पटना : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर पेश करने वाले दिन को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि हम लोग इसके लिए सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हैं साथ ही राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की भी सराहना करते हैं. इससे साफ हो गया है कि किस जाति के लोग आर्थिक रूप से कितना पीछे हैं. जो लोग आरक्षण की सीमा बढ़ाने का विरोध कर रहे थे जब सब कुछ समाने आ गया तो वो समर्थन करने लगे हैं.
''हम लोग शुरू से कहते रहे हैं कि अति पिछड़ा, पिछड़ा, दलित, महादलित समाज की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसको लेकर ही जातीय घणना और आर्थिक सर्वेक्षण करने का निर्णय बिहार सरकार ने लिया और पूरी तरह से जाति गणना और आर्थिक सर्वेक्षण अब सामने आ गया है. सब कुछ साफ हो गया है. हम लोग समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों तक सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने का काम करेंगे.''- तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
'हर जाति को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना उद्देश्य' : तेजस्वी यादव ने एक-एक जाति का नाम पढ़कर और उनके सरकारी नौकरी के बारे में बताया. साफ-साफ कहा कि मुख्यमंत्री जी सदन में सब कुछ कह दिए हैं. किस तरह से भूमिहीन को जमीन खरीदने के लिए पैसे दिए जाएंगे. जिन परिवार के पास नौकरी नहीं है उसे आर्थिक सहायता किया जाएगा. यह सब अब साफ हो गया है. हम चाहेंगे कि सरकारी योजना का लाभ इन लोगों को मिले और यह लोग भी आर्थिक रूप से मजबूत हों. इसी उद्देश्य से हम लोगों ने जातीय घणना और आर्थिक सर्वेक्षण करवाया था.
सामाजिक न्याय पर फोकस : बिहार में सामाजिक न्याय की बात जो हम लोग करते थे, कहीं ना कहीं इस जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को आने के बाद आसान हो जाएगा. समाज के सभी वर्ग जो कि आर्थिक रूप से कमजोर हैं उसे फायदा पहुंचाने का काम हमारी सरकार करेगी. उसके लिए जो सरकारी योजना है, उसका भी लाभ उन्हें दिया जाएगा.