पटना: कोरोना संकट के बीच प्रदेश में सियासत भी अपने चरम पर है. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के ट्वीट के बाद शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे कानून के दरवाजे पर आ पहुंचा है. दरअसल, सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि इस आपदा की घड़ी में कांग्रेस और राजद के किसी भी नेता ने भी मुख्यमंत्री राहत कोष एक रुपये भी जमा नहीं करवाए हैं. इसके बाद यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष कुमार रोहित कुमार ने मंगलवार को पटना के जीपीओ कार्यालय से डाक और ईमेल के माध्यम सुशील मोदी पर एफआईआर दर्ज करवाया है.
'सुशील मोदी पर मानहानि का मामला'
इस मामले पर यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष कुमार रोहित ने बताया कि कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 50 लाख रुपये के साथ अपनी 1 महीने की सैलरी सहायता राशि के रूप में जमा करवाया था. रोहित ने जमा की गई राशि के एविडेंस दिखाते हुए कहा कि इस मामले पर कांग्रेस प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी सुशील कुमार पर अपने लीगल एडवाइजर के जरिए मानहानि का मामला दर्ज करवाया है.
'अपनी राजनीति चमका रहे हैं सुशील मोदी'
यूथ कांग्रेस के नेता ने सुशील कुमार मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री खुद वित्त विभाग संभालते हैं. लेकिन उन्हें खुद या जानकारी नहीं है कि किसने कितनी सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवाई है. यह आश्चर्यजनक है. उपमुख्यमंत्री बिहार की जनता को भ्रमित कर अपनी राजनीति चमका रहे हैं. कांग्रेस नेता ने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से बिहार की जनता से मांफी मांगने को कहा है.
डीजीपी और एसएसपी को भेजी एफआइआर की कॉपी
यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर एफआईआर दर्ज करवाया गया है. इस मामले की एक-एक कॉपी बिहार डीजीपी, एसएसपी और पटना साइबर सेल को भेज दिया गया है.