है और ऐसे में रात में समय बिताना मुश्किल होगा. सभी बेड को वहां फोल्ड कर दिया गया है.

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अस्पताल परिसर में मौजूद एक अन्य मरीज के परिजन ने बताया कि उसकी पत्नी कोरोना वार्ड में एडमिट है. वह बक्सर जिले से आया है. स्थिति गंभीर होने पर एडमिट करना पड़ा है और पटना में उसकी जान पहचान का कोई नहीं है. ऐसे में अस्पताल में पिछले 9 दिनों से शेड में बैठकर समय काट रहे थे और लेकिन अब मुश्किल हो गया है. जहां तहां खड़े रहकर दिन काटना पड़ रहा है और बैठने की कहीं कोई व्यवस्था नहीं है.

परिजन के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन से अपील करेंगे कि उन लोगों के लिए कहीं भी बैठने की व्यवस्था की जाए ताकि अगर मरीज के लिए कुछ जरूरत होती है तो अस्पताल के स्टाफ उनसे संपर्क कर सकें. वहीं, इस मसले पर ईटीवी भारत संवाददाता ने जब अस्पताल के अधीक्षक का पक्ष जानने का प्रयास किया तो अधीक्षक का मोबाइल स्विच ऑफ मिला और अधीक्षक अपने कार्यालय से नदारद थे.

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