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अस्पताल की चौखट पर तड़प रहा मरीज, लाइन में लगे पिता की बेवसी, कोरोना रिपोर्ट मिलने पर ही होगा इलाज

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Published : Apr 30, 2021, 6:08 PM IST

बिहार में कोरोना ने स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया है. गंभीर हालत वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है. इलाज के बजाय कोरोना जांच कराने और उसका रिपोर्ट लेकर आने की बात कही जा रही है. ऐसे में मरीज कोरोना जांच केंद्र पर अपने मरीज की जांच करवाने के लिए घंटों कतार में खड़े रह रहे हैं.

patients with critical condition
न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के बाहर मरीज

पटना: बिहार में कोरोना ने स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया है. स्थिति अब ऐसी हो गई है कि गंभीर हालत वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है. मरीज की प्राथमिक उपचार करने के बजाय कोरोना जांच कराने और उसका रिपोर्ट लेकर आने की बात कह रहे हैं.

यह भी पढ़ें- भोजपुरः 'मरीज मर रहा है DM साहब! ऑक्सीजन दीजिए नहीं तो गोली ही मरवा दीजिए'

ऐसे में मरीज के परिजन काफी लाचार और बेबस नजर आ रहे हैं. कोरोना जांच केंद्र पर इस हालत में भी अपने मरीज की जांच करवाने के लिए घंटों कतार में खड़े रह रहे हैं. यही कुछ हाल शुक्रवार को पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल में देखने को मिला.

देखें रिपोर्ट

अस्पताल के बाहर तड़पने को विवश मरीज
अस्पताल के बाहर एक युवक काफी तड़प रहा था और सांस लेने के लिए जद्दोजहद कर रहा था. युवक का भाई उसे अपनी गोद में लिटाए हुए था, जबकि मां पैर सहला रही थी. युवक के पिता अपने बच्चे की कोरोना जांच कराने के लिए कतार में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. युवक के पिता राजू मंडल ने कहा "2 दिन पहले मेरे बेटे की तबीयत बिगड़ गई थी. पहले हमने स्थानीय डॉक्टर से दिखाया. उसे पानी चढ़ाने की नौबत आ गई."

सांस लेने में हो रही परेशानी
राजू मंडल ने कहा "मेरे बेटे को पानी चढ़ाया गया सुबह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. वह कह रहा है कि उसे सीने में दर्द हो रहा है. मैं अपने बेटे को कई डॉक्टरों के पास ले गया. कई प्राइवेट हॉस्पिटल में भी गया. सभी जगह यही कहा गया कि सबसे पहले कोरोना का जांच रिपोर्ट लेकर आइए. इसके चलते बेटो को लेकर न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल में कोरोना जांच कराने आया हूं."

इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं मरीज
यह सिर्फ एक मामला नहीं है. आए दिन पटना के अस्पतालों में ऐसी तस्वीरें नजर आ रही हैं. गंभीर मरीजों के लिए सरकार की कोई व्यवस्थाएं नजर नहीं आ रही है. स्थिति ऐसी हो गई है कि आए दिन अस्पतालों की दहलीज पर गंभीर अवस्था में पहुंचने वाले मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- चिताएं जल रही हैं, हाईकोर्ट पूछ रहा- बिहार में ये क्या हो रहा है?

पटना: बिहार में कोरोना ने स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया है. स्थिति अब ऐसी हो गई है कि गंभीर हालत वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है. मरीज की प्राथमिक उपचार करने के बजाय कोरोना जांच कराने और उसका रिपोर्ट लेकर आने की बात कह रहे हैं.

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ऐसे में मरीज के परिजन काफी लाचार और बेबस नजर आ रहे हैं. कोरोना जांच केंद्र पर इस हालत में भी अपने मरीज की जांच करवाने के लिए घंटों कतार में खड़े रह रहे हैं. यही कुछ हाल शुक्रवार को पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल में देखने को मिला.

देखें रिपोर्ट

अस्पताल के बाहर तड़पने को विवश मरीज
अस्पताल के बाहर एक युवक काफी तड़प रहा था और सांस लेने के लिए जद्दोजहद कर रहा था. युवक का भाई उसे अपनी गोद में लिटाए हुए था, जबकि मां पैर सहला रही थी. युवक के पिता अपने बच्चे की कोरोना जांच कराने के लिए कतार में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. युवक के पिता राजू मंडल ने कहा "2 दिन पहले मेरे बेटे की तबीयत बिगड़ गई थी. पहले हमने स्थानीय डॉक्टर से दिखाया. उसे पानी चढ़ाने की नौबत आ गई."

सांस लेने में हो रही परेशानी
राजू मंडल ने कहा "मेरे बेटे को पानी चढ़ाया गया सुबह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. वह कह रहा है कि उसे सीने में दर्द हो रहा है. मैं अपने बेटे को कई डॉक्टरों के पास ले गया. कई प्राइवेट हॉस्पिटल में भी गया. सभी जगह यही कहा गया कि सबसे पहले कोरोना का जांच रिपोर्ट लेकर आइए. इसके चलते बेटो को लेकर न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल में कोरोना जांच कराने आया हूं."

इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं मरीज
यह सिर्फ एक मामला नहीं है. आए दिन पटना के अस्पतालों में ऐसी तस्वीरें नजर आ रही हैं. गंभीर मरीजों के लिए सरकार की कोई व्यवस्थाएं नजर नहीं आ रही है. स्थिति ऐसी हो गई है कि आए दिन अस्पतालों की दहलीज पर गंभीर अवस्था में पहुंचने वाले मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.

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