ETV Bharat / state

Diwali 2021: शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी माता की पूजा करने से होगा दोगुना लाभ, जानें पूजा का समय व विधि

आज दीपावली का त्योहार बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है. हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. देवी लक्ष्मी को आज के दिन पूजा जाता है. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों को दोगुना लाभ मिलता है. आगे पढ़िए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि.

Laxmi Puja Muhurat 2021
Laxmi Puja Muhurat 2021
author img

By

Published : Nov 4, 2021, 6:02 AM IST

पटना: दिवाली (Diwali 2021) की धूम पूरे देश के साथ ही बिहार (Diwali In Bihar) में भी देखने को मिल रही है. कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान (Lakshmi Puja Vidhi) से पूजा करने से धन धान्य की कभी कमी नहीं होती है. अगर शुभ मुहूर्त (Laxmi Puja Muhurat) में पूजा की जाए तो इसका दोगुना लाभ मिलता है. दिवाली त्योहार अंधकार पर प्रकाश, अन्याय पर न्याय का विजय का प्रतीक है. इस दिन लक्ष्मी माता को पूजा जाता है. लक्ष्मी प्रकाश, धन और सौंदर्य की देवी हैं.

यह भी पढ़ें- Dhanteras 2021 Special: इन राशियों पर मेहरबान होंगे धनवंतरि.. धनतेरस पर होगी धनवर्षा

क्यों मनाई जाती है दिवाली? इसके पीछे अलग-अलग कहानियां हैं. माना जाता है कि जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या नगरी लौटे थे, तब उनकी प्रजा ने मकानों की सफाई की और दीप जलाकर उनका स्वागत किया. आज भी लोग दिवाली के दिन हर्षोल्लास के साथ घरों की सफाई करते हैं, पूजा करते हैं और पूरे घर को दीयों की रोशनी से सजाया जाता है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- जानिए, क्यों खास है अयोध्या का दीपोत्सव

दूसरी कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके प्रजा को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई तो द्वारका की प्रजा ने दीपक जलाकर उनको धन्यवाद दिया था. एक और किवदंती के अनुसार सतयुग में जब समुद्र मंथन हुआ तो धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी के प्रकट होने पर दीप जलाकर आनंद व्यक्त किया गया.

यह भी पढ़ें- धनतेरस से पहले पटना के बाजारों में उमड़ी भीड़, सर्राफा व्यापारियों को 200 करोड़ के कारोबार की उम्मीद

शुभ मुहूर्त: दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. अमावस्या तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को सुबह 06:03 बजे से हो गई है और इसकी समाप्ति 5 नवंबर को सुबह 02:44 पर होगी. लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:09 बजे से शुरू होकर रात 08:04 बजे तक रहेगा. यानी इस मुहूर्त की कुल अवधि 01 घण्टा 56 मिनट की है. दिवाली की शाम को प्रदोष काल के समय लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है.

यह भी पढ़ें- दीपावली के दिन करें रामबाण उपाय, मिलेंगी खुशियां हो जाएंगे मालामाल

पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री: माता लक्ष्मी को लाल रंग काफी प्रिय माना जाता है. पूजा में गुड़हल का फूल चढ़ाना विशेष फलदायक माना जाता है. इसके साथ ही लकड़ी की चौकी, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां या चित्र, चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला कपड़ा जरूरी है. कुमकुम, हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत, साबुत नारियल के साथ ही पान और सुपारी भी पूजा में जरूर रखें.

यह भी पढ़ें- Chhoti Diwali 2021: छोटी दिवाली आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

लक्ष्मी पूजा विधि: दिवाली के लिए लोग कई दिन पहले से ही घरों के साफ सफाई में लग जाते हैं, लेकिन दिवाली के दिन सबसे पहले सुबह उठकर एक बार फिर से घर के हर कोनों की साफ-सफाई करनी चाहिए. इसके बाद स्नान करके पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव कर घर को पवित्र करना चाहिए. घर को अच्छे तरीके से सजाना और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाना भी शुभ होता है. घर के मुख्य दरवाजे पर तोरण द्वार लगाना चाहिए, और दरवाजे के दोनों तरफ शुभ-लाभ और स्वास्तिक का निशान बनाना चाहिए.

शाम के लक्ष्मी पूजा के दौरान भी कई बातों का ख्याल रखना चाहिए. पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर गंगाजल का छिड़काव करते हुए देवी लक्ष्मी,भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ मां सरस्वती और कुबेर देवता की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए. चौकी पर लाल कपड़ी रखकर उसमें थोड़ा चावल संकल्प के साथ रखना चाहिए. कलश में जल भरकर इसे चावल के ऊपर स्थापित करना चाहिए. आम के पत्ते भी रखने चाहिए, माना जाता है कि इसमें देवी का वास होता है. इसलिए दरवाजे में आम के पत्ते लगाना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है. शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए पूजा आरंभ करनी चाहिए,ताकि माता प्रसन्न हो और दोगुना लाभ की प्राप्ति हो. महालक्ष्मी की पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और पुस्तकों की पूजा करनी चाहिए. अंत में माता लक्ष्मी की आरती करके घर के सभी हिस्सों में दीये जलाने चाहिए.

