पटना: राजधानी पटना में डेंगू (Dengue In Patna) के डंक से लोग काफी परेशान हैं. जिले के सभी इलाकों में डेंगू के मरीजों की तादाद में इजाफा हुआ है. बीते सोमवार को डेंगू के 30 से अधिक नए मामले सामने आए हैं. जिले में डेंगू के पीड़ित होने वालों की संख्या बढ़कर 450 से अधिक हो गई है. बताया जाता है कि प्राइवेट जांच करवाकर कई लोग इस रोग से बचने के लिए डॉक्टरों से लगातार संपर्क में है. जानकारी मिली है कि सरकारी आंकड़ों के हटकर करीब पूरे पटना में लगभग मरीजों की संख्या 1000 के आसपास हो सकती है.
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2 साल बाद मिले मरीज : दरअसल,पटना में डेंगू का डंक पिछले 2 वर्षों के बाद दस्तक दिया है. बताया जाता है कि बीते साल 2019 में डेंगू के मामले काफी अधिक मिले, उसके बाद 2 वर्षों तक 2020 और 2021 में डेंगू के मामले नजर आये लेकिन ज्यादा असरदार नहीं रहे. लेकिन इस बार फिर से 2022 में डेंगू के मामलों में इजाफा होता नजर आ रहा है. बताते चलें कि डेंगू न होकर बीते 2 साल में कोरोना के कहर मचाया था जिससे कई लोगों ने अपने जान गंवाये और कई लोग इसके कहर से परेशान नजर आये. इस स्थिति में जानते हैं आखिर कैसे होता है यह रोग...?
डेंगू बढ़ने के प्रमुख पांच कारण:
- सितंबर के महीने में सामान्य से अधिक बारिश होना. साल 2019 में भी ऐसा ही हुआ था जो डेंगू के मच्छर के पनपने के लिए महीना होता है और उसे नर्चर कंडीशन भी मिल रहे हैं.
- हाइजीन और साफ सफाई के प्रति लोगों में लापरवाही होना, 2020 और 2021 में कोरोना के कारण लोगों ने साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया. लोगों ने अपने आसपास गंदगी नहीं होने दी. किसी प्रकार का कोई इधर उधर का सामान नहीं छुए, हाइजीन पर विशेष ध्यान दिया, जिसके कारण ऐसा नहीं हो पाया, लेकिन अब कोरोना के बाद लोगों में फिर से लापरवाही आई. लोगों ने हाथ पैर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जिससे भी इसका असर पड़ा.
- शहरों में चल रहे अत्यधिक कंस्ट्रक्शन के कार्य से भी ज्यादा गंदगी फैलने से परेशानी है. ज्यादा गड्ढें होने से पानी का जमाव होने के कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा है. पटना के जिन इलाकों में कंस्ट्रक्शन कार्य अधिक हो रहे हैं, उधर डेंगू के मामलों की संख्या अधिक है.
- बरसात के मौसम में छत के कोनों पर जमे हुए पानी और मानसून की काफी सक्रियता से डेंगू के मच्छर ज्यादा पनप रहे हैं. क्योंकि छतों पर ठहरे हुए पानी से बरसात के मौसम में डेंगू के मच्छर पनपने के लिए अच्छे कंडीशन हैं.
डेंगू रोग से बचने का उपाय: पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज सिन्हा (Dr Manoj Sinha At Patna) ने बताया कि कोई भी वायरस 2 से 3 साल बाद नए स्वरूप में अटैक करता है. यहीं इस बार हुआ है. उन्होंने बताया कि 2 सालों बाद पटना में एक बार फिर से डेंगू का मामला बढ़ा है. इस बार डेंगू का डेन स्ट्रेन है, जिसमें मरीज के प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं, हालांकि प्लेटलेट्स में काफी कमी नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से इस वर्ष कैजुअलिटी दर्ज नहीं हुई है, लेकिन कोमोरबिड बीमारी से ग्रसित लोगों को यह काफी परेशान कर रहा है और लंबे समय तक के लिए कमजोर बना दे रहा है.
"अगर 24 घंटे से अधिक समय तक बुखार बना रहता है, तब लोगों को चिकित्सीय संपर्क तुरंत लेना चाहिए, सभी लोगों को डेंगू के लक्षण के प्रति सचेत रहना चाहिए और इस प्रकार की कुछ लक्षण महसूस होते ही जांच करवाना चाहिए. इसके अलावा घरों में कूलर और फ्रिज के पानी को साफ करके रखें ताकि पानी जमा न हो सके"- डॉ मनोज सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल
डॉ सिन्हा ने आगे बताया कि आप जैसे ही किसी जगह के जमे पानी को फेंकते हैं तो वहां से तुरंत डेंगू का लारवा काफी कमजोर हो जाता है और पानी खत्म होते ही वायरस समाप्त हो जाता है. घर में सुबह और शाम मच्छर के प्रकोप से बचें ताकि जितना मच्छर के प्रकोप से बचकर रहेंगे उतना ही आप सुरक्षित रह सकेंगे.
टाइगर स्ट्रेन के मच्छर से बचें: मच्छरों में एक अलग प्रजाति का टाइगर मच्छर होता है, उसे आप जितना अपने पास से हटाइएगा उतना ही वो आपके नजदीक आयेगा जिससे बचने की जरुरत है. उन्होनें बताया कि मच्छर से बचने के लिए फुल स्लीव की शर्ट पहने, मॉस्किटो क्वायल और मॉस्किटो प्रीवेंटिव लोशन का इस्तेमाल करें. घर के बाहर की चीजों को खाने से बचें.
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स्वाइन फ्लू से डरे नहीं: उन्होंने कहा कि पटना में स्वाइन फ्लू का मामला आया है, लेकिन उसकी संख्या सिर्फ एक है और इसका कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिल पाया है. यहां पर हर साल स्वाइन फ्लू के दो चार मामले मिलते हैं. उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू गंदगी से होता है. ऐसे में साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखें. आसपास गंदगी ना रहने दें, स्ट्रीट फूड का सेवन करने से बचें क्योंकि इस मौसम में स्ट्रीट फूड का सेवन करना अन हेल्दी होता है. बाहर यदि कुछ खाना हो तो हाइजीन वाले जगह पर जाकर खाएं. स्वाइन फ्लू से घबराने की आवश्यकता नहीं है.