पटना: बिहार के उत्तरी हिस्सों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से 160 से ज्यादा बच्चों की मौत से सतर्क स्वास्थ्य विभाग अभी से डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर सजग है. इन बीमारियों को लेकर सभी सदर अस्पतालों में पांच-पांच बेड के विशेष डेंगू वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने जुलाई को 'एंटी डेंगू मंथ' के रूप में मनाने के निर्देश जिलों को जारी किए हैं. अधिकारी ने बताया, 'सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों को भी डेंगू से निपटने के लिए डेंगू जांच किट एवं आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही मेडिकल, पैरामेडिकल और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक करने को कहा गया है.'
डेंगू मरीजों की बढ़ रही संख्या
उल्लेखनीय है कि बरसात के दिनों में राज्य में बीते साल डेंगू और चिकनगुनिया के मामले सामने आए थे. राज्य स्वास्थ्य समिति के मुताबिक, पटना, नालंदा, सीवान, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और गया जिलों में पिछले वर्ष डेंगू के सबसे अधिक मरीज मिले थे. इस कारण इन जिलों में जुलाई से अक्टूबर तक डेंगू को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत डेंगू के लक्षण एवं सामान्य उपचार संबंधी जानकारी लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी.