पटना: कोरोना वायरस का संक्रमण अब देश में अपने पांव तेजी से पसारता नजर आ रहा है. जनवरी महीने में भारत में कोरोना का पहला मामला सामने आया था. जबकि मार्च के आखिरी हफ्ते में कोरोना संक्रमण का मामला 1000 तक पहुंच गया. लेकिन चिंता की बात यह है कि महज 4 से 5 दिनों में ही कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या दो हजार से ज्यादा हो चुकी है. डॉक्टरों ने इसे गंभीर मानते हुए कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका जताई है.
ईटीवी भारत ने फिजीशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी से इस मामले में बात की. उन्होंने इसे गंभीर खतरा बताया है. डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि भारत में लॉक डाउन के फैसले ने कोरोना का संक्रमण रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है. लेकिन अब हम जिस स्टेज में पहुंच चुके हैं, वह काफी खतरनाक है. जितनी तेजी से कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी है. उससे यह साफ है कि अब यह कम्युनिटी स्प्रेड के लेवल तक पहुंच गया है. हमें बेहद सावधान हो जाना चाहिए.
'डॉक्टर लें पर्सनल प्रोटेक्शन'
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने आगे कहा कि कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज में लगे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. लेकिन वे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते हुए भी बेहद खतरनाक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं. उन्हें तुरंत पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट यानी पीपीई मुहैया करानी चाहिए. ताकि वह बेफिक्र होकर लोगों का इलाज कर सकें. वहीं, स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले को चिंताजनक बताते हुए डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि ऐसे मामलों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. लोगों को यह समझना होगा कि आज के समय में डॉक्टर भगवान की भूमिका निभा रहे हैं.
डॉक्टर कर चुके हैं कई बार शिकायत
बता दें कि बिहार में कई बार डॉक्टरों की ओर से यह शिकायत दर्ज कराई गई है कि उन्हें पीपीई उपलब्ध नहीं हो रहा. ऐसे में वे बेहद खतरनाक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं. अगर डॉक्टर खतरनाक स्थिति में काम करेंगे तो इससे डॉक्टर को भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि सरकार की ओर से भी अब यह दावा किया गया है कि पर्याप्त संख्या में पीपीई डॉक्टरों को उपलब्ध कराया जा रहा है.