पटना: दिल्ली में मशरूम की खेती करने वाले किसान ने अनोखी मिसाल पेश की है. लॉकडाउन के दौरान वहां फंसे अपने 10 मजदूरों को उसने फ्लाइट से बिहार वापस भेजा है. सभी 10 मजदूर गुरुवार सुबह इंडिगो फ्लाइट से पटना एयरपोर्ट पहुंचे. घर वापसी के बाद सभी के चेहरे खिले नजर आए.
पटना पहुंचे मजदूरों ने बताया कि उनके मालिक का नाम पप्पन सिंह गहलौत है. वे सभी उनके यहां दिल्ली के तिगीपुर गांव में मशरूम की खेती का काम करते थे. लेकिन, लॉकडाउन के कारण वे वहां फंस गए. ऐसे में मालिक पप्पन सिंह गहलौत ने फ्लाइट का टिकट कटवाकर सभी को घर वापस भेजा है.
समस्तीपुर के हैं निवासी
सभी मजदूर समस्तीपुर के रहने वाले हैं. मजदूर ने ये भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान वहां उन्हें कोई परेशानी नहीं थी. अच्छा खाना-रहना सब मालिक की ओर से मिल रहा था. लेकिन, इस परिस्थित में घर आने की चाहत जाहिर करने के बाद मालिक ने हवाई जहाज का टिकट करा दिया. साथ ही आते वक्त पैसे भी दिए. दिल्ली से पटना लौटे नवीन राम ने कहा कि अगर मालिक फिर से बुलाता है तो वे जरूर काम पर जाएंगे. पहली बार हवाई यात्रा की, काफी खुश हूं कि घर आ गया.
मजदूरों की मदद के लिए उठाया कदम
वहीं, ईटीवी भारत की टीम ने बख्तावरपुर इलाके के तिगीपुर के किसान पप्पन सिंह गहलोत और उनके मजदूरों से बात की. किसान ने बताया कि वो मशरूम की खेती करते हैं. उनके पास 48 मजदूर काम करते थे. लॉकडाउन के पहले हफ्ते में ज्यादातर मजदूर अपना काम खत्म कर बिहार चले गए. बाकी बचे 10 मजदूरों को अब हवाई जहाज से गांव भेजा गया. मशरूम की खेती के लिए पप्पन के पास पिछले करीब 27 सालों से बिहार के कुछ मजदूर काम करने के लिए आते हैं और सीजन खत्म होने के बाद वापस चले जाते हैं.
'सीजन खत्म हो गया तो यहां क्या करते मजदूर'
किसान पप्पन सिंह गहलोत ने बताया कि अब मशरूम की खेती का सीजन भी खत्म हो गया है. इसलिए इन लोगों को वापस अपने घर जाना था, तो इनके लिए हवाई यात्रा का बंदोबस्त किया. अब ये मजदूर दिल्ली से पैदल, भीड़भाड़ वाली बसों और रेल में ना जाकर हवाई जहाज से अपने-अपने घर जाएंगे. ये दो पीढ़ियों से हमारे पास काम कर रहे हैं. वो इन लोगों को घर से एयरपोर्ट तक खुद अपनी कार में छोड़ने गए और सभी के फ्लाइट के टिकट भी पप्पन सिंह गहलोत ने अपने खर्चे से बुक कराए हैं.
इस दौरान उनके 68 हजार रुपये भी खर्च हुए. साथ ही बख्तावरपुर वार्ड के निगम पार्षद ने भी इन मजदूरों की स्क्रीनिंग और पूरा मेडिकल चेकअप कराया. अब इन मजदूरों को बिहार एयरपोर्ट से घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खुद निगम पार्षद उठाएंगे. इसके लिए उन्होंने बिहार के स्थानीय नेताओं से भी बात की हुई है, जो बिहार एयरपोर्ट से मजदूरों को उनके घर तक पहुंचने में मदद करेंगे.