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बिहार में तीन दिनों के लिए दवा दुकानें बंद, मरीजों की बढ़ी परेशानी

पटना के सभी दवा दुकान बंद हैं और बेली रोड के आईजीआईएमएस के बाहर की दवा दुकानों के बंद रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. दवा ग्राहक ने कहा कि इंसुलिन का इंजेक्शन खरीदने के लिए भटक रहे हैं. लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल रही है.

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Published : Jan 22, 2020, 2:57 PM IST

पटना: बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से अपने प्रमुख मांगों को लेकर राज्य के सभी थोक और खुदरा दवा दुकान को बंद रखा गया है. एसोसिएशन की ओर से 22 जनवरी से 24 जनवरी तक के लिए 3 दिनों की हड़ताल की घोषणा की गई है. हड़ताल के पहले दिन ही दवा दुकानों के बंद रहने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई है.

पटना के सभी दवा दुकान बंद हैं और बेली रोड के आईजीआईएमएस के बाहर की दवा दुकानों के बंद रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. दवा ग्राहक ने कहा कि इंसुलिन का इंजेक्शन खरीदने के लिए भटक रहे हैं. लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल रही है.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जमुई में दवा दुकान बंद
जिले में भी सात सूत्री मांग को लेकर आज से तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. दवा दुकानदार औषधि नियंत्रण प्रशासन के कार्यालय से पत्र जारी कर जिले भर में लगभग दो दर्जन चिन्हित दुकानों को खुला रखने के लिए कहा गया है. बाकि सभी दुकाने बंद हैं.

जानिए क्या है मांग

  • फार्मासिस्ट समस्या का जबतक सरकार की ओर से समाधान नहीं हो जाता है तबतक विभाग के जारी किए गए सभी अनुज्ञप्तिधारी के साथ निरीक्षण के दौरान इस नियम की आड़ में विभागीय उतपीड़न और शोषण को बंद किया जाए. इस नियम के आलोक में किए गए विभागीय कारवाई के उपर राहत दिया जाए.
  • दवा दुकानों के निरीक्षण ड्रग एक्ट में परिभाषित ( फॉर्म 35 ) के अनुसार ही होना चाहिए.
  • निरीक्षण के लिए जारी किए गए विभागीय ज्ञापांक 262 (15 ) , दिनांक 29 .03.2019 को अविलम्ब निरस्त किया जाए
  • निरीक्षण के क्रम में पाए गए तकनीकी गलतियों के उपर दंडित करने के पहले उसे सुधार के लिए उचित समय दिया जाए.
  • राज्य के दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण में एकरूपता और पारदर्शिता बने रहे, इसके लिए विभाग की ओर से एक दिशा-निर्देश जारी किया जाए, इसकी पूरी जानकारी राज्य के केमिस्टों को हो.
  • अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण में केंद्र सरकार की जारी अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि नियंत्रण के चालान जमा करने में एक स्पष्ट दिशा - निर्देश जारी किया जाए.
  • विभागीय निरीक्षण का उद्देश्य सुधार करने का होना चाहिए न कि उसके नाम पर उतपीड़न और शोषण किया जाए.
    patna
    बंद दवा दुकान

कटिहार में दवा दुकान बंद
जिले में केमिस्ट एसोसिएशन के हड़ताल का व्यापक असर दिखना शुरू हो गया है. मरीज दवाई के लिए परेशान हो रहे हैं. केमिस्ट एसोसिएशन ने मरीजों को समस्याओं को देखते हुए 4 मेडिकल स्टोर को खोले रखने का लिया है. हालांकि, अन्य सभी दुकानें बंद ही रहेगी.

