ETV Bharat / state

दीपांकर भट्टाचार्य ने CAA को बताया साजिश, कहा- मूल मुद्दों से ध्यान भटका रही सरकार

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पुराना कानून नागरिकता देने के लिए काफी था. लेकिन सीएए के माध्यम से सरकार हिंदू-मुस्लिम कर देश को धर्म के नाम पर बांटना चाहती है.

दीपंकर भट्टाचार्य
दीपंकर भट्टाचार्य
author img

By

Published : Feb 2, 2020, 5:36 PM IST

Updated : Feb 2, 2020, 7:08 PM IST

पटना: सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि 70 साल में संविधान की आत्मा के ऊपर इतना बड़ा हमला पहले कभी नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि संविधान के प्रस्तावना के अनुसार धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा चाहिए. लेकिन सीएए और एनआरसी के जरिए एक समुदाय विशेष के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

सीएए की क्या जरूरत
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पुराना कानून नागरिकता देने के लिए काफी था लेकिन सीएए को माध्यम से सरकार हिंदू-मुस्लिम करके देश को धर्म के नाम पर बांटना चाहती है. उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार पिछले 6 सालों में पाकिस्तान से आए 4000 लोगों को नागरिकता दी है, जिसमें मुसलमान भी शामिल हैं. तो सरकार के आंकड़े के अनुसार जो बचे हुए 31,313 लोग हैं, उन्हें भी नागरिकता दे दें. इसके लिए अलग से सीएए लाने की क्या जरूरत है?

देखें दीपांकर भट्टाचार्य से खास बातचीत

'मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है सरकार'
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार के मंत्री गोली मारने की बात करते हैं. तो एक युवक जो खुद को रामभक्त बताता है, शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोली चला देता है. उन्होंने कहा कि जब वह युवक बंदूक लेकर आगे बढ़ रहा था उस वक्त पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी थी. वही पुलिस जेएनयू और जामिया में घुसकर छात्रों पर लाठियां बरसा रही थी. बेरोजगारी, महंगाई और गिरते विकास दर जैसे मूल मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने के लिए सरकार सीएए और एनआरसी पर हंगामा चाहती है.

पटना: सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि 70 साल में संविधान की आत्मा के ऊपर इतना बड़ा हमला पहले कभी नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि संविधान के प्रस्तावना के अनुसार धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा चाहिए. लेकिन सीएए और एनआरसी के जरिए एक समुदाय विशेष के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

सीएए की क्या जरूरत
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पुराना कानून नागरिकता देने के लिए काफी था लेकिन सीएए को माध्यम से सरकार हिंदू-मुस्लिम करके देश को धर्म के नाम पर बांटना चाहती है. उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार पिछले 6 सालों में पाकिस्तान से आए 4000 लोगों को नागरिकता दी है, जिसमें मुसलमान भी शामिल हैं. तो सरकार के आंकड़े के अनुसार जो बचे हुए 31,313 लोग हैं, उन्हें भी नागरिकता दे दें. इसके लिए अलग से सीएए लाने की क्या जरूरत है?

देखें दीपांकर भट्टाचार्य से खास बातचीत

'मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है सरकार'
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार के मंत्री गोली मारने की बात करते हैं. तो एक युवक जो खुद को रामभक्त बताता है, शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोली चला देता है. उन्होंने कहा कि जब वह युवक बंदूक लेकर आगे बढ़ रहा था उस वक्त पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी थी. वही पुलिस जेएनयू और जामिया में घुसकर छात्रों पर लाठियां बरसा रही थी. बेरोजगारी, महंगाई और गिरते विकास दर जैसे मूल मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने के लिए सरकार सीएए और एनआरसी पर हंगामा चाहती है.

Intro:सी एए और एन आर सी के मुद्दे पर माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि 70 साल में संविधान की आत्मा के ऊपर इतना बड़ा हमला पहले कभी नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में है धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा मगर सी ए ए और एनआरसी जैसे बिल के कारण भेदभाव की शुरुआत होने जा रही है.


Body:दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि पुराना कानून नागरिकता देने के लिए काफी था मगर हिंदू-मुस्लिम करके देश को धर्म के नाम पर बांटने की यह केंद्र सरकार की साजिश है. उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण ने बताया कि 4000 पाकिस्तान से आए नागरिकों को नागरिकता दी है जिसमें मुसलमान भी शामिल है तो सरकार के जो आंकड़े हैं उसमें जो बचे हुए 31313 हैं उनको नागरिकता देने के लिए क्यों देश के मुसलमान नागरिकों का नागरिकता खतरे में डाला जा रहा है.


Conclusion:दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार के मंत्री गोली मारने की बात करते हैं और इसके बाद शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर एक युवक जो खुद को रामभक्त बताता है बंदूक लेकर धरना स्थल पहुंचता है और गोली चला देता है. उन्होंने कहा कि जब वह युवक बंदूक लेकर आगे बढ़ रहा होता है तो पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी उसे देखते रहती है और यही पुलिस जेएनयू और जामिया में घुसकर छात्रों के बीच लाठी बरसाती है. उन्होंने कहा कि यह देश कि जो मूल मुद्दे हैं बेरोजगारी, महंगाई गिरता विकास दर इन सबसे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार ने यह बिल लाया है. उन्होंने कहा कि सरकार जब तक इस बिल को वापस नहीं ले लेती है तब तक उनका प्रोटेस्ट जारी रहेगा और इसको लेकर वह गांव गांव गरीबों के बीच जाकर दलितों और मुसलमानों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.
Last Updated : Feb 2, 2020, 7:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.