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'सीएम अपने नेताओं के बयान पर कंट्रोल करें, यह शोभा नहीं देता' लाठीचार्ज के विरोध में BSSC अभ्यर्थी

BSSC CGL के तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कराने की मांग लगातार की जा रही है. अभ्यर्थियों ने पटना में हुए लाठी चार्ज गलत बताया. फिर भी नेता कह रहे हैं कि ये तो होते रहता है. इस तरह का बयान शोभा नहीं देता. सीएम नीतीश कुमार अपने नेता के फालतू बयान पर रोक लगाना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 7, 2023, 8:47 PM IST

बिहार एसएससी पेपर लीक मामलाः परीक्षा रद्द करने की मांग करते छात्र.

पटनाः बिहार एसएससी परीक्षा पेपर लीक (Bihar SSC Exam Paper Leak) का मामला शांत नहीं हो रहा है. छात्र लगातार परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. लेकिन सरकार इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. जिससे छात्रों में आक्रोश है. छात्रों का कहना है कि एक तो सरकार परीक्षा को रद्द नहीं कर रही है. वहीं छात्रों के उपर लाठी चलाई जाती है. उपर से नेता का बयान आता है कि ये तब होते रहता है. सीएन नीतीश कुमार अपने नेता के बयान पर रोक लगाए और छात्रों के साथ न्याय करें. हमलोगों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. छात्र इतनी मेहनत से पढ़ाई कर परीक्षा देतें हैं फिर भी सरकार नहीं समझती नहीं है.

यह भी पढ़ेंः 'पहली बार लाठीचार्ज हुआ है क्या, होता ही रहता है'.. BSSC अभ्यर्थी पर लाठीचार्ज पर बोले ललन सिंह

नेताओं का बयान बेहद ही दुर्भाग्यपूर्णः बिहार एसएससी परीक्षा रद्द (Bihar SSC Exam 2022) कराने की मांग कर रहे छात्र नेता सौरव कुमार ने कहा कि नेताओं का यह बयान बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी छात्र नेता रहे हैं. छात्रों के ऊपर हुई लाठीचार्ज पर नेताओं के बयान की वह कड़ी भर्त्सना करते हैं. पेपर लीक होने के कारण पहली शिफ्ट की परीक्षा रद्द की गई है. और दूसरे और तीसरे शिफ्ट की परीक्षा को भी रद्द किया जाए. युवाओं के ऊपर जिस प्रकार लाठीचार्ज की गई है इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संज्ञान लेना चाहिए. इनके नेता अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील है कि पेपर लीक मामले में कार्रवाई करें.

दिन-रात जाग कर पढ़ाई करते छात्रः बीएसएससी अभ्यर्थी सुजीत कुमार ने बताया कि दिन-रात जाग कर पढ़ाई करते हैं. जब वैकेंसी निकलती है, परीक्षा होती है तो क्वेश्चन ही लीक हो जाता है. ऐसे में जो बच्चे पढ़ने लिखने में अपना पूरा समय दे रहे हैं. उन्हें लगता है कि उनकी पूरी पढ़ाई लिखाई बेकार जा रही है. पैसे वाले लोग सेटिंग करके अपने बच्चों को सरकारी नौकरी दिलवा देते हैं. पेपर लीक हुआ है इसमें कई पैसे वाले भी सम्मिलित हैं. जो अपने बच्चों को बिना मेहनत के सरकारी नौकरी दिलवाना चाहते हैं.

छात्रों का कसूर क्या है?: बीएसएससी अभ्यर्थी ने कहा कि एक बड़े सत्ताधारी दल के नेता कहते हैं कि लाठीचार्ज पहली बार नहीं हुआ है. उनसे पूछना चाहते हैं कि आखिर लाठीचार्ज क्यों हो रहा है, छात्रों का कसूर क्या है? उन्होंने कहा कि क्या सरकार के सामने छात्र अपनी मांगों को भी नहीं रखें. अपनी मांगों को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करना भी सरकार के खिलाफ है क्या ? छात्र अपनी वाजिब मांगों को लेकर जब सड़क पर उतरते हैं तो उन पर लाठी चार्ज हो जाती है. तो ऐसे में नेताजी बता दे कि छात्र कहां जाए.

