ETV Bharat / state

एनडीए की नैया डुबोएंगे मांझी! क्या सच में कुछ नया करने वाले हैं जीतनराम?

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) के मन में क्या है? बिहार की सियासत में आज सबसे बड़ा सवाल यही है, क्योंकि जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से वे अपने बयानों से एनडीए के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं, उसने लोगों को करीब डेढ़ साल पहले की याद दिला दी है. जब मांझी महागठबंधन से बाहर होने का रास्ता ढूंढ रहे थे. अब एक तरफ आरजेडी के नेता फिर से उनकी ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ हम प्रमुख फिलहाल ऐसी किसी संभावना से इनकार भी कर रहे हैं. पढ़ें खास रिपोर्ट...

एनडीए की नैया डुबोएंगे मांझी
एनडीए की नैया डुबोएंगे मांझी
author img

By

Published : Dec 22, 2021, 5:52 PM IST

पटना: कभी ब्राह्मणों पर विवादित बयान (Controversial Statement on Brahmins) तो कभी खुले मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चैलेंज करते हैं कि 1000 करोड़ की रााशि जारी करें नहीं तो हम गठबंधन छोड़कर चले जाएंगे. यही नहीं, जिस शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने के लिए सीएम इन दिनों समाज सुधार अभियान पर निकले हैं, उसे लेकर हर कुछ दिन हम प्रमुख जीतनराम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) मुख्यमंत्री को सलाह देते हैं कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए और इसमें आंशिक ढील देनी चाहिए. वे कहते हैं कि महुआ को प्रतिबंधित पदार्थ की श्रेणी से बाहर करना चाहिए. साथ ही लोगों को यह भी सलाह देते हैं कि थोड़ी-थोड़ी पिया करो और पीकर घर में सो जाया करो.

ये भी पढ़ें: विवादित बयानों के बावजूद एनडीए में बने रहेंगे जीतनराम मांझी, कहा- नीतीश कुमार के साथ रहूंगा

मांझी के ये बयान पिछले कुछ दिनों से लगातार एनडीए सरकार के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. मांझी के इन बयानों से जाहिर तौर पर एनडीए नेता बेहद असहज महसूस कर रहे हैं. खासतौर पर जेडीयू के नेताओं को शराबबंदी पर मांझी के दिए बयानों को लेकर हो रही परेशानी जगजाहिर है. फिर भी जीतनराम मांझी गाहे-बगाहे अपने बयानों से बिहार की सियासत में कुछ नया होने की आशंका पैदा कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

हाल के दिनों में जिस तरह से यूपी चुनाव में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी बीजेपी को घेर रहे हैं और इधर जीतन राम मांझी लगातार अपने बयानों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, उससे राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदें फिर से बढ़ गई हैंं. आरजेडी नेता तो अब यह उम्मीद लगा रहे हैं कि मकर संक्रांति के बाद बिहार में कुछ बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जीतनराम मांझी की बयानबाजी यूं ही नहीं है. वह जरूर अपने आप को एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं, क्योंकि वहां उन्हें पर्याप्त तवज्जो नहीं मिल रही और इसीलिए ऐसे बयान दे रहे हैं.

"जीतन राम मांझी की बयानबाजी यूं ही नहीं है. वह जरूर अपने आप को एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पर्याप्त तवज्जो नहीं मिल रही और इसीलिए ऐसे बयान दे रहे हैं. मैं मांझी जी को व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं, वे किसी भी जाति के खिलाफ गलत नहीं बोल सकते हैं"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

ये भी पढ़ें: RJD नेता बोले- BJP-JDU से मन ऊब गया है, तो तेजस्वी का हाथ थाम लें जीतन राम मांझी

इधर, जेडीयू नेता अरविंद निषाद ने कहा कि पिछले 16 सालों से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वे एनडीए के सभी दलों को एक साथ लेकर चल रहे हैं और आगे भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चलती रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के नेता तो पहले भी दावे कर चुके हैं, लेकिन उनके दावे हमेशा हवा-हवाई साबित हुए हैं.

