पटना: राजधानी के दरोगा राय पथ स्थित महाराष्ट्र मंडल भवन में गणेश चतुर्दशी के मौके पर गणेश उत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी शाम की आरती में भाग लेने के लिए पहुंचे. सुशील मोदी ने बप्पा की आरती उतारकर सूबे की प्रगति और राज्यवासियों के लिए मंगल कामना की.
'देवताओं का वाहन पशु होना हमें प्रकृति से जोड़ता है'
आरती के बाद उपमुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गणेश उत्सव पश्चिम के राज्यों में काफी प्रचलित है. लेकिन अब यह धीरे-धीरे देश के अन्य स्थानों पर भी प्रचलित हो रहा है. उन्होंने कहा कि सभी देवी-देवताओं का वाहन पशु है, जो प्रकृति से हमें जीव जंतुओं को जोड़ता है. देवी-देवताओं का वाहन पशु होना जीवन में जीव-जंतुओं के महत्व को दर्शाता है.
'गणेश उत्सव का आजादी में योगदान'
सुशील मोदी ने कहा कि गणेशोत्सव को सार्वजनिक कार्यक्रम लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने बनाया था. गणेश उत्सव का हमारे आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है. इस उत्सव के माध्यम से तिलक ने एक राज्य को एक दूसरे राज्य से जोड़ने का काम किया था. उन्होंने कहा कि वह भगवान से कामना करते हैं कि राज्य में सुख-शांति हो और प्रदेश आगे बढ़े, पूरा देश आगे बढ़े.
साढ़े 6 फीट की मूर्ति लगाई गई है
राजधानी में इस बार आयोजकों ने लालबाग के राजा की साढ़े 6 फीट की मूर्ति लगाई है. बप्पा की इस मुर्ती को महाराष्ट्र से मंगवाया गया है. इस अवसर पर पुजा स्थल के आस-पास काफ़ी आकर्षक ढंग से सजाया गया है. उत्सव स्थल की सजावट लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.
महाराष्ट्र से हुई थी शुरुआत
गणेश उत्सव की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी, लेकिन अब यह धीरे-धीरे पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाने लगा है. इतिहासकारों की माने तो गणेश चतुर्थी की शुरुआत देश के स्वतंत्रता आंदोलन से लोगों को जोड़ने के उद्देश्य से की गई. सन 1894 में जब अंग्रेजों ने राजनीतिक समागम रैलियों पर रोक लगा दी. उस वक्त लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने पेशवाओं की तरफ से गणेश जी की प्रतिमा बाहर निकालकर शहर में घुमाये जाने को लेकर एक नया प्लान तैयार किया था.
बप्पा की पूजा करने से दुखों का होता है निवारण
विघ्नहर्ता गणपति बप्पा की पूजा का सर्वोत्तम दिन बुधवार माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बप्पा की पूजा करने मात्र से सभी दुखों का निवारण होता है. वहीं, बप्पा की पूजा घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए भी की जाती है.