पटनाः बिहार में अब पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ने लगी है. चुनाव मार्च-अप्रैल में होने हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है. चुनाव आयोग की तरफ से पंचायत चुनाव के लिए वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन की तारीख 19 फरवरी 2021 तय कर दी गई है.
पंचायत चुनाव के मद्देनजर सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजा जा चुका है. बिहार में लंबे समय से दलीय आधार पर पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग होती रही है. पिछले दिनों बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक में इस पर चर्चा भी हुई.
दलीय आधार पर चुनाव बीजेपी की मांग
बीजेपी तो लंबे समय से दलीय आधार पर ही चुनाव हो इसकी मांग करती रही है. लेकिन दलीय आधार पर चुनाव हो अभी सभी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. जदयू का भी कहना है कि एनडीए के शीर्ष नेताओं के बीच जब बैठक होगी तो फैसला होगा.
दूसरे राज्यों में होता है दलीय आधार पर चुनाव
कई राज्यों में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर कराए जाते रहे लेकिन बिहार में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं. पार्टियों की ओर से उम्मीदवारों का समर्थन जरुर किया जाता है लेकिन इस बार दलीय आधार पर चुनाव कराए जाने पर गंभीरता से पार्टी विचार कर रही है.
'दूसरे राज्यों में जब चुनाव दलीय आधार पर हो सकते हैं तो बिहार में क्यों नहीं हो सकता है. सभी दल के लोग और कार्यकर्ता चाहते हैं दलीय आधार पर ही चुनाव हो'. अजीत चौधरी, अध्यक्ष बीजेपी एससी एसटी मोर्चा
अजीत चौधरी का तो यह भी कहना है कि 2005 से पहले तो पंचायत चुनाव होते ही नहीं थे एनडीए की सरकार आने के बाद चुनाव होना शुरू हुआ है.
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कुछ भी बोलने से बच रहे जदयू नेता
वहीं, जदयू के पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है पंचायत चुनाव को लेकर एनडीए के शीर्ष नेता बैठेंगे तभी फैसला होगा. अभी इस पर कुछ भी बोलना सही नहीं है.
दलीय आधार पर चुनाव से बीजेपी हो सकता है लाभ
बिहार में बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव में 74 सीट लेकर एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बनी है. ऐसे आरजेडी को सबसे अधिक 75 सीट मिली है. बीजेपी को लगता है कि कैडर वोट के कारण पंचायत चुनाव में बिहार में जबरदस्त सफलता मिल सकती है.
यही वजह है कि विधान मंडल दल की पिछले दिनों हुई बैठक में भी पंचायत चुनाव के लिए पार्टी नेताओं को तैयारी करने का निर्देश दिया गया. लेकिन देखना है सभी दल इस पर सहमत होते हैं या नहीं. क्योंकि जदयू ने भी अभी तक दलीय आधार पर चुनाव लड़ने का फैसला नहीं किया है.