पटना: राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में एक बार फिर से सीडी रेशियो (CD Ratio) और कृषि क्षेत्र में ऋण (credit in Agriculture) देने के मामले में बैंकों के रवैये पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) ने नाराजगी जताई है. तारकिशोर प्रसाद ने बैंकों से कहा कि दूसरे राज्यों के पैसों से हम बिहार का विकास करने को नहीं कह रहे हैं. बिहार का पैसा बिहार में लगाने की हम लोग बात करते रहे हैं, लेकिन समझ में नहीं आता है कि बैंकों को परेशानी क्या है.
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वित्त मंत्री ने एक बार फिर से बैंकों को टास्क दिया कि सीडी रेशियो बढ़ाएं. साथ ही प्रधानमंत्री की ड्रीम योजना प्रत्येक बैंक एक जिले में एक कलस्टर खोलने पर भी काम करें. जहां महाराष्ट्र और पंजाब सहित कई राज्यों का सीडी रेशियो 100% या उससे भी अधिक है. वहीं, बिहार का सीडी रेशियो राष्ट्रीय औसत 76% से भी काफी कम है.
बैंकर्स कमेटी की बैठक में बिहार का अभी सीडी रेशियो 46.40% होने की जानकारी बैंकों की ओर से दी गई है. इस पर तारकिशोर प्रसाद ने नाराजगी जताई और कहा कि हम लोग हर बैठक में बैंकों से सीडी रेशियो बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं, लेकिन पता नहीं बैंकों को किस तरह की परेशानी है. वहीं, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने भी कहा कि बैंकों को अब बिहार के प्रति सोच बदलना होगी.
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''दूसरे राज्यों से पैसा तो लाना नहीं है, यदि यहां के आवेदन वहां चले जाते हैं तो हम लोग उसे मना कर देंगे. बिहार के पैसों से ही बिहार का विकास करना है. हम लोग हर बार याद दिलाते हैं और हर बैठक में चर्चा होती है, लेकिन उसके बाद सब अतीत में चला जाता है.''- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री, बिहार
बिहार के सबसे कम सीडी रेशियो वाले जिलों में मुंगेर 28.4%, जहानाबाद 31.38%, अरवल भोजपुर 32.06%, नालंदा 37.35% हैं. वहीं, सबसे अधिक सीडी रेशियो वाले जिलों में पूर्णिया 81.77%, किशनगंज 67.14%, अररिया 63.35% और पश्चिमी चंपारण 60.33% हैं.
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बैठक में सभी बैंकों के वरीय अधिकारी मौजूद थे. कई बैंकों के खराब प्रदर्शन पर उन्हें चेताया भी गया और प्रदर्शन सुधारने की सलाह दी गई. पंचायत भवन में बैंक की शाखा खोलना है, तो उसको लेकर भी एक बार फिर से बैंकों से आग्रह किया गया. बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कई जिला अधिकारी भी जुड़े हुए थे और उन्होंने भी बैंकों की शिकायत करते हुए कहा कि आवेदन करने के बाद भी बैंक की ओर से लोन के लिए स्वीकृति नहीं देने के मामले भी बैंक के बड़े अधिकारी देखें.
वहीं, खगड़िया के डीएम ने लोन स्वीकृत होने के बाद भी उसकी जानकारी नहीं देने के बारे में भी खुलासा किया और कहा बड़ा मामला हो सकता है, इसे भी बैंक के बड़े अधिकारी देखें. वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सिद्धार्थ ने बैंकों की ओर से कई तरह की त्रुटियों को भी उजागर किया. बैंकों ने आश्वासन दिया कि आगे से इस तरह की त्रुटियां नही होगी, साथ ही बेहतर प्रदर्शन का भी भरोसा दिया.