पटनाः कोरोना संक्रमण से जंग जीतने के लिए बिहार सरकार की ओर से कई अहम कदम उठाए जा रहे है. सरकार के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल शुरू की है. अब पल्स पोलियो अभियान की तरह ही, कोरोना संक्रमण को लेकर डोर टू डोर जाकर सर्वे एवं स्कैनिंग का काम शुरू हो गया है. इस कार्य में आंगनबाड़ी, आशा दीदी और अन्य उत्प्रेरक कर्मियों की मदद ली जा रही है.
डोर टू डोर सर्वे हुआ शुरू
वहीं, जिस इलाके को कोरोना संक्रमण को लेकर प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. उस इलाके को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है. उन इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम पीपीई किट पहन कर ही सर्वे का काम करेगी. इसके लिए उन सभी कर्मियों को पीपीई कीट उपलब्ध करा दी गई है, ताकि इन्हें संक्रमण का कोई खतरा ना हो.
स्वास्थ्य कर्मियों को उपलब्ध कराया गया कोविड-19 फार्म
सर्वे के लिए जा रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि सरकार की ओर से हमें कोविड-19 फार्म उपलब्ध कराया गया है. जिसमें तीन स्तर पर सूचना उपलब्ध करनी है. कोविड-19 फॉर्म के तहत परिवार के हिस्ट्री के बारे में जानकारी लेनी है कि परिवार के सदस्य कहां हैं ,कहां काम कर रहे हैं, यदि वह घर आए हैं, तो कब घर आए हैं, परिवार में लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित क्या परेशानी है. इन सभी बिंदुओं को लेकर फॉर्म भरना है.
कर्मचारियों के उपर हमला करने वालों पर की जाएगी कार्रवाई
डोर टू डोर सर्वे के लिए जाने वाले कर्मचारियों पर स्थानीय लोगों की ओर से उन पर हमला कर दिया जाता था. जिसको लेकर सरकार ने गाइडलाइंस तय की है कि जो कोई भी व्यक्ति कर्मचारियों के ऊपर हमला करता है, तो उनके खिलाफ सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी. जिसके बाद अब स्वास्थ्य कर्मी, नगर निगम गर्मी और प्रशासन कर्मी लगातार कोरोना संक्रमण को लेकर डोर टू डोर सर्वे का काम शुरू कर दिए है.
सर्वे में लोग भी कर रहे मदद
स्वास्थ्य कर्मियों का सर्वे में हेल्प कर रहे पटना नगर निगम सुपरवाइजर कन्हैया कुमार बताते हैं कि अब लोगों के तरफ से सर्वे में हम लोगों को हेल्प मिला है. लोग अब हमारी मदद कर रहे है. अब किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है.