पटना: बिहार बोर्ड की गलती को लेकर मंगलवार को बिहार विधान परिषद में जमकर हंगामा हुआ. नवल किशोर यादव और केदारनाथ पांडे समेत कई सदस्यों ने बिहार बोर्ड के अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए 2015 के एक मामले में कार्रवाई की मांग की. लेकिन शिक्षा मंत्री के ढुलमुल रवैया पर सदस्य भड़क गए. आखिरकार, जब शिक्षा मंत्री ने प्रधान सचिव से मामले की जांच कराने की घोषणा की, तब जाकर सदन में मामला शांत हुआ.
मामला वर्ष 2015 का है, जब मैट्रिक की परीक्षा में सोनी कुमारी नाम की लड़की ने हिंदी और विज्ञान विषय में दिए गए अंकों पर असंतुष्टि जताई थी. इसके साथ ही उसने आपत्ति दर्ज की थी. आपत्ति दर्ज कराने के बाद सोनी कुमारी के हिंदी और विज्ञान विषय में तो कोई अंक का बदलाव नहीं किया गया. लेकिन गणित विषय के 78 अंक से घटाकर 38 अंक कर दिया गया. जबकि गणित विषय में कोई भी आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी.
सदन में क्यों नहीं हुई कार्रवाई- नवल किशोर
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की लापरवाही को लेकर तनवीर अख्तर ने यह मामला आज विधान परिषद में उठाया और इसके जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की. जब शिक्षा मंत्री इस बात पर गोलमोल जवाब देने लगे, तब सदन में जमकर हंगामा हुआ. आखिरकार, जबरदस्त हंगामे के बाद शिक्षा मंत्री ने घोषणा की, कि इस पूरे मामले की जांच अपर मुख्य सचिव से कराएंगे और दोषी पर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन नवल किशोर यादव संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें इस जांच पर भरोसा नहीं है और इस मामले को लेकर पीड़ित लड़की को न्याय नहीं मिल जाता, जब तक कि सदन इस मामले को खुद नहीं देखता.