पारदर्शी तरीके से परीक्षा ली जाएः बीएसएससी अभ्यर्थी राहुल कुमार ने कहा कि पटना के मुसल्लहपुर हाट और महेंद्रू में देखिए, किस प्रकार छात्र पढ़ाई करते हैं. फिर वह अपने हक के लिए जब लड़ता है तो उसके ऊपर लाठी चार्ज होती है. शिक्षा मंत्री एक प्रोफेसर हैं, उनको यह सोचना चाहिए कि बच्चों के ऊपर जब लाठीचार्ज होने से क्या कुछ गुजरा होगा? आखिर सरकार भी जानती है कि क्वेश्चन पेपर लीक हुआ है. बच्चे एविडेंस भी दे रहे हैं, छात्र बस यही चाहते हैं कि पूरी परीक्षा रद्द करके पारदर्शी तरीके से परीक्षा ली जाए.

बेकार बयान दे रहे नेताः बीएसएससी अभ्यर्थी श्रीकांत ने बताया कि जिस प्रकार नेता बेकार बयान दे रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्र राजनीति में रहे हैं. छात्रों के ऊपर लाठीचार्ज को कैसे यह नेता जायज ठहरा देते हैं. छात्र आज भी चाहते हैं कि तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द हो. परीक्षा के बाद आयोग के तरफ से आंसर की भी जारी होना चाहिए. अगर क्वेश्चन लीक होता है तो चंद मिनट के अंदर पूरी तरह से यह वायरल हो जाएगा. फिर मेधावी छात्र बर्बाद हो जाएंगे. सेटिंग वाले जो छात्र हैं वह सरकारी नौकरी ले लेंगे.

पटना में हुआ था लाठीचार्ज : बता दें कि बुधवार को राजधानी पटना में हजारों अभ्यर्थी सड़क पर उतरे थे. बिना वार्ता किए पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की गयी थी. भीषण ठंड में लाठीचार्ज से छात्रों की नाराजगी सरकार से और बढ़ गई. लेकिन छात्रों की नाराजगी में आग में घी डालने का काम कर रही है नेताओं की बयानबाजी. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने यह कहा था कि यह कोई पहली बार नहीं हुई है. विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि छात्र ऐसा प्रदर्शन करेंगे तो लाठीचार्ज होगा ही. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसके बारे में पता ही नहीं है.

बिहार एसएससी पेपर लीक मामलाः परीक्षा रद्द करने की मांग करते छात्र.

पटनाः बिहार एसएससी परीक्षा पेपर लीक (Bihar SSC Exam Paper Leak) का मामला शांत नहीं हो रहा है. छात्र लगातार परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. लेकिन सरकार इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. जिससे छात्रों में आक्रोश है. छात्रों का कहना है कि एक तो सरकार परीक्षा को रद्द नहीं कर रही है. वहीं छात्रों के उपर लाठी चलाई जाती है. उपर से नेता का बयान आता है कि ये तब होते रहता है. सीएन नीतीश कुमार अपने नेता के बयान पर रोक लगाए और छात्रों के साथ न्याय करें. हमलोगों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. छात्र इतनी मेहनत से पढ़ाई कर परीक्षा देतें हैं फिर भी सरकार नहीं समझती नहीं है.

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नेताओं का बयान बेहद ही दुर्भाग्यपूर्णः बिहार एसएससी परीक्षा रद्द (Bihar SSC Exam 2022) कराने की मांग कर रहे छात्र नेता सौरव कुमार ने कहा कि नेताओं का यह बयान बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी छात्र नेता रहे हैं. छात्रों के ऊपर हुई लाठीचार्ज पर नेताओं के बयान की वह कड़ी भर्त्सना करते हैं. पेपर लीक होने के कारण पहली शिफ्ट की परीक्षा रद्द की गई है. और दूसरे और तीसरे शिफ्ट की परीक्षा को भी रद्द किया जाए. युवाओं के ऊपर जिस प्रकार लाठीचार्ज की गई है इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संज्ञान लेना चाहिए. इनके नेता अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील है कि पेपर लीक मामले में कार्रवाई करें.