सरकार की नीतियों के खिलाफ बंद
राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में केमिस्ट एसोसिएशन ने राज्यव्यापी 3 दिनों का हड़ताल का बुलाया है. इस दौरान राज्य के सभी मेडिकल स्टोर को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है. केमिस्ट एसोसिएशन की ओर से बंद का ऐलान के बाद कटिहार जिले में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. शहर के सभी मेडिकल स्टोरों को एसोसिएशन की ओर से घूम-घूम कर बंद कराया गया.

patna
शहर में बंद दवा दुकान

मेडिकल स्टोरों में फार्मासिस्ट रखने का निर्देश
बता दें कि बिहार सरकार की ओर से दिए गए आवश्यक निर्देश के अनुसार सभी मेडिकल स्टोरों में फार्मासिस्ट रखने का निर्देश दिया है. दुकानों के लाइसेंस को रिन्यूअल ऑनलाइन करना है, इन्हीं सब समस्याओं का विरोध करते हुए केमिस्ट एसोसिएशन ने राज्यव्यापी हड़ताल का बुलाया है. केमिस्ट एसोसिएशन की मानें तो राज्य में कुल 7500 फार्मासिस्ट हैं. वहीं, करीब 52 हजार दुकानें ऐसे हैं, जहां दुकानों में फार्मासिस्ट रखना संभव नहीं है.

कटिहार से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

तीन दिन तक बंद दवा दुकान
जिला केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव वीरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जिले के सभी मेडिकल स्टोर को 3 दिनों के लिए बंद रखा जाएगा. उन्होंने बताया फरमासिस्ट समस्या, विभागीय उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ जिले के सभी खुदरा और थोक दवा दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है.

पटना: बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से अपने प्रमुख मांगों को लेकर राज्य के सभी थोक और खुदरा दवा दुकान को बंद रखा गया है. एसोसिएशन की ओर से 22 जनवरी से 24 जनवरी तक के लिए 3 दिनों की हड़ताल की घोषणा की गई है. हड़ताल के पहले दिन ही दवा दुकानों के बंद रहने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई है.

पटना के सभी दवा दुकान बंद हैं और बेली रोड के आईजीआईएमएस के बाहर की दवा दुकानों के बंद रहने के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. दवा ग्राहक ने कहा कि इंसुलिन का इंजेक्शन खरीदने के लिए भटक रहे हैं. लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल रही है.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जमुई में दवा दुकान बंद
जिले में भी सात सूत्री मांग को लेकर आज से तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. दवा दुकानदार औषधि नियंत्रण प्रशासन के कार्यालय से पत्र जारी कर जिले भर में लगभग दो दर्जन चिन्हित दुकानों को खुला रखने के लिए कहा गया है. बाकि सभी दुकाने बंद हैं.

जानिए क्या है मांग

  • फार्मासिस्ट समस्या का जबतक सरकार की ओर से समाधान नहीं हो जाता है तबतक विभाग के जारी किए गए सभी अनुज्ञप्तिधारी के साथ निरीक्षण के दौरान इस नियम की आड़ में विभागीय उतपीड़न और शोषण को बंद किया जाए. इस नियम के आलोक में किए गए विभागीय कारवाई के उपर राहत दिया जाए.
  • दवा दुकानों के निरीक्षण ड्रग एक्ट में परिभाषित ( फॉर्म 35 ) के अनुसार ही होना चाहिए.
  • निरीक्षण के लिए जारी किए गए विभागीय ज्ञापांक 262 (15 ) , दिनांक 29 .03.2019 को अविलम्ब निरस्त किया जाए
  • निरीक्षण के क्रम में पाए गए तकनीकी गलतियों के उपर दंडित करने के पहले उसे सुधार के लिए उचित समय दिया जाए.
  • राज्य के दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण में एकरूपता और पारदर्शिता बने रहे, इसके लिए विभाग की ओर से एक दिशा-निर्देश जारी किया जाए, इसकी पूरी जानकारी राज्य के केमिस्टों को हो.
  • अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण में केंद्र सरकार की जारी अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि नियंत्रण के चालान जमा करने में एक स्पष्ट दिशा - निर्देश जारी किया जाए.
  • विभागीय निरीक्षण का उद्देश्य सुधार करने का होना चाहिए न कि उसके नाम पर उतपीड़न और शोषण किया जाए.
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    बंद दवा दुकान

कटिहार में दवा दुकान बंद
जिले में केमिस्ट एसोसिएशन के हड़ताल का व्यापक असर दिखना शुरू हो गया है. मरीज दवाई के लिए परेशान हो रहे हैं. केमिस्ट एसोसिएशन ने मरीजों को समस्याओं को देखते हुए 4 मेडिकल स्टोर को खोले रखने का लिया है. हालांकि, अन्य सभी दुकानें बंद ही रहेगी.

