पटना: संविदा पर कार्यरत 73 डेंटल डॉक्टर्स अपनी स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उन्हें ऐसे ही नहीं निकाल सकती है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें स्थाई नहीं किया गया तो वो सभी सुसाइड कर लेंगे.
क्या है मामला
दरअसल, लंबे अरसे बाद बिहार सरकार ने डेंटल डॉक्टर की स्थाई नियुक्ति के लिए बीपीएससी द्वारा इंटरव्यू का आयोजन किया. इसमें 73 डेंटल्स को अयोग्य घोषित कर दिया गया. इसे लेकर वंचित डेंटल डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू कर दिया और सरकार से स्थाई नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. डॉक्टरों ने बीपीएससी के पूर्व चेयरमैन रामकिशोर प्रसाद पर नियुक्ति घोटाले का आरोप लगाया. इसके खिलाफ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आवेदन दिया है.
PHC में कई सीटें खाली
नियुक्ति से वंचित सभी 73 डेंटल डॉक्टरों का करना है कि उन्हें ऐसे ही नौकरी से नहीं निकाला जा सकता है. वो सब उम्र के जिस पड़ाव में हैं, उसमें कोई दूसरा काम नहीं कर सकते हैं. सरकार को अपने फैसले पर विचार करना चाहिए. डॉक्टर ने नियम और कानून का हवाला देते हुए कहा कि कई पीएचसी ऐसे हैं जहां बहुत सारी सीटें खाली हैं. वहां उन्हें समायोजित किया जा सकता है.
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CM हाउस के बाहर आमरण अनशन करेंगे RJD विधायक सरोज यादव, सुरक्षा की कर रहे हैं मांग
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आत्महत्या की चेतावनी
डॉक्टरों ने कहा कि पिछले 14 वर्षों से बिहार के तमाम अस्पतालों में दंत चिकित्सक संविदा पर सेवा देते आए हैं. लेकिन आज ऐसे हालात में उन्हें नियुक्ति से वंचित कर दिया गया है, ये कहीं से भी नीति संगत नहीं है. सरकार को जल्द ही अपने फैसले में सुधार करना होगा, अन्यथा वो सभी आत्महत्या कर लेंगे. उनके पास इसके अलावा कोई और चारा नहीं है.