"पिछले 16 सालों से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वे एनडीए के सभी दलों को एक साथ लेकर चल रहे हैं और आगे भी उनके नेतृत्व में एनडीए की सरकार चलती रहेगी. विपक्ष के नेता तो पहले भी दावे कर चुके हैं और उनके हर दावे हमेशा हवा-हवाई साबित हुए हैं"- अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जेडीयू

ये भी पढ़ें: 'मुख्यमंत्री जी एक हजार करोड़ दीजिए... नहीं तो हम महागठबंधन में चले जाएंगे... फिर आप समझ जाइयेगा'

वहीं, बीजेपी नेता यह दावा कर रहे हैं कि जीतनराम मांझी वरिष्ठ नेता हैं. वे कई पार्टियों के साथ काम कर चुके हैं. प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि मांझी को पूरा अनुभव प्राप्त है. उन्हें पता है कि सिर्फ एनडीए सरकार के साथ रहकर ही बिहार का भला हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन तो पहले से ही बिखराव की ओर अग्रसर है. आगे और बिखराव होना तय है, लिहाजा अपने आप को बचाने के लिए आरजेडी के नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं. एनडीए में सब कुछ ठीक है और हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

"मांझी जी को पूरा अनुभव प्राप्त है. उन्हें पता है कि सिर्फ एनडीए सरकार के साथ रहकर ही बिहार का भला हो सकता है. वैसे भी महागठबंधन तो पहले से ही बिखराव की ओर अग्रसर है. अभी आगे और बिखराव होगा. इसलिए अपने आप को बचाने के लिए आरजेडी के नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं"- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी


यह भी पढ़ें- गजेंद्र झा बीजेपी से निष्कासित, मांझी की जीभ काटने पर की थी 11 लाख के इनाम की घोषणा

हालांकि विवादित बयानों के बीच बुधवार को गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने अपने बयानों पर सफाई दी है. साथ ही ये भी कहा है कि वे कहीं नहीं जाएंगे, एनडीए में ही बने रहेंगे. उन्होंने कहा, 'अब असर पड़ेगा या नहीं पड़ेगा ये तो एनडीए के बड़े नेता समझे. या बात हमारी होगी तो उनको हम अपनी बात बताएंगे. एनडीए छोड़ने का सवाल ही नहीं है. हम तो बहुत पहले ही कह दिए हैं कि हम नीतीश कुमार के साथ हैं और साथ रहेंगे.'

दरअसल, पिछले कुछ समय से जीतनराम मांझी जिस तरह से ताबड़तोड़ बयान दे रहे हैं. कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो कभी बीजेपी नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं, उससे वे लगातार एनडीए पर दबाव बना रहे हैं और इसकी वजह भी बेहद साफ है. वर्तमान विधानसभा में संख्या बल के मुताबिक मांझी और मुकेश सहनी किसी भी सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, चाहे सरकार महागठबंधन की बने या फिर एनडीए की. यही वजह है कि गाहे-बगाहे कभी मांझी तो कभी सहनी अपने बयानों से सरकार को अपने महत्व का एहसास कराते रहते हैं. उनके बयानों से विपक्ष की उम्मीदें भी बढ़ जाती हैं.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: कभी ब्राह्मणों पर विवादित बयान (Controversial Statement on Brahmins) तो कभी खुले मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चैलेंज करते हैं कि 1000 करोड़ की रााशि जारी करें नहीं तो हम गठबंधन छोड़कर चले जाएंगे. यही नहीं, जिस शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने के लिए सीएम इन दिनों समाज सुधार अभियान पर निकले हैं, उसे लेकर हर कुछ दिन हम प्रमुख जीतनराम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) मुख्यमंत्री को सलाह देते हैं कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए और इसमें आंशिक ढील देनी चाहिए. वे कहते हैं कि महुआ को प्रतिबंधित पदार्थ की श्रेणी से बाहर करना चाहिए. साथ ही लोगों को यह भी सलाह देते हैं कि थोड़ी-थोड़ी पिया करो और पीकर घर में सो जाया करो.

ये भी पढ़ें: विवादित बयानों के बावजूद एनडीए में बने रहेंगे जीतनराम मांझी, कहा- नीतीश कुमार के साथ रहूंगा

मांझी के ये बयान पिछले कुछ दिनों से लगातार एनडीए सरकार के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. मांझी के इन बयानों से जाहिर तौर पर एनडीए नेता बेहद असहज महसूस कर रहे हैं. खासतौर पर जेडीयू के नेताओं को शराबबंदी पर मांझी के दिए बयानों को लेकर हो रही परेशानी जगजाहिर है. फिर भी जीतनराम मांझी गाहे-बगाहे अपने बयानों से बिहार की सियासत में कुछ नया होने की आशंका पैदा कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

हाल के दिनों में जिस तरह से यूपी चुनाव में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी बीजेपी को घेर रहे हैं और इधर जीतन राम मांझी लगातार अपने बयानों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, उससे राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदें फिर से बढ़ गई हैंं. आरजेडी नेता तो अब यह उम्मीद लगा रहे हैं कि मकर संक्रांति के बाद बिहार में कुछ बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जीतनराम मांझी की बयानबाजी यूं ही नहीं है. वह जरूर अपने आप को एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं, क्योंकि वहां उन्हें पर्याप्त तवज्जो नहीं मिल रही और इसीलिए ऐसे बयान दे रहे हैं.

