पटना: बुधवार को पुलिस मुख्यालय में अपर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक बिहार ने एम पासपोर्ट एप का लोकार्पण किया है. इसके तहत बिहार के सभी थानों में पुलिस पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए एक-एक टैब दिए जाएंगे. जिससे सत्यापन कराया जाएगा.
कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
इस प्रणाली के तहत प्रमाण पत्र सत्यापन सुगम और अधिक तेजी से कराया जा सकेगा. पूरे बिहार में इसके लिए 1308 टैब की खरीदारी की गई है. उनके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. शुरुआत से ही पुलिस सत्यापन पासपोर्ट प्रक्रिया का अभिन्न रूप रहा है.
समय-समय पर पुलिस सत्यापन का रूप बदलता रहा है. जबकि इसका सिद्धांत और स्वरूप एक जैसा ही रहा है. जैसे आवेदकों की पहचान नागरिकता और उसके अपराधिक इतिहास का पता लगाना. संपूर्ण देश की पुलिस जिलों को डिजिटल एकीकृत का पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट के तहत विदेश मंत्रालय ने पुलिस सत्यापन को आसान बनाया है.
एम पासपोर्ट पुलिस एप का शुभारंभ
बता दें पुलिस सत्यापन रिपोर्ट त्वरित निष्पादन के लिए विदेश मंत्रालय ने एम पासपोर्ट पुलिस एप का शुभारंभ किया है. वर्तमान में एमपासपोर्ट पुलिस एप से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, चंडीगढ़ और आंशिक तौर पर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को सफल पूर्वक किया जा रहा है. इस ऐप के माध्यम से थानों में सत्यापन अधिकारी डिजिटल तरीके से आवेदकों के फोटो और पुलिस सत्यापन रिपोर्ट भेज सकेंगे.
समय में आयेगी कमी
बिहार के सभी जिले में डिजिटल एकीकृत डीपीएच क्यू मॉडल से पुलिस सत्यापन प्रक्रिया की शुरुआत होने से इसमें लगने वाले औसत समय में भारी कमी आएगी. वर्ष 2015 के अंत तक बिहार में पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने में 69 दिन लगते थे. इसे क्रमशः साल दर साल कम करते हुए 2016 में 45, 2017 में 33, 2018 में 24 और 2019 में दिन 20 दिन तक लाया गया है.
पासपोर्ट वेरिफिकेशन की कार्रवाई
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने इसे हर्ष और प्रसन्ना का दिन बताते हुए बिहार पुलिस और पासपोर्ट से जुड़े पदाधिकारियों की प्रशंसा की. साथ ही उन्होंने शीघ्र ट्रेनिंग कराकर एम पासपोर्ट ऐप के जरिए ही पासपोर्ट वेरिफिकेशन की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इस मौके पर गृह सचिव आमिर सुबहानी ने जल्द से जल्द सभी थाने में पदस्थापित पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देकर शुरुआत करने का निर्देश दिया.