पटना: आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी विभाग की छापेमारी (Vigilance Raid in Bihar) में कटिहार रजिस्ट्रार जय कुमार (Katihar Registrar Jai Kumar) की करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है. छापेमारी के दौरान पता चला कि जिला अवर निबंधक जय कुमार श्रोत आए से काफी ज्यादा धन अर्जित किया है. छापेमारी के दौरान कटिहार स्थित सरकारी आवास और कार्यालय से नगद 9 लाख 80 हजार और पटना स्थित आवास से 10 लाख यानी कुल 10 लाख 80 हजार रुपए बरामद किया गया है. इसके अलावा सोना और चांदी के जेवरात मिले हैं. जिसकी कुल कीमत 28 लाख 80 हजार 281 आंकी गई है. वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पटना में दो लॉकर का भी पता चला है. इसके अलावा बजाज आलियांज पॉलिसी के तहत 13 लाख 8 हजार 513 रुपए का वार्षिक निवेश किया किया है.
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करोड़पति निकला जिला अवर निबंधक जयकुमार: इनके पास से जमीन के कुल 4 दिन कागजात बरामद हुए हैं. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में फिक्स डिपॉजिट ₹100000 और ₹200000 के अलाव खातों में ₹2500000 जमा राशि पाई गई है. बैंक ऑफ बड़ोदरा में ₹100000 राशि जमा है. उधर, सिलीगुड़ी में फ्लैट के अतिरिक्त 6 डिसमिल जमीन होने का ही पता चला है, जिसे डेवलपर को कन्वर्जन पर दिया गया है. जय कुमार द्वारा 34 लाख रुपए ऋण के रूप में दिए जाने का भी लिखित सबूत मिला है. इसके अलावा उनके, उनकी पत्नी, बच्चे और परिजनों के नाम पर कुल 11 प्लॉट खरीदा गया है, जिसका साक्ष्य प्राप्त हुआ है.
निगरानी विभाग की छापेमारी: छापेमारी के दौरान पता चला है कि जय कुमार के नाम पर एसबीआई में ₹90000 और एसबीआई के पीपीएस सी राशि में ₹290000 पाया गया है. उनके पुत्र अनिकेत कुमार के नाम पर एसबीआई में ₹475000 जमा पाया गया है. खुद उनके और उनकी पत्नी संगीता देवी के नाम पर आईसीआईसीआई में 200000 पाया गया है. जय कुमार के नाम पर महिंद्रा टीयूवी 300 चार पहिया वाहन जो कि 700000 का है, वह भी पाया गया है.
रजिस्ट्रार जय कुमार के ठिकानों पर छापा: निगरानी की छापेमारी में पता चला है कि जय कुमार के अपने परिजनों के नाम विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लगभग 2000000 रुपए का निवेश किया है. इस प्रकार अब तक की तलाशी के क्रम में करोड़ों की आय से अधिक संपत्ति का उद्भेदन हुआ है. इनके द्वारा तमाम संपत्ति का उल्लेख अपनी वार्षिक संपत्ति विवरण में नहीं किया गया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पटना के दो लॉकर को खोला जाना अभी बाकी है, इससे भी अंचल और चल संपत्तियों का पता चलने की पूरी संभावना है.
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