पटना : कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा है. जिससे सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग के लोग प्रभावित हैं. वहीं, मार्केट में भी माल की कमी होने के आसार नजर आ रहा हैं. मजदूरों की कमी की वजह से कई जगहों पर जरूरी काम, खाद्यान्न और रौ-मटेरियल लदे गाड़ियों से माल लोड-अनलोड का कामकाज भी नहीं हो पा रहा है. नतीजा ये है कि कई गाड़ियां जहां-तहां ड्राई पोर्ट में खड़ी नजर आ रही हैं.
बता दें कि राजधानी पटना से सटे बिहटा रेलवे स्टेशन के पास बना ड्राई पोर्ट जहां खदानों से भरे ट्रक खड़े हैं. साथ ही रेलगाड़ी की रेक भी लगी है. लेकिन इन माल गाड़ियों पर सामान लोड-अनलोड कौन करेगा यह गंभीर समस्या बनी हुई है.
खाद्यान्न सामग्रियों को कौन करें लोड-अनलोड
बिहटा से भी बड़े पैमाने पर दिहाड़ी मजदूर या तो पलायन कर चुके हैं या उत्पादन क्षेत्र और स्टोरेज क्षेत्रों में कोरोना के डर से नहीं जा रहे हैं. कुछ मजदूर लॉक डाउन का पालन करते हुए अपने घरों में ही कैद है. जिससे बाजारों में जरूरी सामान के दाम भी बढ़ने लगे है. वहीं, कालाबाजारी भी होने लगी है. हालांकि लॉक डाउन में खाद्यान्न उत्पादन और उनसे लदी गाड़ियों पर कोई रोक टोक नहीं है. लेकिन समस्या ये है कि खाद्यान्न सामग्रियों को लोड-अनलोड करें तो कौन करें.
घर में बंद हैं मजदूर
हालांकि, 8 दिनों से ज्यादा लॉक डाउन के बाद सरकार की तरफ से खाद्यान्न उत्पादन के रौ-मैटेरियल वाली गाड़ियों को थोड़ी राहत दी है. जिससे रौ-मटेरियल लदे ट्रक भी जगह-जगह पर पहुंचने लगे हैं. लेकिन उन गाड़ियों पर भी सामान लोड अनलोड करने वाले मजदूर नहीं मिल रहे हैं. ट्रक चालकों की खाने-पीने की भी समस्या गंभीर बन चुकी है. वे जल्द से जल्द ट्रक को अनलोड करा कर अपने घर लौटना चाहते हैं. लेकिन मजदूर घर में बंद हैं.
लोगों को झेलनी पड़ सकती हैं परेशानी
ट्रक चालक शिवजी सिंह और शंकर सिंह ने बताया कि हम लोग ट्रक पर चावल लेकर दो दिनों से आए हैं. मजदूर नहीं होने से ट्रक खाली नहीं हो रहा है. वे लोग बताते हैं कि बिहटा ड्राई पोर्ट में ट्रक में अति आवश्यक चीज है. लेकिन मजदूर नहीं है. हम लोग भी फंसे हैं. अब ट्रक कब खाली होगा, वो भी नहीं पता है. हालात ये है की बिहटा के ड्राई पोर्ट में खाद्यान्न से लेकर रौ मैटेरियल जैसे समान और समान लदी गाड़िया जस की तस हैं. वहीं, ड्राई पोर्ट के सिक्युरिटी स्टाफ हिमांशु शेखर झा ने बताया कि लॉक डाउन की वजह से जो माल जहां है. वहीं पड़ा हुआ है. मजूदर यहां नहीं है. सभी मजदुर लॉक डाउन के कारण अपने घर चले गए हैं.