पटना: दिवाली (Diwali 2021) की धूम पूरे देश के साथ ही बिहार (Diwali In Bihar) में भी देखने को मिल रही है. कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान (Lakshmi Puja Vidhi) से पूजा करने से धन धान्य की कभी कमी नहीं होती है. अगर शुभ मुहूर्त (Laxmi Puja Muhurat) में पूजा की जाए तो इसका दोगुना लाभ मिलता है. दिवाली त्योहार अंधकार पर प्रकाश, अन्याय पर न्याय का विजय का प्रतीक है. इस दिन लक्ष्मी माता को पूजा जाता है. लक्ष्मी प्रकाश, धन और सौंदर्य की देवी हैं.

यह भी पढ़ें- Dhanteras 2021 Special: इन राशियों पर मेहरबान होंगे धनवंतरि.. धनतेरस पर होगी धनवर्षा

क्यों मनाई जाती है दिवाली? इसके पीछे अलग-अलग कहानियां हैं. माना जाता है कि जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या नगरी लौटे थे, तब उनकी प्रजा ने मकानों की सफाई की और दीप जलाकर उनका स्वागत किया. आज भी लोग दिवाली के दिन हर्षोल्लास के साथ घरों की सफाई करते हैं, पूजा करते हैं और पूरे घर को दीयों की रोशनी से सजाया जाता है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- जानिए, क्यों खास है अयोध्या का दीपोत्सव

दूसरी कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके प्रजा को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई तो द्वारका की प्रजा ने दीपक जलाकर उनको धन्यवाद दिया था. एक और किवदंती के अनुसार सतयुग में जब समुद्र मंथन हुआ तो धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी के प्रकट होने पर दीप जलाकर आनंद व्यक्त किया गया.

यह भी पढ़ें- धनतेरस से पहले पटना के बाजारों में उमड़ी भीड़, सर्राफा व्यापारियों को 200 करोड़ के कारोबार की उम्मीद

शुभ मुहूर्त: दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. अमावस्या तिथि की शुरुआत 4 नवंबर को सुबह 06:03 बजे से हो गई है और इसकी समाप्ति 5 नवंबर को सुबह 02:44 पर होगी. लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:09 बजे से शुरू होकर रात 08:04 बजे तक रहेगा. यानी इस मुहूर्त की कुल अवधि 01 घण्टा 56 मिनट की है. दिवाली की शाम को प्रदोष काल के समय लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है.

यह भी पढ़ें- दीपावली के दिन करें रामबाण उपाय, मिलेंगी खुशियां हो जाएंगे मालामाल

पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री: माता लक्ष्मी को लाल रंग काफी प्रिय माना जाता है. पूजा में गुड़हल का फूल चढ़ाना विशेष फलदायक माना जाता है. इसके साथ ही लकड़ी की चौकी, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां या चित्र, चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला कपड़ा जरूरी है. कुमकुम, हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत, साबुत नारियल के साथ ही पान और सुपारी भी पूजा में जरूर रखें.

यह भी पढ़ें- Chhoti Diwali 2021: छोटी दिवाली आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

लक्ष्मी पूजा विधि: दिवाली के लिए लोग कई दिन पहले से ही घरों के साफ सफाई में लग जाते हैं, लेकिन दिवाली के दिन सबसे पहले सुबह उठकर एक बार फिर से घर के हर कोनों की साफ-सफाई करनी चाहिए. इसके बाद स्नान करके पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव कर घर को पवित्र करना चाहिए. घर को अच्छे तरीके से सजाना और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाना भी शुभ होता है. घर के मुख्य दरवाजे पर तोरण द्वार लगाना चाहिए, और दरवाजे के दोनों तरफ शुभ-लाभ और स्वास्तिक का निशान बनाना चाहिए.

शाम के लक्ष्मी पूजा के दौरान भी कई बातों का ख्याल रखना चाहिए. पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर गंगाजल का छिड़काव करते हुए देवी लक्ष्मी,भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ मां सरस्वती और कुबेर देवता की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए. चौकी पर लाल कपड़ी रखकर उसमें थोड़ा चावल संकल्प के साथ रखना चाहिए. कलश में जल भरकर इसे चावल के ऊपर स्थापित करना चाहिए. आम के पत्ते भी रखने चाहिए, माना जाता है कि इसमें देवी का वास होता है. इसलिए दरवाजे में आम के पत्ते लगाना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है. शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए पूजा आरंभ करनी चाहिए,ताकि माता प्रसन्न हो और दोगुना लाभ की प्राप्ति हो. महालक्ष्मी की पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और पुस्तकों की पूजा करनी चाहिए. अंत में माता लक्ष्मी की आरती करके घर के सभी हिस्सों में दीये जलाने चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.