पटना : बिहार में कोरोना की दूसरी लहर (corona cases in bihar) का प्रकोप अब कम होता दिख रहा है. लेकिन तीसरी लहर की चुनौती (corona third wave in bihar) बरकरार है. संभावित चुनौतियों को देखते हुए राज्य में वैक्सीनेशन को गति देने की जरूरत है. लेकिन 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीके के अभाव में वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में सरकार के सहयोगी दल और विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीनेशन नीति बनाने की मांग की है.
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शहरी इलाकों में डोर टू डोर वैक्सीनेशन
नगर विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से राज्य में वैक्सीनेशन की गति को तेज करने की कवायद शुरू की गई है. शहरी निकाय में डोर टू डोर वैक्सीनेशन (door to door vaccination in bihar) पर सहमति बनी है. लेकिन वैक्सीन की कमी की वजह से योजना को फिलहाल मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है. पिछले कुछ दिनों से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीके के अभाव में वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है. अभी दो-तीन दिन और विलंब होने की संभावना है.
वैक्सीन नीति बनाने की मांग उठी
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि वैक्सीन नीति के बगैर वैक्सीनेशन को तीव्र गति से अंजाम नहीं दिया जा सकता है. केंद्र सरकार को पहले नीति बनानी चाहिए और उसके बाद राज्यों के साथ सामंजस्य स्थापित कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाना चाहिए.
वहीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि सरकार वैक्सीनेशन के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार टीकाकरण के लिए गाड़ियों को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में रवाना करने जा रही है. विभिन्न शहरी क्षेत्रों में 121 टीका एक्सप्रेस रवाना किया जाएगा.
'पटना में 36 गाड़ियां शहर के विभिन्न इलाकों में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को जाकर टीका देगी. 18 साल से लेकर 45 साल तक के लोगों को भी अभियान के तहत टीका दिया जाएगा. आरटीपीसीआर वैन की संख्या और बढ़ाई जा रही है. तीन और गाड़ियां बिहार को उपलब्ध हो गई हैं. मुख्यमंत्री इसे जल्द ही राज्य के अलग-अलग हिस्सों के लिए रवाना करेंगे.' - मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
'केंद्र सरकार को दूसरे देशों की तरह वैक्सीनेशन नीति बनाने की जरूरत है. केंद्र की तर्ज पर बिहार जैसे राज्यों को भी नीति बनाना चाहिए. इससे अलग राज्यों को भी सेरोलॉजिकल सर्वे कर आना चाहिए और उसके बाद नीति पर अमल करना चाहिए. बगैर वैक्सीनेशन नीति के कोरोना पर काबू नहीं पाया जा सकता है.' - डॉ. संजय कुमार, विशेषज्ञ