"जीतन राम मांझी की बयानबाजी यूं ही नहीं है. वह जरूर अपने आप को एनडीए में असहज महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पर्याप्त तवज्जो नहीं मिल रही और इसीलिए ऐसे बयान दे रहे हैं. मैं मांझी जी को व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं, वे किसी भी जाति के खिलाफ गलत नहीं बोल सकते हैं"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

ये भी पढ़ें: RJD नेता बोले- BJP-JDU से मन ऊब गया है, तो तेजस्वी का हाथ थाम लें जीतन राम मांझी

इधर, जेडीयू नेता अरविंद निषाद ने कहा कि पिछले 16 सालों से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वे एनडीए के सभी दलों को एक साथ लेकर चल रहे हैं और आगे भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चलती रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के नेता तो पहले भी दावे कर चुके हैं, लेकिन उनके दावे हमेशा हवा-हवाई साबित हुए हैं.

"पिछले 16 सालों से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. वे एनडीए के सभी दलों को एक साथ लेकर चल रहे हैं और आगे भी उनके नेतृत्व में एनडीए की सरकार चलती रहेगी. विपक्ष के नेता तो पहले भी दावे कर चुके हैं और उनके हर दावे हमेशा हवा-हवाई साबित हुए हैं"- अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जेडीयू

ये भी पढ़ें: 'मुख्यमंत्री जी एक हजार करोड़ दीजिए... नहीं तो हम महागठबंधन में चले जाएंगे... फिर आप समझ जाइयेगा'

वहीं, बीजेपी नेता यह दावा कर रहे हैं कि जीतनराम मांझी वरिष्ठ नेता हैं. वे कई पार्टियों के साथ काम कर चुके हैं. प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि मांझी को पूरा अनुभव प्राप्त है. उन्हें पता है कि सिर्फ एनडीए सरकार के साथ रहकर ही बिहार का भला हो सकता है. उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन तो पहले से ही बिखराव की ओर अग्रसर है. आगे और बिखराव होना तय है, लिहाजा अपने आप को बचाने के लिए आरजेडी के नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं. एनडीए में सब कुछ ठीक है और हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

"मांझी जी को पूरा अनुभव प्राप्त है. उन्हें पता है कि सिर्फ एनडीए सरकार के साथ रहकर ही बिहार का भला हो सकता है. वैसे भी महागठबंधन तो पहले से ही बिखराव की ओर अग्रसर है. अभी आगे और बिखराव होगा. इसलिए अपने आप को बचाने के लिए आरजेडी के नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं"- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी


यह भी पढ़ें- गजेंद्र झा बीजेपी से निष्कासित, मांझी की जीभ काटने पर की थी 11 लाख के इनाम की घोषणा

हालांकि विवादित बयानों के बीच बुधवार को गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने अपने बयानों पर सफाई दी है. साथ ही ये भी कहा है कि वे कहीं नहीं जाएंगे, एनडीए में ही बने रहेंगे. उन्होंने कहा, 'अब असर पड़ेगा या नहीं पड़ेगा ये तो एनडीए के बड़े नेता समझे. या बात हमारी होगी तो उनको हम अपनी बात बताएंगे. एनडीए छोड़ने का सवाल ही नहीं है. हम तो बहुत पहले ही कह दिए हैं कि हम नीतीश कुमार के साथ हैं और साथ रहेंगे.'

दरअसल, पिछले कुछ समय से जीतनराम मांझी जिस तरह से ताबड़तोड़ बयान दे रहे हैं. कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो कभी बीजेपी नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं, उससे वे लगातार एनडीए पर दबाव बना रहे हैं और इसकी वजह भी बेहद साफ है. वर्तमान विधानसभा में संख्या बल के मुताबिक मांझी और मुकेश सहनी किसी भी सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, चाहे सरकार महागठबंधन की बने या फिर एनडीए की. यही वजह है कि गाहे-बगाहे कभी मांझी तो कभी सहनी अपने बयानों से सरकार को अपने महत्व का एहसास कराते रहते हैं. उनके बयानों से विपक्ष की उम्मीदें भी बढ़ जाती हैं.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.