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Patna Flood: पुनपुन और धनरूआ को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

बिहार में गंगा (Ganga) के साथ-साथ कई और नदियों के जलस्तर (Water Level of Rivers) में भी लगातार वृद्धि हो रही है. पटना के पुनपुन और धनरूआ प्रखंड बाढ़ से बेहाल है. ऐसे में इन इलाकों को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. पढ़ें रिपोर्ट..

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Published : Aug 14, 2021, 9:10 PM IST

पटना: राजधानी पटना के पुनपुन और धनरूआ प्रखंड बाढ़ (Flood) से बेहाल है. भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में शनिवार को पुनपुन अंचल कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल, पुनपुन में आई बाढ़ से 9 पंचायत के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं, जिसको लेकर पुनपुन प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की जा रही है.

ये भी पढ़ें- Flood in Patna: मवेशियों के साथ पलायन कर रहे बाढ़ पीड़ित, सड़कों पर रहने को मजबूर लोग

पुनपुन में आई बाढ़ से हर तबका परेशान हैं. पुनपुन के 14 में से 9 पंचायत के सैकड़ों गांव प्रभावित हो चुके हैं. जिसको लेकर लगातार भाकपा माले द्वारा पुनपुन प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने और बाढ़ पीड़ितों को 3 महीने का राशन, मेडिकल कैंप, मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था सभी पंचायतों में सामुदायिक किचन और नाव की व्यवस्था करने समेत कई सूत्री मांगों को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, पुनपुन प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी.

देखें रिपोर्ट

विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि ''हर साल पुनपुन में बाढ़ आपदा से लोग प्रभावित रहे हैं. सैकड़ों मकान गिर जाते हैं, हर तबके के लोग प्रभावित होते हैं. बावजूद सरकार पुनपुन को बाढ़ क्षेत्र घोषित नहीं कर रही है, जिसको लेकर गरीबों को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.''

ये भी पढ़ें- बाढ़ से हाहाकार: RJD ने सरकारी प्रयासों को बताया नाकाफी, डिप्टी CM बोलीं- राहत पहुंचाने के लिए विभाग तत्पर

उन्होंने कहा कि पुनपुन में हर साल सैकड़ों परिवार बेघर हो जाते हैं और बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ सामुदायिक किचन और पॉलिथीन बांट दिया जाता है, जबकि गरीब लोग अपने गिरे हुए मकानों को कैसे बनाएंगे. इस मामले में पुनपुन अंचलाधिकारी इंद्राणी कुमारी ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांगों को जिलाधिकारी को भेज दिया जाएगा. जिलाधिकारी के निर्देश आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, धनरूआ प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने और बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने को लेकर भी धनरूआ प्रखंड में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. ऐसे में अब पंचायत जनप्रतिनिधि भी प्रखंड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने पर उतारू हो चुके हैं. शनिवार को धनरूआ प्रखंड के 19 पंचायत के सभी मुखिया, पंचायत समिति, वार्ड सदस्य, पंच, सरपंच ने धनरूआ को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें- Flood In Bihar: आरा शहर की ओर बढ़ रहा गंगा का पानी, कभी भी हो सकती कोई अनहोनी

धनरूआ में आई बाढ़ के पानी से तकरीबन सभी पंचायत प्रभावित हुई हैं. सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए थे, जिसको लेकर लगातार धनरूआ प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब जनप्रतिनिधि भी आंदोलन पर उतारू हो चुके हैं. शनिवार को सभी जनप्रतिनिधि प्रखंड कार्यालय पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करते हुए धनरूआ प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की.

देखें रिपोर्ट

मुखिया संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि ''हर साल धनरूआ में बाढ़ से हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो जाती है. सैकड़ों लोगों के घर टूट जाते हैं. उसके बाद लगातार बाढ़ पीड़ितों की मांग को लेकर प्रखंड मुख्यालय के चक्कर काटते रहते हैं. ऐसे में हर तबका परेशान हैं. वहीं, बटाईदार किसान भी इस बार अपनी जमा पूंजी लगाकर परेशान हो चुके हैं. कर्ज पर लेकर खेती करने वाले लोगों का बैंक ऋण और बिजली बिल माफ किया जाना चाहिए.''

