पटनाः बिहार में नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने की वजह से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. सरकार इसके लिए कई जरूरी कदम उठा रही है. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बाढ़ संबंधित आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि कुल 10 जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई है. इन जिलों में लोगों की मदद के लिए कई राहत शिविर और सामुदायिक रसोई चलाए जा रहे हैं.
55 प्रखंड हैं बाढ़ प्रभावित
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और खगड़िया जिले के 55 प्रखंड शामिल हैं. उन्होंने बताया कि कुल प्रभावित पंचायतों की संख्या 282 है. इन जिलों में प्रभावित लोगों की जनसंख्या 636311 है. वही निस्क्रमिट जनसंख्या 18612 हैं.
चलाई जा रही है 134 सामुदायिक रसोई
बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 10 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. जिसमें कुल 3564 लोग रह रहे हैं. वहीं, बिहार सरकार के सहयोग से आपदा विभाग कुल 10 जिलों में 134 सामुदायिक रसोई चला रही है. जिसमें 46 हजार 668 लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं.
रिजर्व करके रखी गई 5 टीमों को
मुख्यमंत्री ने बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश जारी किया है. मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि विभाग बाढ़ को लेकर सचेत है. राज्य के संभावित 25 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम की तैनाती की गई है. साथ ही आपदा मुख्यालय में 5 टीमों को रिजर्व करके रखा गया है. जिन्हें जरूरत के हिसाब से प्रभावी जिलों में भेजा जाएगा.
लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने आवास से बाढ़ की स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और लगातार अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर रहे हैं. आपदा विभाग के अनुसार कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंस के तहत राहत शिविरों में लोगों को रखा जा रहा है.
ऊंचे स्थलों को किया गया चिन्हित
राहत शिविरों में महिलाओं, बच्चे और बुजुर्गों के लिए अलग व्यवस्था की गई है. सभी शिविरों में मास्क और सौनेटाइजर की व्यवस्था राज्य सरकार के तरफ से की गई है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ऊंचे स्थल का निरीक्षण कर उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. जरूरत के हिसाब से लोगों को राहत शिविर पहुंचाया जा रहा है.
तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने जारी किया था निर्देश
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेपाल और गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह से तैयार रहने का निर्देश जारी किया था. साथ ही बाढ़ से पहले उन्होंने जल संसाधन विभाग के साथ कई बैठक भी की थी. जहां उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश दिए थे.