सरकार की नीतियों के खिलाफ बंद
राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में केमिस्ट एसोसिएशन ने राज्यव्यापी 3 दिनों का हड़ताल का बुलाया है. इस दौरान राज्य के सभी मेडिकल स्टोर को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है. केमिस्ट एसोसिएशन की ओर से बंद का ऐलान के बाद कटिहार जिले में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. शहर के सभी मेडिकल स्टोरों को एसोसिएशन की ओर से घूम-घूम कर बंद कराया गया.

patna
शहर में बंद दवा दुकान

मेडिकल स्टोरों में फार्मासिस्ट रखने का निर्देश
बता दें कि बिहार सरकार की ओर से दिए गए आवश्यक निर्देश के अनुसार सभी मेडिकल स्टोरों में फार्मासिस्ट रखने का निर्देश दिया है. दुकानों के लाइसेंस को रिन्यूअल ऑनलाइन करना है, इन्हीं सब समस्याओं का विरोध करते हुए केमिस्ट एसोसिएशन ने राज्यव्यापी हड़ताल का बुलाया है. केमिस्ट एसोसिएशन की मानें तो राज्य में कुल 7500 फार्मासिस्ट हैं. वहीं, करीब 52 हजार दुकानें ऐसे हैं, जहां दुकानों में फार्मासिस्ट रखना संभव नहीं है.

कटिहार से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

तीन दिन तक बंद दवा दुकान
जिला केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव वीरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जिले के सभी मेडिकल स्टोर को 3 दिनों के लिए बंद रखा जाएगा. उन्होंने बताया फरमासिस्ट समस्या, विभागीय उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ जिले के सभी खुदरा और थोक दवा दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है.

Intro:बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से अपने प्रमुख मांगो को लेकर राज्य के सभी थोक और खुदरा दवा दुकान को बंद रखा गया है. एसोसिएशन की ओर से 22 जनवरी से 24 जनवरी तक के लिए 3 दिनों की हड़ताल की घोषणा की गई है जिसके बाद हड़ताल के पहले दिन ही दवा दुकानों के बंद रहने के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.


Body:राजधानी पटना के सभी दवा दुकान बंद है और बेली रोड पर आईजीआईएमएस के बाहर दवा दुकानों के बंद रहने के कारण मरीज के परिजन काफी परेशान दिखे. दवा के लिए भटक रहे ओमप्रकाश ने बताया कि उन्हें इंसुलिन का इंजेक्शन लेना है और इसके लिए वह आधे घंटे से सड़क पर टहल रहे हैं मगर कोई भी दुकान खुला हुआ नहीं है. उन्होंने बताया कि उन्हें हड़ताल की जानकारी नहीं थी और उन्हें इंसुलिन के इंजेक्शन की बहुत जरूरत है उनके मरीज अस्पताल में है मगर यहां मिल नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को ड्रग एसोसिएशन की मांगों पर ध्यान देना चाहिए और जल्द से जल्द दवा दुकान खुले ऐसा प्रयास करना चाहिए क्योंकि दवा दुकानों के बंद रहने के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.


Conclusion:दवा दुकान के बाहर खड़े सतेंद्र ने बताया कि दवा दुकानों के बंद रहने से परेशानियां बढ़ गई हैं और सरकार को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए वही आईजीआईएमएस में अपनी बेटी का इलाज करा कर दवा खरीदने निकले युवक राजीव ने बताया कि उनके बेटे के सर में चोट लगी थी जिसके बाद दिखाने के बाद डॉक्टरों ने दवा लिखा है. वह दवा खरीदने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं मगर कहीं भी कोई दुकान खुला नहीं दिखाई पड़ रहा है जहां से वह दवा खरीदें. उन्होंने कहा कि दवा दुकानों के बंद रहने से परेशानी बहुत बढ़ गई है.
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