पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद उनकी लिखी हुई चिट्ठी पर सियासत हो रही है. कांग्रेस और आरजेडी उन्हीं चिट्ठी को फर्जी बताकर एनडीए पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस ने रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठी की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है. वहीं, जेडीयू और बीजेपी के नेता रघुवंश प्रसाद को लेकर राजनीति नहीं करने की सलाह दी है.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बीमार हो और वह वेंटिलेटर पर हो तो वह पत्र कैसे लिख सकता है. जेडीयू और बीजेपी के नेता आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार को लिखे पत्र को लेकर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि रघुवंश बाबू के पत्र की सीबीआई जांच हो तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
जेडीयू और बीजेपी के नेताओं पर घिनौनी राजनीति का आरोप
इसके साथ ही राजेश राठौर ने जेडीयू और बीजेपी के नेताओं पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगया. उन्होंने कहा कि जेडीयू के नेता अगर रघुवंश प्रसाद के हितैषी होते तो उनके पार्थिव शरीर को जेडीयू कार्यालय ले जाते तो हमें कोई आपत्ति नहीं होती. लेकिन जेडीयू और बीजेपी के नेताओं के दबाव के कारण उनके पार्थिव शरीर को आरजेडी कार्यालय में नहीं ले जाया गया. वो 30 सालों तक आरजेडी के लिए काम करते रहे, आरजेडी के अलावा कहीं नहीं गए.
'चिट्ठी पर इस तरह की राजनीति नहीं करें'
रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठी को लेकर जारी सियासत पर बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं को नसीहत दी. उन्होंने कहा कि वो इस तरह की छोटी राजनीति ना करें. आरजेडी में रहकर रघुवंश बाबू के साथ काम करने का हमें बहुत सा मौका मिला है और हम उनके साथ काम भी किए हैं. इसलिए हम सभी लोगों की लिखावट भी जानते हैं और उनके हस्ताक्षर को भी जानता हूं.
अगर कोई झूठ बोल रहा है तो वह साबित कर दें या फिर उनके परिवार वालों को बताने का कष्ट करें. इसलिए चिट्ठी पर इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए, रघुवंश बाबू सदा ही श्रद्धा थे और हमेशा रहेंगे.