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पटना: AN सिंहा इंस्टिट्यूट में असंगठित क्षेत्र के महिला कामगार के हालात पर चर्चा

डॉ. शरद कुमारी ने कहा कि प्रदेश में अभी भी श्रमिक के रूप में महिला मंजूर नहीं है. इसी कारण से उनके लिए जो मुलभूत सुविधाएं होनी चाहिए वो नहीं होती है. इससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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Published : Dec 27, 2019, 11:30 PM IST

पटना
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पटना: राजधानी के एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट में महिला जागरण केंद्र और एक्शन ऐड की ओर से राज्य में असंगठित क्षेत्र के महिला कामगार के हालात पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के कई स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर महिला हेल्पलाइन और राज्य महिला आयोग की सदस्य भी मौजूद रहीं.

इस परिचर्चा में मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिला को उनके कार्यस्थल पर होने वाले परेशानियों के बारे में बात की गई. कार्यक्रम में परिचर्चा के दौरान मौजूद डॉ. शरद कुमारी ने कहा कि प्रदेश में अभी भी श्रमिक के रूप में महिला मंजूर नहीं है. इसी कारण से उनके लिए जो मुलभूत सुविधाएं होनी चाहिए वो नहीं होती हैं. इससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार ने उनके सुविधा के लिए कुछ पहल जरूर किए हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में महिला कामगारों को सुविधा नहीं मिल पाती है. इसलिए जरूरी था कि बिहार के संदर्भ में हम इन मुद्दों पर बातचीत करें. ताकि महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर मिलने वाली मुलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जा सके.

पेश है रिपोर्ट

सरकार को करवाया जाएगा समस्या से अवगत
बता दें कि इस परिचर्चा में असंगठित क्षेत्र की कई महिला मजदूरों ने हिस्सा लिया. उन्होंने अपनी अपनी समस्या बताई. जिसके बारे में वहां मौजूद महिला संगठन, महिला हेल्पलाइन और राज्य महिला आयोग को अवगत करवाया गया. इस पर महिला संगठन की कार्यकर्ताओं ने बताया कि वो सरकार के सामने महिला मजदूरों की समस्या को रखेंगी. ताकि सरकार महिला मजदूरों के लिए जो कानून बने हैं उसे पालन करवाए.

पटना: राजधानी के एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट में महिला जागरण केंद्र और एक्शन ऐड की ओर से राज्य में असंगठित क्षेत्र के महिला कामगार के हालात पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के कई स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर महिला हेल्पलाइन और राज्य महिला आयोग की सदस्य भी मौजूद रहीं.

इस परिचर्चा में मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिला को उनके कार्यस्थल पर होने वाले परेशानियों के बारे में बात की गई. कार्यक्रम में परिचर्चा के दौरान मौजूद डॉ. शरद कुमारी ने कहा कि प्रदेश में अभी भी श्रमिक के रूप में महिला मंजूर नहीं है. इसी कारण से उनके लिए जो मुलभूत सुविधाएं होनी चाहिए वो नहीं होती हैं. इससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सरकार ने उनके सुविधा के लिए कुछ पहल जरूर किए हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में महिला कामगारों को सुविधा नहीं मिल पाती है. इसलिए जरूरी था कि बिहार के संदर्भ में हम इन मुद्दों पर बातचीत करें. ताकि महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर मिलने वाली मुलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जा सके.

पेश है रिपोर्ट

सरकार को करवाया जाएगा समस्या से अवगत
बता दें कि इस परिचर्चा में असंगठित क्षेत्र की कई महिला मजदूरों ने हिस्सा लिया. उन्होंने अपनी अपनी समस्या बताई. जिसके बारे में वहां मौजूद महिला संगठन, महिला हेल्पलाइन और राज्य महिला आयोग को अवगत करवाया गया. इस पर महिला संगठन की कार्यकर्ताओं ने बताया कि वो सरकार के सामने महिला मजदूरों की समस्या को रखेंगी. ताकि सरकार महिला मजदूरों के लिए जो कानून बने हैं उसे पालन करवाए.

Intro:एंकर पटना के ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट में महिला जागरण केंद्र और एक्शन ऐड के द्वारा बिहार में असंगठित क्षेत्र के महिला कामगार की स्थिति पर संवाद परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के कई स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किए इस अवसर पर महिला हेल्पलाइन और राज्य महिला आयोग की सदस्य भी मौजूद रहे इसमे मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिला को उनके कार्य स्थल पर कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है और किस तरह महिला कार्यस्थल पर बिना सुविधा का भी काम करने पर मजबूर रहती है


Body:कार्यक्रम में परिचर्चा में मौजूद डॉ शरद कुमारी ने कहा कि बिहार में अभी भी श्रमिक के रूप में महिला मंजूर नहीं है लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण महिलाओं को और संगठित क्षेत्र में काम करना पड़ता है उन्होंने कहा कि जो खेत में काम करते हैं जो मजदूरी कर रहे हैं निश्चित तौर पर उन्हें भी सुविधा का घोर अभाव है साथ ही अगर कोई प्राइवेट जगह पर काम करता है वहां भी महिलाओं के लिए जो सुविधा होनी चाहिए वह नहीं है यहां तक कि कई जगह तो ऐसा भी है कि महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था नहीं की जाती है उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए कुछ कदम उठाए हैं लेकिन पर्याप्त नहीं है उनके लिए क्या कानून है क्या सुविधाएं होनी चाहिए उस पर विचार किया जाना चाहिए और हर क्षेत्र में काम कर रही है उन्हें भी इन चीजों की जानकारी होनी चाहिए


Conclusion:उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को लेकर कि आज हम लोगों ने यहां पर संवाद का आयोजन किया है जिसमें कई स्वयंसेवी संगठन के लोग भी हैं जिन्होंने अपने बिचार रखे है और सुझाव भी दिए हैंऔर इस चर्चा से जो निष्कर्ष निकल कर सामने आया है वह हम लोग सरकार के सामने रखेंगे उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में चूंकि राज्य महिला आयोग महिला हेल्पलाइन के भी लोग हैं और निश्चित तौर पर यहां जो संवाद हो रहा है जो परिचर्चा मेरे सामने बातें आ रही है इन समस्याओं को हम लोग सरकार के पास रखेंगे और हमें उम्मीद है कि सरकार जो महिला कामगार हैं असंगठित क्षेत्र में उनकी जो सुविधाएं हैं उस सुविधाओं को लागू करने का जो कानून है उसको पालन करवाएगी। इस संवाद में महिला जागरण केंद्र की श्रीमती नीलू और महिला हेल्पलाइन की प्रमिला कुमारी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी
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