पटना: बिहार सहित पूरे देश में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud In Bihar) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. नए-नए तरीके इजाद कर साइबर अपराधी जनता की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं. भारत में 2020 में साइबर अपराध (Bihar Cyber Crime) के 50,035 मामले दर्ज किए गए जो 2019 की तुलना में 11.8% अधिक है.
यह भी पढ़ें- सावधानः अब सोशल मीडिया अपग्रेडेशन का इस्तेमाल कर अपराधी बना रहे साइबर ठगी के शिकार
साथ ही सोशल मीडिया के फर्जी सूचना के 578 मामले सामने आए हैं. एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के नए डाटा के अनुसार देश में साइबर अपराध की दर प्रति एक लाख की आबादी पर घटनाएं 2019 में 3.3% से बढ़कर 2020 में 3.7% हो गई है. जिसमें 2019 में साइबर अपराध के मामलों की संख्या 44735 थी जबकि 2018 में यह संख्या महज 27248 थी.
पिछले कई वर्षों की तुलना में करोना काल के दौरान साइबर फ्रॉड के मामलों में वृद्धि हुई है. सबसे खास बात ये कि इस दौरान नए-नए तरीकों से लोगों को चूना लगाया जा रहा है. बिहार में साइबर अपराध की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.
वर्ष 2016 में साइबर फ्रॉड के 303 मामले दर्ज हुए थे, 2017 में 433, 2018 में 474, 2019 में करोना काल के दौरान 1050, 2020 में 1160 तो वहीं साल 2021 में अब तक 1217 मामले दर्ज हो चुके हैं. आंकड़ों के अनुसार बिहार में साल 2016 की तुलना में 2021 में साइबर फ्रॉड के मामलों में 5 गुना की बढ़ोतरी हुई है.
साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरव की मानें तो करोना काल के दौरान जब लोग अपने घरों से निकलने से परहेज कर रहे थे, तब ऑनलाइन शॉपिंग या यूं कहें कि ऑनलाइन का ट्रेंड बढ़ काफी बढ़ गया. अभिनव सौरव मानते हैं कि आम लोगों को सही एप की जानकारी नहीं होने की वजह से साइबर फ्रॉड के झांसे में आ जाते हैं.
"ट्रेंड में लगातार बदलाव हो रहा है. ओटीपी मांग कर खाते से पैसे निकालने के तरीके से शुरू हुआ साइबर अपराध आज बहुत आगे बढ़ चुका है. कई बार कस्टमर केयर से बात करने के दौरान भी लोग इस अपराध के शिकार हो जाते हैं. गलत नंबर पर संपर्क करने से ऐसा होता है. मोबाइल में गलत एप डाउनलोड करना भी खतरनाक साबित होता है. कई एप आपके मोबाइल के डिटेल साइबर अपराधियों तक पहुंचाते हैं."-अभिनव सौरभ, साइबर एक्सपर्ट
सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से ठगी करने का खेल जारी है. फ्रॉड, अश्लील वीडियो से ब्लैकमेल करते हैं इसके साथ ही ऑनलाइन चेक क्लोन, फोन, बैंक, खाता, सिम, आधार कार्ड, पैन कार्ड, डेबिट कार्ड, एटीएम कार्ड से लेकर लोन का लालच देकर भी पैसे की ठगी की जा रही है.
बिहार में इन दिनों साइबर फ्रॉड द्वारा खाते और मोबाइल फोन को हैक करके रुपए की निकासी की जा रही है. इसके अलावा मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के फर्जी अकाउंट बनाकर पैसे की मांग की जा रही है. इसके अलावा इनाम, सम्मान सस्ते में देने का दावा या बकाए रकम की वापसी का झांसा भी दिया जाता है. फ्रॉड, लिंक भेजते हैं और लिंक को क्लिक करते ही खाते से रुपए की निकासी होना भी सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है.
वहीं एनीडेक्स जैसे एप की मदद से किसी के कंप्यूटर में प्रवेश कर जाना और खाते से रुपए निकालने के मामले भी ज्यादातर सामने आ रहे हैं, जिसका फायदा उठाकर साइबर फ्रॉड आम लोगों को झांसा दे रहे हैं. सवाल यह उठता है कि इतने मामले दर्ज होने के बावजूद भी महज कुछ ही मामले में पैसे की रिकवरी हो पाई है.
एनसीईआरबी के आंकड़े के मुताबिक साल 2020 में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी के 4047 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं ओटीपी धोखाधड़ी के 1093 मामले दर्ज किए गए हैं. क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड धोखाधड़ी के 1194 मामले जबकि एटीएम से जुड़े 2160 मामले दर्ज किए गए हैं. सोशल मीडिया पर फर्जी सूचना के 578 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं ऑनलाइन परेशान करने या महिलाओं, बच्चों को साइबर धमकी से जुड़े 972 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि फर्जी प्रोफाइल के 149 और आंकड़ों की चोरी के 98 मामले दर्ज किए गए हैं.
साल 2020 में दर्ज एफआईआर में से 60.2% साइबर अपराध फर्जीवाड़ा से जुड़ा हुआ पाया गया है. साइबर अपराध के सबसे ज्यादा 11097 मामले उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं. बिहार सहित पूरे देश में ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा एक विशेष साइबर सेल बनाया गया है.
नोट: ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा साइबर फ्रॉड की वेबसाइट :https//cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
यह भी पढ़ें- काम की तलाश में पटना से बेंगलुरु निकले थे 2 युवक, रास्ते में हुआ कुछ ऐसा कि बन गए 'साइबर अपराधी'
यह भी पढ़ें- अमेजॉन के नाम पर लगाते थे चूना, तीन आरोपी गिरफ्तार