पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण और स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक विशेष टीम रविवार को पटना पहुंची और हालात का जायजा लिया. उधर राज्य में चुनाव को लेकर केन्द्रीय चुनाव आयोग ने बिहार के सभी राजनीतिक पार्टियों से सुझाव मांगे हैं. ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिहार में चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की राय बेहद महत्वपूर्ण हो गई है.
चुनाव कराने को लेकर राजनीतिक पार्टियों में आम राय नही है. आरजेडी, कांग्रेस समेत बिहार की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां कोरोना महामारी को देखते हुये चुनाव टालने के पक्ष में है. जाहिर है कि चुनाव आयोग को भी ये पार्टियां अपने-अपने मत के हिसाब से ही सुझाव भेजेगी.
कुल 9 दलों ने दिल्ली में सौंपा ज्ञापन
बता दें कि, इससे पहले शुक्रवार को आरजेडी और कांग्रेस समेत नौ विपक्षी पार्टियां ने केन्द्रीय चुनाव आयोग से मिलकर बिहार में चुनाव कराने को लेकर ज्ञापन दे चुकी है. विपक्षी पार्टियों ने मांग की है कि विशेषज्ञों की राय लेकर ही आयोग फैसला करे, जिससे जनता अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग निडर होकर कर सके और सही जनादेश तैयार हो सके. लेकिन इन सब के बावजूद बीजेपी और जेडीयू चुनाव टाले जाने के पक्ष में नही है. बीजेपी ने साफ किया है कि आयोग जो भी फैसला लेगा, वो उसका सम्मान करेगी.
बीजेपी और जदयू चुनाव कराने के पक्ष में
बीजेपी की चुनावी तैयारी जारी है. चुनाव को लेकर बैठकों का दौर जारी है. जेडीयू का वर्चुअल कैम्पेन भी जारी है. जेडीयू ने एक बार फिर साफ किया है कि वो बिहार में चुनाव कराये जाने के पक्ष में है. जेडीयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा है कि, 'उनकी पार्टी बिहार में चुनाव कराए जाने के पक्ष में है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के बिहार दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि ये नियमित दौरा है. जिन राज्यों में कोरोना के मामले ज्यादा आते है, केंद्रीय टीम जाती है. ऐसे में उनकी पार्टी की स्टैंड में अभी कोई परिवर्तन नही आया है.'
ऐसे में जाहिर है बिहार की दो प्रमुख दल चुनाव के पक्ष में है, जबकि आरजेडी, कांग्रेस , आरएलएसपी, हम के अलावा एनडीए की सहयोगी लोजपा भी कोरोना की वजह से चुनाव टाले जाने की पक्ष में है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों द्वारा भेजे जाने वाला सुझाव काफी अहम हो जाता है. इस पार्टियों के सुझाव और विचार के आधार पर आयोग कोई फैसला लेगी.
'31 जुलाई तक सुझाव दें सभी दल'
चुनाव आयोग ने मान्यता प्राप्त सभी 7 राष्ट्रीय और 43 प्रादेशिक राजनीतिक दलों से इस सबंध में राय मांगी है. 31 जुलाई तक इन सभी दलों के सुझाव पर ही भारत निर्वाचन आयोग को बिहार में चुनाव कराने को लेकर निर्णय लेना है.