दिन-रात जाग कर पढ़ाई करते छात्रः बीएसएससी अभ्यर्थी सुजीत कुमार ने बताया कि दिन-रात जाग कर पढ़ाई करते हैं. जब वैकेंसी निकलती है, परीक्षा होती है तो क्वेश्चन ही लीक हो जाता है. ऐसे में जो बच्चे पढ़ने लिखने में अपना पूरा समय दे रहे हैं. उन्हें लगता है कि उनकी पूरी पढ़ाई लिखाई बेकार जा रही है. पैसे वाले लोग सेटिंग करके अपने बच्चों को सरकारी नौकरी दिलवा देते हैं. पेपर लीक हुआ है इसमें कई पैसे वाले भी सम्मिलित हैं. जो अपने बच्चों को बिना मेहनत के सरकारी नौकरी दिलवाना चाहते हैं.

छात्रों का कसूर क्या है?: बीएसएससी अभ्यर्थी ने कहा कि एक बड़े सत्ताधारी दल के नेता कहते हैं कि लाठीचार्ज पहली बार नहीं हुआ है. उनसे पूछना चाहते हैं कि आखिर लाठीचार्ज क्यों हो रहा है, छात्रों का कसूर क्या है? उन्होंने कहा कि क्या सरकार के सामने छात्र अपनी मांगों को भी नहीं रखें. अपनी मांगों को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करना भी सरकार के खिलाफ है क्या ? छात्र अपनी वाजिब मांगों को लेकर जब सड़क पर उतरते हैं तो उन पर लाठी चार्ज हो जाती है. तो ऐसे में नेताजी बता दे कि छात्र कहां जाए.

पारदर्शी तरीके से परीक्षा ली जाएः बीएसएससी अभ्यर्थी राहुल कुमार ने कहा कि पटना के मुसल्लहपुर हाट और महेंद्रू में देखिए, किस प्रकार छात्र पढ़ाई करते हैं. फिर वह अपने हक के लिए जब लड़ता है तो उसके ऊपर लाठी चार्ज होती है. शिक्षा मंत्री एक प्रोफेसर हैं, उनको यह सोचना चाहिए कि बच्चों के ऊपर जब लाठीचार्ज होने से क्या कुछ गुजरा होगा? आखिर सरकार भी जानती है कि क्वेश्चन पेपर लीक हुआ है. बच्चे एविडेंस भी दे रहे हैं, छात्र बस यही चाहते हैं कि पूरी परीक्षा रद्द करके पारदर्शी तरीके से परीक्षा ली जाए.

बेकार बयान दे रहे नेताः बीएसएससी अभ्यर्थी श्रीकांत ने बताया कि जिस प्रकार नेता बेकार बयान दे रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्र राजनीति में रहे हैं. छात्रों के ऊपर लाठीचार्ज को कैसे यह नेता जायज ठहरा देते हैं. छात्र आज भी चाहते हैं कि तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द हो. परीक्षा के बाद आयोग के तरफ से आंसर की भी जारी होना चाहिए. अगर क्वेश्चन लीक होता है तो चंद मिनट के अंदर पूरी तरह से यह वायरल हो जाएगा. फिर मेधावी छात्र बर्बाद हो जाएंगे. सेटिंग वाले जो छात्र हैं वह सरकारी नौकरी ले लेंगे.

पटना में हुआ था लाठीचार्ज : बता दें कि बुधवार को राजधानी पटना में हजारों अभ्यर्थी सड़क पर उतरे थे. बिना वार्ता किए पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की गयी थी. भीषण ठंड में लाठीचार्ज से छात्रों की नाराजगी सरकार से और बढ़ गई. लेकिन छात्रों की नाराजगी में आग में घी डालने का काम कर रही है नेताओं की बयानबाजी. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने यह कहा था कि यह कोई पहली बार नहीं हुई है. विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि छात्र ऐसा प्रदर्शन करेंगे तो लाठीचार्ज होगा ही. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसके बारे में पता ही नहीं है.

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