पटना: दुनिया भर में कोरोनावायरस अब महामारी का रूप ले चुका है. पूरा विश्व इस वायरस की चपेट में है. भारत में भी कोरोना वायरस लगभग 250 से अधिक लोगों को प्रभावित कर चुका है. कोरोना वायरस से बचने के लिए हर लोग अपने स्तर से तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में कोरोना वायरस से लोग कैसे बचें, इस पर ईटीवी भारत ने हृदय रोग विशेषज्ञ के साथ पैथोलॉजिस्ट से राय ली है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एसके मधुकर ने कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों को सलाह दी है. उन्होंने कहा कि अगर लोग कुछ बातों का ध्यान रखें तो कोरोना के प्रकोप से बच सकते हैं:
- भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें.
- जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें.
- बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
- अपने पास में सेनिटाइजर जरूर रखें.
- छींकते औरर खांसते समय नाक और मुंह को कोहनी से ढंकें या फिर रूमाल या टिशू का इस्तमाल करें.
- बातचीत के दौरान दूसरे व्यक्तियों से लगभग एक मीटर की दूरी बनाए रखें.
- तेज बुखार आने और सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
- अपनी आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें.
- अफवाहओं और दहशत न आएं.
एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है संक्रमण
डॉ. एसके मधुकर ने बताया कि कोरोनावायरस के बचाव के लिए अभी कोई दवा नहीं बनी है. जिससे इस रोग से बचा जा सके. जब भी किसी व्यक्ति से आप संपर्क में आते हैं तो आप तुरंत हाथ धोएं. हाथ धोने के लिए सेनिटाइजर यदि आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, तो आप साबुन से भी हाथ धो सकते हैं. यदि आप भीड़ वाले इलाके में जाते हैं जैसे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस डिपो या फिर कहीं कोई बड़ी सोसाइटी में जहां पर आप किसी भी चीज को हाथ से टच करते हैं तो आपको अपना हाथ धोना आवश्यक है. डॉक्टर ने लोगों को सलाह दी है कि लोग ज्यादा मास्क का यूज न करें मास्क सिर्फ मरीज और डॉक्टरों ही यूज कर सकते हैं क्योंकि वह मरीज के संपर्क में ज्यादा रहते हैं.
बिहार में कम हो रहा टेस्ट-पैथोलॉजिस्ट
कोरोना वायरस टेस्ट को लेकर हमने पैथोलॉजिस्ट प्रभात रंजन ने कहा है कि बिहार में कोरोना वायरस को लेकर जितना टेस्ट होना चाहिए उतना अभी हो नहीं पा रहा है. चूंकि बिहार में होली की छुट्टी में जितने लोग बाहर से आये थे सबका स्कैनिंग सही से नहीं हो पाया था, मेरा मानना है कि स्कैनिंग कम हुई है. उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर की भी बात सुने तो उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि टेस्ट यानी भारत सहित बिहार में कोरोना संदिग्ध का जो भी टेस्ट हो रहा है वह कम है. यहां तक जो भी लोग कोरोना संदिग्ध के संपर्क में आ रहे हैं उनकी भी जांच पूरे प्रॉपर तरीके से नहीं हो पा रही है.
लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या
पूरे भारत में बात करें तो कोरोना के मरीजों की संख्या इसलिए कम है क्योंकि उनकी जांच प्रॉपर तरीके से नहीं हो पा रही है. हमने देखा कि भारत में कोरोना वायरस की संख्या 195 थी लेकिन शाम होते-होते 254 से भी पार कर गई है. डॉ. प्रभात रंजन का मानना है कि स्वाइन फ्लू का टेस्ट जिस तरह से सरकार ने प्राइवेट सेक्टर को दिया था और प्रॉपर तरीके से स्वाइन फ्लू की जांच हो रही थी. ऐसे ही सरकार जो भी रेट फिक्स कर दे प्राइवेट सेक्टर में भी कोरोना टेस्ट होना जरूरी है. तभी जाकर पता चल सकेगा कि भारत में भी कोरोना के कितने मरीज हैं.
कोरोना के चार चरण
आईसीएमआर के अनुसार कोरोना वायरस फैलने के चार चरण हैं. पहले चरण में वे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जो दूसरे देश से संक्रमित होकर भारत में आए. यह स्टेज भारत पार कर चुका है क्योंकि ऐसे लोगों से भारत में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैल चुका है. दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी ना किसी ऐसे संक्रमित शख्स के संपर्क में आए जो विदेश यात्रा करके लौटे थे.
तीसरा चरण इनसब में खतरनाक है जिसे 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' कहते हैं. इसे लेकर भारत सरकार चिंतित है. कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है. और चौथा चरण होता है, जब संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले लेता है.