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कोरोना पर आस्था भारी! मकर संक्रांति पर भीड़ के दौरान जमकर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

मसौढ़ी में मकर संक्रांति पर भीड़ (Crowd on Makar Sankranti) के दौरान पर कोरोना गाइड लाइंस की जमकर धज्जियां उड़ी हैं. सरकारी रोक के बावजूद वहां मेले का आयोजन किया गया है.

मकर संक्रांति पर भीड़
मकर संक्रांति पर भीड़
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Published : Jan 15, 2022, 6:07 PM IST

पटना: देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार (Makar Sankranti 2022) मनाया जा रहा है. इस मौके पर पटना के मसौढ़ी में मेले के दौरान लोगों की जबर्दस्त भीड़ नजर आई. महामारी खतरे के बावजूद वहां कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन (Corona Guide Line Violation) हुआ है. मामला पोआवां गांव की है.

ये भी पढ़ें: Corona Effect In Buxar: प्रतिबंध से हो रहे नुकसान से लोग परेशान, बोले- 'सरकार करे कुछ उपाय'

दरअसल यहां तकरीबन 25 सालों से मकर संक्रांति के मौके पर मेले का आयोजन होता रहा है. ऐसे में इस बार भी भव्य मेले का आयोजन किया गया है. हालांकि इस बार करोना काल में रोक के बावजूद भी मेले का आयोजन किया गया. जहां हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा था.

देखें रिपोर्ट

बताया जाता है कि इस मेले में सैकड़ों गांव के लोग मेला देखने आते हैं. मसौढ़ी नौबतपुर और विक्रम यानी चार थाना की सीमा पर बसा हुआ पुनपुन नदी के किनारे पुआवां गांव में लगने वाला यह मेला प्रशासन की नजर से दूर है.

ये भी पढ़ें: कोरोना से बचाव के लिए सिंथेटिक मास्क नहीं है कारगर, सर्जिकल या n95 मास्क का करें उपयोग

मसौढ़ी के पुराना गांव में मेले के आयोजन के संदर्भ में गांव के लोगों की मान्यता है कि इस गांव में एक जंगली पेड़ हुआ करता था और उस पेड़ की छाल से कुष्ठ रोग का निवारण हुआ करता था. जिसको लेकर यह पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ था. लोग दूर-दराज से यहां छाल लेने आते थे. उस वक्त भीड़ एक मेले का स्वरूप बन गई और देखते-देखते हर साल यहां पर मेला का आयोजन होने लगा.

मकर संक्रांति पर भीड़ (Crowd on Makar Sankranti ) ने प्रशासन पर भी सवाल खड़ा कर दिया है, क्योंकि इस पूरे मामले में प्रशासन को कोई भी जानकारी नहीं है. तकरीबन 20-25 सालों से इस गांव में मेले का आयोजन होता रहा है. ऐसे में करोना में ग्रामीणों को रोका गया था, बावजूद भीड़ लग गई है. माइक लगातार किया जा रहा है कि लोग मास्क लगाएं और कोरोना गाइड लाइंस का पालन करें.

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पटना: देश भर में मकर संक्रांति का त्योहार (Makar Sankranti 2022) मनाया जा रहा है. इस मौके पर पटना के मसौढ़ी में मेले के दौरान लोगों की जबर्दस्त भीड़ नजर आई. महामारी खतरे के बावजूद वहां कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन (Corona Guide Line Violation) हुआ है. मामला पोआवां गांव की है.

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दरअसल यहां तकरीबन 25 सालों से मकर संक्रांति के मौके पर मेले का आयोजन होता रहा है. ऐसे में इस बार भी भव्य मेले का आयोजन किया गया है. हालांकि इस बार करोना काल में रोक के बावजूद भी मेले का आयोजन किया गया. जहां हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा था.

देखें रिपोर्ट

बताया जाता है कि इस मेले में सैकड़ों गांव के लोग मेला देखने आते हैं. मसौढ़ी नौबतपुर और विक्रम यानी चार थाना की सीमा पर बसा हुआ पुनपुन नदी के किनारे पुआवां गांव में लगने वाला यह मेला प्रशासन की नजर से दूर है.

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मसौढ़ी के पुराना गांव में मेले के आयोजन के संदर्भ में गांव के लोगों की मान्यता है कि इस गांव में एक जंगली पेड़ हुआ करता था और उस पेड़ की छाल से कुष्ठ रोग का निवारण हुआ करता था. जिसको लेकर यह पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ था. लोग दूर-दराज से यहां छाल लेने आते थे. उस वक्त भीड़ एक मेले का स्वरूप बन गई और देखते-देखते हर साल यहां पर मेला का आयोजन होने लगा.

मकर संक्रांति पर भीड़ (Crowd on Makar Sankranti ) ने प्रशासन पर भी सवाल खड़ा कर दिया है, क्योंकि इस पूरे मामले में प्रशासन को कोई भी जानकारी नहीं है. तकरीबन 20-25 सालों से इस गांव में मेले का आयोजन होता रहा है. ऐसे में करोना में ग्रामीणों को रोका गया था, बावजूद भीड़ लग गई है. माइक लगातार किया जा रहा है कि लोग मास्क लगाएं और कोरोना गाइड लाइंस का पालन करें.

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