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कोरोना टेस्टिंग में भेदभाव: VIP को स्पेशल ट्रीटमेंट, संक्रमण संभावितों की नहीं हो रही जांच

आईटी बॉय में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मंत्रियों की जांच तो कराई गई, लेकिन कैबिननेट विभाग में ही काम करने वाले किसी अन्य कर्मी की जांच नहीं की गई है. इस मामले को लेकर विभाग के अन्य कर्मी दबे स्वर में सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.

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Published : Jul 6, 2020, 8:38 PM IST

पटना
पटना

पटना: कोरोना संक्रमण का प्रभाव आम आम जनता से होते हुए सत्ता और सचिवालय के गलियारे तक पहुंच चुका है. पिछले दिनों विधान परिषद के सभापति के पॉजिटिव होने की सूचना आते ही सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया था. हालंकि, इसके बाद सीएम नीतीश से लेकर सभापति के संपर्क में आए हुए सभी लोगों की कोरोना जांच की गई थी. राहत की बात रही कि सीएम और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. बता दें कि एक और जहां सरकार अति विशिष्ट लोगों के जांच कराने में अति संवेदनशील दिखती है, तो वहीं दूसरी ओर अपने कर्मचारियों के पॉजिटिव होने के बावजूद और संवेदनहीनता दिखा रही है.

कैबिनेट विभाग के कर्मी को हुआ है कोरोना
दरअसल, विधान परिषद के सभापति के संक्रमित होने की पुष्टि के बाद उनके संपर्क में आए सभी लोगों की कोरोना जांच की गई. जिसमें उनके बेटे सहित उनकी पत्नी में भी संक्रमण की पुष्टि हुई थी. सभापति के परिजनों का इलाज तो संवेदनशील होकर किया जा रहा है. कैबिनेट विभाग में काम करने वाले एक आईटी बॉय में भी संक्रमण की पुष्टि हुई थी. यह कर्मी कैबिनेट की बैठक के दौरान सरकारी फाइल को विभाग के अन्य कर्मी से लेकर मंत्री तक पहुंचाता था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आईटी बॉय में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मंत्रियों की जांच तो कराई गई, लेकिन कैबिननेट विभाग में ही काम करने वाले किसी अन्य कर्मी की जांच नहीं की गई है. हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी कर्मी कैमरे के सामने बोलने से बच रहा है, मगर ऑफ कैमरा कई कर्मियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर सरकार और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर कई गंभीर सवाल किये.

कैबिनेट विभाग में लगाया गया नोटिस
कैबिनेट विभाग में लगाया गया नोटिस

'कैबिनेट विभाग में नियमों की हो रही अनदेखी'
विभाग के एक कर्मी ने ऑफ कैमरा बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि अगर किसी सरकारी कर्मी में संक्रमण के लक्षण दिखते हैं, वहां के सभी कर्मियों की जांच की जाए. इसके अलावे संभावित संक्रमित कर्मियों को जल्द से जल्द होम क्वरंटीन भी होना आवश्यक है, लेकिन यहां पर विभाग ही सरकारी नियमों की अनदेखी कर रहा है.

बिहार में बढ़ रहा संक्रमण का आंकड़ा
गौरतलब है कि बिहार में सोमवार को और कोरोना संक्रमण के 276 नए मामलों की पुष्टि हुई. इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 12 हजार के पार हो गई. जबकि इस वायरस के कारण 90 लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं, बात अगर पूरे देश की करें तो देशभर में संक्रमण का आंकड़ा 6 लाख के आंकड़े को पार कर लिया है. जबकि, 19 हजार से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है.

पटना: कोरोना संक्रमण का प्रभाव आम आम जनता से होते हुए सत्ता और सचिवालय के गलियारे तक पहुंच चुका है. पिछले दिनों विधान परिषद के सभापति के पॉजिटिव होने की सूचना आते ही सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया था. हालंकि, इसके बाद सीएम नीतीश से लेकर सभापति के संपर्क में आए हुए सभी लोगों की कोरोना जांच की गई थी. राहत की बात रही कि सीएम और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. बता दें कि एक और जहां सरकार अति विशिष्ट लोगों के जांच कराने में अति संवेदनशील दिखती है, तो वहीं दूसरी ओर अपने कर्मचारियों के पॉजिटिव होने के बावजूद और संवेदनहीनता दिखा रही है.

कैबिनेट विभाग के कर्मी को हुआ है कोरोना
दरअसल, विधान परिषद के सभापति के संक्रमित होने की पुष्टि के बाद उनके संपर्क में आए सभी लोगों की कोरोना जांच की गई. जिसमें उनके बेटे सहित उनकी पत्नी में भी संक्रमण की पुष्टि हुई थी. सभापति के परिजनों का इलाज तो संवेदनशील होकर किया जा रहा है. कैबिनेट विभाग में काम करने वाले एक आईटी बॉय में भी संक्रमण की पुष्टि हुई थी. यह कर्मी कैबिनेट की बैठक के दौरान सरकारी फाइल को विभाग के अन्य कर्मी से लेकर मंत्री तक पहुंचाता था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आईटी बॉय में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मंत्रियों की जांच तो कराई गई, लेकिन कैबिननेट विभाग में ही काम करने वाले किसी अन्य कर्मी की जांच नहीं की गई है. हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी कर्मी कैमरे के सामने बोलने से बच रहा है, मगर ऑफ कैमरा कई कर्मियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर सरकार और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर कई गंभीर सवाल किये.

कैबिनेट विभाग में लगाया गया नोटिस
कैबिनेट विभाग में लगाया गया नोटिस

'कैबिनेट विभाग में नियमों की हो रही अनदेखी'
विभाग के एक कर्मी ने ऑफ कैमरा बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किया गया है कि अगर किसी सरकारी कर्मी में संक्रमण के लक्षण दिखते हैं, वहां के सभी कर्मियों की जांच की जाए. इसके अलावे संभावित संक्रमित कर्मियों को जल्द से जल्द होम क्वरंटीन भी होना आवश्यक है, लेकिन यहां पर विभाग ही सरकारी नियमों की अनदेखी कर रहा है.

बिहार में बढ़ रहा संक्रमण का आंकड़ा
गौरतलब है कि बिहार में सोमवार को और कोरोना संक्रमण के 276 नए मामलों की पुष्टि हुई. इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 12 हजार के पार हो गई. जबकि इस वायरस के कारण 90 लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं, बात अगर पूरे देश की करें तो देशभर में संक्रमण का आंकड़ा 6 लाख के आंकड़े को पार कर लिया है. जबकि, 19 हजार से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है.

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