पटना: बिहार विकास मिशन कार्यालय (Development Mission Office) के सामने तबादला किये जाने से नाराज प्रदेश भर से आए डाटा एंट्री ऑपरेटरों (Data Entry Operators) ने जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में शामिल सभी ऑपरेटर सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में कार्यरत हैं. इनका कहना है कि 5 साल से हम लोग काम कर रहे हैं. बिहार विकास मिशन ने हम लोगों का सामूहिक तबादला गृह जिले से 400-500 किलोमीटर दूर कर दिया है. ऐसे में इतने कम मानदेय में हम कैसे काम करें.
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मोतिहारी से आयी सोनी कुमारी का कहना है कि हम मोतिहारी में कार्यरत थे. मेरा तबादला गोपालगंज कर दिया गया है. सरकार हम लोगों को मात्र 19 हजार रुपये का मानदेय देती है. इतने कम पैसे में गृह जिला से काफी दूर जाकर काम करना मुश्किल है. इसलिए बिहार विकास मिशन तबादले का आदेश फौरन वापस ले.
मोतिहारी से ही आयी प्रिया कुमारी का कहना है कि महिलाओं का भी तबादला अन्य जिलों में कर दिया गया है. जो कि गलत है, हम नहीं कहते कि हम गृह जिला में रहकर काम करेंगे. लेकिन सरकार को सोचना चाहिए कि गृह जिले के नजदीकी जिले में ही हमें रखा जाये. जिससे आने-जाने और काम करने में सहूलियत हो.
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रोहतास से आये राकेश सिंह का कहना है कि मेरा तबादला रोहतास से मोतिहारी कर दिया गया है. मानदेय सरकार बढ़ा नहीं रही है. हम लोग अन्य जिलों में जाकर कैसे काम करेंगे. परिवार का पालन-पोषण कैसे करेंगे, ये सरकार को सोचना चाहिए. 7 अगस्त को हम लोगों का अचानक तबादला कर दिया जाता है और कहा जाता है कि अन्य जिले में जाकर योगदान दीजिए. अगर बिहार विकास मिशन हमारी मांगे नहीं मानता तो मुख्यमंत्री से हम लोग गुहार लगाएंगे.
19 हजार रुपये के मानदेय पर काम करने वाले सिंगल विंडो ऑपरेटर को कार्यस्थल से 400 से 500 किलोमीटर दूर तबादला किया गया है. इसलिए ये लोग तबादले को रद्द करने की मांग और विरोध कर रहे हैं. फिलहाल इस मुद्दे पर बिहार विकास मिशन के अधिकारी चुप्पी साधे हैं. अब देखना है कि इन कंप्यूटर ऑपरेटर की मांग पर सरकार क्या निर्णय लेती है.
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