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पटना: बाढ़ में गंगा घाटों पर लगी भीड़, खरना का प्रसाद बनाने के लिए हजारों लोग ले जा रहे गंगा जल - छठ महापर्व का दूसरा दिन

छठ पर्व के दूसरे दिन खरना का प्रसाद बनाने की परंपरा है. खरना का प्रसाद गंगा जल या फिर कुएं के पानी से बनाया जाता है. बाढ़ में गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. लोग कलश में गंगा जल भरकर घर ले जा रहे हैें.

ुवपुिव
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Published : Nov 19, 2020, 11:16 AM IST

Updated : Nov 19, 2020, 1:26 PM IST

पटना: छठ पर्व का आज दूसरा दिन है. दूसरे दिन खरना का प्रसाद बनाया जाता है. लिहाजा हजारों की संख्या में लोग गंगा घाटों से पानी लेकर घर जा रहे हैं. बाढ़ के उमानाथ, अलखनाथ गंगा घाट से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है.

खरना का प्रसाद बनाने में जुटे श्रद्धालु
छठ पर्व के दूसरे दिन को भी लोहंडा कहा जाता है. आज के दिन छठ व्रती चावल, दाल या खीर और रोटी का प्रसाद बनाते हैं. इसके साथ ही भगवान को भोग लगाने के बाद खरना का प्रसाद वितरण करती हैं. बाढ़ अनुमंडल के उमानाथ, अलखनाथ गंगा घाट पर श्रद्धालु खरना का प्रसाद बनाने के लिए गंगा नदी से कलश में जल भरकर जाते देखे गए.

जल ले जाते हुए श्रद्धालु.

ये भी पढ़ें: बिहार में छठ महापर्व की धूम, एक click में पढ़ें एक दर्जन जिलों से आई ये रिपोर्ट
सुबह से देखी जा रही श्रद्धालुओं की भीड़
ऐसी मान्यता है कि छठ पर्व में गंगा नदी या कुएं का शुद्ध जल का ही इस्तेमाल किया जाता है. अधिकतर लोग गंगा नदी को शुद्ध मानते हुए गंगा नदी में स्नान करने के उपरांत कलश में जल भरकर ले जाते हैं. इसके बाद इस शुद्ध गंगा जल से छठ में खरना का प्रसाद बनाते हैं. इस दौरान सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है.

पटना: छठ पर्व का आज दूसरा दिन है. दूसरे दिन खरना का प्रसाद बनाया जाता है. लिहाजा हजारों की संख्या में लोग गंगा घाटों से पानी लेकर घर जा रहे हैं. बाढ़ के उमानाथ, अलखनाथ गंगा घाट से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है.

खरना का प्रसाद बनाने में जुटे श्रद्धालु
छठ पर्व के दूसरे दिन को भी लोहंडा कहा जाता है. आज के दिन छठ व्रती चावल, दाल या खीर और रोटी का प्रसाद बनाते हैं. इसके साथ ही भगवान को भोग लगाने के बाद खरना का प्रसाद वितरण करती हैं. बाढ़ अनुमंडल के उमानाथ, अलखनाथ गंगा घाट पर श्रद्धालु खरना का प्रसाद बनाने के लिए गंगा नदी से कलश में जल भरकर जाते देखे गए.

जल ले जाते हुए श्रद्धालु.

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सुबह से देखी जा रही श्रद्धालुओं की भीड़
ऐसी मान्यता है कि छठ पर्व में गंगा नदी या कुएं का शुद्ध जल का ही इस्तेमाल किया जाता है. अधिकतर लोग गंगा नदी को शुद्ध मानते हुए गंगा नदी में स्नान करने के उपरांत कलश में जल भरकर ले जाते हैं. इसके बाद इस शुद्ध गंगा जल से छठ में खरना का प्रसाद बनाते हैं. इस दौरान सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है.

Last Updated : Nov 19, 2020, 1:26 PM IST
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