पटना: पिछले कई दिनों से बिहार और नेपाल में तेज बारिश हो रही है. इसके चलते नदियां उफनाई हुईं हैं. पटना में गंगा (Ganga) का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. सरकार की ओर से संभावित बाढ़ (Flood) से निपटने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) द्वारा गंगा घाटों पर बालू भरी बोरियां तैयार की जा रही हैं.
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दानापुर से पटना सिटी तक गंगा के घाटों पर बालू भरी बोरियों को तैयार कर रखा जा रहा है ताकि बाढ़ आने पर पटना में गंगा के पानी को घुसने से रोका जा सके. हर घाट पर हजारों की संख्या में बालू भरी बोरियों को तैयार किया जा रहा है. बिहार में पिछले 48 घंटे की बारिश से नदियां उफान पर हैं. उत्तर बिहार की नदियों के रौद्र रूप के बाद अब गंगा और पुनपुन का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. दोनों नदियां लाल निशान के करीब पहुंच गईं हैं.
बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर
राजधानी पटना के गांधी घाट में गंगा और श्रीपालपुर में पुनपुन खतरे के निशान से करीब 1 से 1.5 मीटर ही नीचे रह गई है. पिछले 4 दिन में गंगा, सोन और पुनपुन के जलस्तर में 3 से 5 मीटर की वृद्धि हुई है. पटना के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर प्रति घंटे 2 सेंटीमीटर और श्रीपालपुर में पुनपुन का जलस्तर प्रति घंटे 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. ऐसे में दोनों नदियों के अगले 36 से 48 घंटे में लाल निशान के पार चले जाने की आशंका जताई जा रही है.
तैयार है आपदा प्रबंधन विभाग
"आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह तैयार है. विभाग ने पहले ही सारी तैयारी कर ली है. बांधों की मरम्मत कराई गई है. पुल-पुलियों की मरम्मत करा दी गई है. कई वर्षों बाद जून में इतनी अधिक वर्षा हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग हर स्थिति के लिए तैयार है."- रेणु देवी, उपमुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग की मंत्री
बाढ़ प्रभावित हैं चार जिले
गौरतलब है कि बुधवार को उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा था कि जून में अप्रत्याशित बारिश और नेपाल से आए पानी के कारण बिहार के चार जिले बाढ़ प्रभावित हैं. पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज और सारण के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है. बाढ़ पीड़ित 8500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राहत और बचाव कार्यों के लिए 35 नाव का परिचालन किया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर और सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है.
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