ये भी पढ़ें- भागलपुर: घरों में बह रहा 10 फीट पानी, फिर भी जान जोखिम में डालकर डटे हैं बाढ़ पीड़ित

धनरूआ प्रखंड मुख्यालय पर सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने घंटों प्रदर्शन करते हुए धनरूआ को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की. ऐसे में मौके पर पहुंचे अंचलाधिकारी ऋषि कुमार ने बताया कि जनप्रतिनिधियों की मांग को जिलाधिकारी के समक्ष भेजा जा रहा है.

पटना: राजधानी पटना के पुनपुन और धनरूआ प्रखंड बाढ़ (Flood) से बेहाल है. भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में शनिवार को पुनपुन अंचल कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल, पुनपुन में आई बाढ़ से 9 पंचायत के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं, जिसको लेकर पुनपुन प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की जा रही है.

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पुनपुन में आई बाढ़ से हर तबका परेशान हैं. पुनपुन के 14 में से 9 पंचायत के सैकड़ों गांव प्रभावित हो चुके हैं. जिसको लेकर लगातार भाकपा माले द्वारा पुनपुन प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने और बाढ़ पीड़ितों को 3 महीने का राशन, मेडिकल कैंप, मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था सभी पंचायतों में सामुदायिक किचन और नाव की व्यवस्था करने समेत कई सूत्री मांगों को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, पुनपुन प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी.

देखें रिपोर्ट

विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि ''हर साल पुनपुन में बाढ़ आपदा से लोग प्रभावित रहे हैं. सैकड़ों मकान गिर जाते हैं, हर तबके के लोग प्रभावित होते हैं. बावजूद सरकार पुनपुन को बाढ़ क्षेत्र घोषित नहीं कर रही है, जिसको लेकर गरीबों को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.''

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उन्होंने कहा कि पुनपुन में हर साल सैकड़ों परिवार बेघर हो जाते हैं और बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ सामुदायिक किचन और पॉलिथीन बांट दिया जाता है, जबकि गरीब लोग अपने गिरे हुए मकानों को कैसे बनाएंगे. इस मामले में पुनपुन अंचलाधिकारी इंद्राणी कुमारी ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांगों को जिलाधिकारी को भेज दिया जाएगा. जिलाधिकारी के निर्देश आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, धनरूआ प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने और बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने को लेकर भी धनरूआ प्रखंड में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. ऐसे में अब पंचायत जनप्रतिनिधि भी प्रखंड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने पर उतारू हो चुके हैं. शनिवार को धनरूआ प्रखंड के 19 पंचायत के सभी मुखिया, पंचायत समिति, वार्ड सदस्य, पंच, सरपंच ने धनरूआ को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

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धनरूआ में आई बाढ़ के पानी से तकरीबन सभी पंचायत प्रभावित हुई हैं. सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए थे, जिसको लेकर लगातार धनरूआ प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में अब जनप्रतिनिधि भी आंदोलन पर उतारू हो चुके हैं. शनिवार को सभी जनप्रतिनिधि प्रखंड कार्यालय पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करते हुए धनरूआ प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की.

देखें रिपोर्ट

मुखिया संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि ''हर साल धनरूआ में बाढ़ से हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो जाती है. सैकड़ों लोगों के घर टूट जाते हैं. उसके बाद लगातार बाढ़ पीड़ितों की मांग को लेकर प्रखंड मुख्यालय के चक्कर काटते रहते हैं. ऐसे में हर तबका परेशान हैं. वहीं, बटाईदार किसान भी इस बार अपनी जमा पूंजी लगाकर परेशान हो चुके हैं. कर्ज पर लेकर खेती करने वाले लोगों का बैंक ऋण और बिजली बिल माफ किया जाना चाहिए.''

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धनरूआ प्रखंड मुख्यालय पर सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने घंटों प्रदर्शन करते हुए धनरूआ को बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की. ऐसे में मौके पर पहुंचे अंचलाधिकारी ऋषि कुमार ने बताया कि जनप्रतिनिधियों की मांग को जिलाधिकारी के समक्ष भेजा जा रहा है.

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